गलतियों से सबक सीख आगे बढ़ती भाजपा

6 Min Read

नीरज कुमार दुबे (वरिष्ठ स्तंभकार )
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार को 11 वर्ष पूरे हो चुके हैं और इस समय भाजपा की ओर से मोदी सरकार की उपलब्धियों का जोरशोर से प्रचार देशभर में किया जा रहा है। इस क्रम में प्रेस कांफ्रेंसों के अलावा समाज के विभिन्न वर्गों के बीच भाजपा के नेता पहुँच कर मोदी सरकार की जन-कल्याणकारी नीतियों की चर्चा कर रहे हैं। ऐसा ही एक कार्यक्रम भाजपा की ओर से दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित किया गया जिसमें डिजिटल मीडिया के प्रतिनिधियों को देशभर से बुलाया गया और पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने उनके साथ खुलकर संवाद किया। यह वाकई ऐसा कार्यक्रम था जिसमें पार्टी के शीर्ष नेता बेझिझक सारे सवालों के जवाब दे रहे थे। देखा जाये तो आज के इस युग में डिजिटल और सोशल मीडिया ही सबसे बड़ी ताकत बन चुका है इसलिए इस मंच के महारथियों के साथ भाजपा के शीर्ष नेताओं का सीधा जुड़ाव एक अभिनव पहल भी थी।
कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, भाजपा आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय और पार्टी के सारे राष्ट्रीय प्रवक्ता उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान एक पावरप्वॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिये अश्विनी वैष्णव ने उन बड़ी पहलों का जिक्र किया जिससे देश में व्यापक रूप से बदलाव आया और विकसित भारत का आधार तैयार हुआ। अश्विनी वैष्णव ने विपक्ष की ओर से अक्सर उठने वाले सवालों के जवाब भी अपनी प्रेजेंटेशन के जरिये दिये जिससे कई चीजें स्पष्ट हुईं और भ्रम का वातावरण छँटा।
भाजपा के शीर्ष नेताओं ने डिजिटल मीडिया प्रतिनिधियों से सीधे संवाद में स्वीकार किया कि पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान पार्टी अति-आत्मविश्वास का शिकार हो गयी थी। भाजपा के शीर्ष नेताओं ने यह बात मानी कि हमने इस बात पर ठीक से ध्यान नहीं दिया कि ‘अबकी बार 400 पार’ के नारे का विपरीत असर हो रहा है। भाजपा के शीर्ष नेताओं ने यह भी माना कि आरक्षण के विरोध में जो बात निचले स्तर तक कांग्रेस और उसके एनजीओ ने पहुँचा दी थी उसे भांपने में हमसे देरी हुई और जब तक हमने कदम उठाये तब तक काफी देर हो चुकी थी। पार्टी नेताओं ने यह भी माना कि कई जगह उम्मीदवारों के चयन में खामियां थीं। पार्टी नेताओं ने कहा कि दरअसल लगातार जीत मिलने पर इस तरह का अति-आत्मविश्वास ऊपर से लेकर नीचे तक आ जाता है जिसका दुष्परिणाम देखने को मिला। पार्टी के नेताओं ने माना कि अक्सर भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं की गलतबयानी से पार्टी के लिए शर्मिंदगी हो जाती है, खासकर चुनावों के समय दिये गये विवादित बयानों से ज्यादा असहज स्थिति उत्पन्न हो जाती है। पार्टी नेताओं ने कहा कि अब वह उम्मीदवार चयन के लिए पैमानों को और कड़ा बना रहे हैं।
पार्टी नेताओं ने यह भी कहा कि मोदी सरकार की उपलब्धियां बेशुमार हैं और विपक्ष अब तक हमारी एक भी उपलब्धि को नकार नहीं पाया है। पार्टी नेताओं ने कहा कि विपक्ष सिर्फ विदेशी मामले जाकर देशी राजनीति में हंगामा करना चाहता है लेकिन जनता इसको स्वीकार नहीं करती। भाजपा और आरएसएस के बीच किसी तरह का मतभेद नहीं है और लोकसभा चुनावों के दौरान दिये गये एक विवादित बयान का मुद्दा सुलझ चुका है। भाजपा के नये राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर पूछे गये सवाल पर भी शीर्ष नेताओं ने कहा कि संघ और पार्टी के बीच कोई मतभेद नहीं है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल में फेरबदल की संभावनाओं से इंकार करते हुए पार्टी नेताओं ने कहा कि हाल-फिलहाल इसकी संभावना नहीं है। राहुल गांधी की ओर से संवैधानिक संस्थानों पर लगाये जाने वाले आरोपों पर पार्टी नेताओं ने कहा कि जनता उनके आरोपों पर नहीं बल्कि हमारे संस्थानों पर विश्वास करती है। पार्टी नेताओं ने कहा कि जनता के बीच होने वाले तमाम सर्वेक्षण इस बात को दर्शाते हैं कि राहुल गांधी के मुकाबले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता आज भी शीर्ष पर बनी हुई है।
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी के शीर्ष नेताओं ने यह स्पष्ट किया कि नीतीश कुमार ही एनडीए का मुख्यमंत्री चेहरा होंगे। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार का वोट उनके साथ दृढ़ता से खड़ा हुआ है। पार्टी नेताओं ने कहा कि लेकिन बिहार में टक्कर बराबर की लग रही है। हमें यह देखना है कि हम आगे कैसे निकलेंगे। भाजपा के शीर्ष नेताओं ने सवालों के जवाब में इस बात का विश्वास जताया कि बिहार में एक बार फिर एनडीए की सरकार बनेगी क्योंकि मोदी-नीतीश की जोड़ी का कोई तोड़ नहीं है। पार्टी के शीर्ष नेताओं ने यह भी स्वीकारा कि बंगाल में उनके पास प्रभावी नेतृत्व नहीं है और पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा से वहां कई गलतियां हुईं। पार्टी नेताओं ने कहा कि हम हमारी भूलों से सबक लेकर आगामी विधानसभा चुनाव जीतने की तैयारी में लगे हुए हैं। इसके अलावा भी तमाम राजनीतिक सवालों के जवाब भाजपा के शीर्ष नेताओं ने जिस अंदाज में दिये उसे देखकर वाकई यह लग रहा था कि भाजपा आलाकमान ने गलतियों से सबक ले लिया है।

Share This Article