किशनगंज, संवाददाता
मोहम्मद अंजार नईमी ने एआईएमआईएम के सिंबल पर 2020 में बहादुरगंज विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी। लेकिन थोड़े समय बाद एआईएमआईएम के पांच में से चार विधायकों ने राजद ज्वाइन कर लिया था। नईमी भी उन्ही चार में से एक विधायक हैं। आगामी विधान सभा चुनाव इनके लिए दो धारी तलवार पर चलने जैसा है।
टेढ़ागाछ प्रखंड उनके विधानसभा क्षेत्र में है जहां की बदहाल सड़कें सिर्फ उनका ही पोल नहीं खोल रही हैं बल्कि अब वह राजद में हैं तो लालू राज की याद भी दिला रही हैं। वर्ष 17 के भीषण बाढ़ में ध्वस्त पुल-पुलिया की आज तक मरम्मत नहीं हुई। उनके मतदाता के अलावा प्रखंड क्षेत्र की जिंदगी नाव और गड्ढों वाली सड़कों पर ही अटकी हुई है। बुनियादी सड़क सुविधा से महरूम इस क्षेत्र के लोग हर दिन दर्द और जोखिम के साथ सफर करने को मजबूर हैं। ये हालात विकास के दावों को शर्मसार करते हैं। लेकिन नईमी यह दिलासा दे सकते हैं कि इस बार तेजस्वी यादव की लहर चल रही है इसलिए जब राजद की सरकार की बनेगी तब क्षेत्र की हर समस्या सुलझा दी जाएगी। जनहित की समस्याओं से नेता बेखबर हैं। उनके सामने फायदेमंद मुद्दा वक्फ संशोधन बिल का विरोध एवं ऑपरेशन सिंदुर है। इस मुद्दे पर ही यहां के मतदाता विधानसभा पहुंचने का रास्ता आसान बना सकते हैं।
लेकिन बहादुरगंज विधानसभा अंतर्गत पड़ने वाले टेढ़ागाछ प्रखंड क्षेत्र की जमीनी सच्चाई बेहद चिंताजनक है। राजद तेजस्वी यादव के लहर का लाख जिक्र करे जनता का आक्रोश भी किसी लहर से कम नहीं है। समस्या के समाधान के आश्वासन के बोझ से दबे लोग टूटी हुई, गड्ढों से भरी और जलजमाव वाली सड़कों से जान जोखिम में डालकर आवाजाही करने को मजबूर हैं। टेढ़ागाछ से बहादुरगढ़ होते हुए बाहदुरगंज मुख्यालय को जोड़ने वाली मुख्य सड़क जो यहां की ‘लाइफलाइन’ है उस सड़क की हालत वर्षों से ध्यान नहीं देने से जर्जर है। लेकिन, रोजाना हजारों की संख्या में राहगीर और वाहनचालक इस खस्ताहाल सड़क से गुजरते हैं, जो कभी भी किसी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है।
स्थानीय लोगों साफ समझ है का कहना है कि टेढ़ागाछ प्रखंड शासन-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा और विकास हीनता का शिकार बनकर रह गया है। लोगों का सवाल यह है कि जब सालों बाद भी बाढ़ में ध्वस्त पुल नहीं बन सका और मुख्य सड़क की मरम्मत तक नहीं हुई तो चुनावी वादों का क्या महत्व रह गया है।
बहादुरगंज विधानसभा क्षेत्र की लाइफ लाइन कोमा में टेढ़ागाछ की बदहाल सड़कें चुनाव से पहले खोल रही जनप्रतिनिधियों की पोल
