रक्सौल, संवाददाता
भारत-नेपाल सीमा पर एक बड़ी मानव तस्करी और धर्मांतरण की साजिश को सतर्क सुरक्षा एजेंसियों ने नाकाम कर दिया। मानव तस्करी रोधी इकाई (एएचटीयू), 47वीं वाहिनी सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), प्रयास जुवेनाइल एड सेंटर एवं स्वच्छ रक्सौल नामक सामाजिक संगठन की संयुक्त कार्रवाई में एक भारतीय और एक नेपाली तस्कर को गिरफ्तार किया गया, जो नेपाल से पांच हिंदू नाबालिग बच्चों को झांसा देकर हैदराबाद ले जाने की फिराक में थे। पकड़े गए बच्चों में तीन नाबालिग लड़कियां और दो लड़के शामिल हैं। इन सभी के नाम खुशबू, गीता, रीना, सोनू और मोहन(काल्पनिक) बताए गए हैं।
गिरफ्तार मोहम्मद सिराज (उत्तर प्रदेश निवासी) एवं मोहम्मद रियान (नेपाल निवासी) बच्चों को रोजगार का लालच देकर भारत ला रहे थे। लेकिन सटीक खुफिया सूचना के आधार पर एएचटीयू और एसएसबी ने रक्सौल स्थित मैत्री ब्रिज के पास सघन चेकिंग अभियान चलाया। पहले बच्चों को पकड़ कर उनकी काउंसलिंग की गई, जहां से इस घिनौनी साजिश का पर्दाफाश हुआ।
काउंसलिंग के दौरान सामने आया कि तस्करों ने बच्चों को सिखाया था कि पकड़े जाने पर वे अपने नाम मुस्लिम बताएं और खुद को तस्कर का रिश्तेदार बताएं। हालांकि गहराई से पूछताछ में बच्चों ने खुलासा किया कि वे सभी हिंदू हैं, और उन्हें यह सब बोलने की हिदायत दी गई थी। सभी बच्चों ने यह भी बताया कि वे मोहम्मद सिराज को नहीं जानते थे, लेकिन मोहम्मद रियान पर उनके परिवारवालों ने भरोसा किया।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, यह केवल मानव तस्करी का मामला नहीं, बल्कि एक गहरी धार्मिक साजिश का हिस्सा था। बच्चों को पहले दिल्ली और फिर हैदराबाद ले जाने की योजना थी, जहां उन्हें कथित तौर पर धर्मांतरण के लिए मानसिक रूप से तैयार किया जाना था। यह ‘लव-जिहाद’ का वह नेटवर्क प्रतीत हो रहा है, जो नेपाल की कमजोर सामाजिक स्थिति और आर्थिक अभाव का फायदा उठाकर भोले-भाले हिंदू बच्चों को जाल में फंसा रहा है।
इस संयुक्त कार्रवाई में एएचटीयू के प्रभारी इंस्पेक्टर विकास कुमार, सहायक उप निरीक्षक खेमराज, हवलदार अरविंद द्विवेदी, महिला सिपाही सुनीता एवं लक्ष्मी, प्रयास जुवेनाइल एड सेंटर की जिला परियोजना समन्वयक आरती कुमारी, सामाजिक कार्यकर्ता राज गुप्ता तथा स्वच्छ रक्सौल संस्था से रणजीत सिंह और साबरा खातून शामिल थे।
गिरफ्तार दोनों मानव तस्करों के खिलाफ हरैया थाना, रक्सौल में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। सभी बच्चों को सुरक्षित बचाकर बाल कल्याण समिति को सौंप दिया गया है। पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि इस नेटवर्क का मुख्य सरगना कौन है और किन-किन शहरों में यह जाल फैला हुआ है। यह घटना सिर्फ मानव तस्करी नहीं, बल्कि उस सुनियोजित धार्मिक षड्यंत्र की ओर इशारा करती है, जो सीमावर्ती क्षेत्रों में सक्रिय है। नेपाल के गरीब और अशिक्षित समुदायों को निशाना बनाकर वहां से हिंदू लड़कियों और बच्चों को बहला-फुसलाकर भारत लाया जा रहा है।
रक्सौल में मानव तस्करी और धर्मांतरण की बड़ी साजिश नाकाम लव-जिहाद के नेटवर्क का खुलासा, पांच नेपाली हिंदू नाबालिग बच्चों की तस्करी के प्रयास में दो गिरफ्तार
