पटना के गंगा किनारे बने जेपी पथ के तर्ज पर नालंदा जिले को विकसित किया जा रहा है। पंचाने नदी के दोनों किनारों पर भव्य रिवर फ्रंट परियोजना का कार्य जोरशोर से शुरू हो चुका है। यह परियोजना न केवल नालंदा की सुंदरता को एक नया आयाम देगी, बल्कि पर्यटन के क्षेत्र में काफी मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट का निरीक्षण राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने किया। उन्होंने निर्माण एजेंसियों को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि कार्य में लापरवाही या गुणवत्ता में कोई समझौता नहीं चलेगा। मंत्री ने कहा कि यह केवल कंक्रीट की दीवार नहीं, नालंदा के भविष्य की नींव है। परियोजना लागत ₹32.86 करोड़ है और इसे 18 महीने में पूरा करने का लक्ष्य है। कोसुक से सिपाह पुल तक लगभग 1 किमी को विकसित करने की याजना पर काम शुरु हो गया है। यहा आकर्षक पाथवे, सजावटी लाइटिंग, बेंच, दो फुटओवर ब्रिज और हरियाली से भरपूर किनारे होंगे।
इस रिवर फ्रंट के बनने से स्थानीय लोगों को सुबह-शाम टहलने, सामाजिक आयोजनों और मनोरंजन के लिए एक खूबसूरत जगह मिलेगी। वहीं, पर्यटक इसे नालंदा भ्रमण के दौरान एक नया लैंडमार्क मानेंगे।
परियोजना का ठेका बेगूसराय की निर्माण कंपनी को दिया गया है, जिसे आधुनिक तकनीकों के उपयोग के साथ कार्य समयसीमा में पूरा करने का निर्देश दिया गया है। हरियाली और पर्यावरण संतुलन को ध्यान में रखते हुए निर्माण कार्य चल रहा है।
यह रिवर फ्रंट नालंदा को न केवल विकास की मुख्यधारा में लाएगा, बल्कि राज्य में ऐसे पहले छोटे शहरों में शामिल करेगा, जहां इतना भव्य और योजनाबद्ध रिवर फ्रंट तैयार किया जा रहा है। यह विकास की उस नई धारा का प्रतीक बनेगा, जो अब सिर्फ राजधानी ही नहीं, पूरे बिहार में बह रही है।
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