भागलपुर, संवाददाता
भागलपुर की नदियों और अधिसूचित नि:शुल्क जलकरों में 15 जून से 15 अगस्त तक मछली पकड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लागू कर दिया गया है। यह रोक मछलियों के प्रजनन काल को ध्यान में रखते हुए है। प्रशासन के निर्णय से जहां जलजीव संरक्षण को बल मिलने की बात कही जा रही है, वहीं मछुआरा समुदाय में नाराजगी गहराती जा रही है।
वन विभाग ने सख्त चेतावनी जारी की है कि प्रतिबंध के बावजूद मछली पकड़ते पाए जाने पर दोषियों के खिलाफ बिहार जलकर प्रबंधन अधिनियम 2006 की धारा 13 के तहत 6 महीने की सजा, ₹500 तक जुर्माना या दोनों का प्रावधान है।
जिला मत्स्य पदाधिकारी कृष्ण कन्हैया ने बताया कि यह कदम जलजीवों की जैव विविधता की रक्षा और मछलियों के पुनरुत्पादन को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक है। उन्होंने जिले के सभी थाना प्रभारियों को पत्र भेजकर इस रोक को प्रभावी बनाने में सहयोग मांगा है।
मछुआरा समुदाय विपरीत परिस्थिति में पहुंच गया है। मछुआरों ने कहा कि मछली पकड़ना ही उनका मुख्य आजीविका का साधन है और इसी से वे अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं। मछुआरे बिपिन ने बताया, ‘सरकार हमें मछली पकड़ने से रोक रही है, लेकिन हमें कोई सहायता नहीं दी जा रही।
हमारे पास दूसरा कोई साधन नहीं है। मछुआरों ने प्रशासन से सहायता राशि या वैकल्पिक रोजगार की व्यवस्था की मांग की है। ताकि इस कठिन समय में जीवन यापन संभव हो सके। उन्होंने कहा कि सरकार अगर मछली पकड़ने पर रोक लगा रही है, तो उसे इससे प्रभावित परिवारों की चिंता भी करनी चाहिए।
भागलपुर में 15 अगस्त तक मछली पकड़ने पर पाबंदी रोक के बावजूद मछली पकड़ी तो 6 महीने की होगी सजा
