दरभंगा एयरपोर्ट से मुंबई के लिए अकासा एयर ने 1 जुलाई से अपनी दैनिक उड़ान सेवा शुरू कर दी है। यह उड़ान मिथिलांचल और उत्तर बिहार के लोगों के लिए बड़ी राहत के रुप में हो सकती है। पहले इस रूट पर केवल स्पाइसजेट और इंडिगो की उड़ानें थीं, लेकिन अकासा एयर की एंट्री से प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और आने वाले समय में किराया लगभग 5,000 रुपये तक कम होने की भी उम्मीद है।
पहले दिन 180 सीटों वाला अकासा एयर का विमान पूरी तरह भरा हुआ था। यह मुंबई से सुबह 10:55 बजे रवाना हुआ और 2 घंटे 39 मिनट की यात्रा के बाद दोपहर 1:34 बजे दरभंगा एयरपोर्ट पर उतरा। विमान का वाटर कैनन से स्वागत किया गया और यात्रियों को केक, चॉकलेट, और गुलाब देकर अभिनंदन किया गया। वापसी में तकनीकी कारणों से विमान को सीधे मुंबई जाने की अनुमति नहीं मिली, इसलिए यह सिलीगुड़ी (बागडोगरा) के रास्ते मुंबई रवाना हुआ।
दरभंगा एयरपोर्ट सलाहकार समिति के अध्यक्ष डॉ. गोपालजी ठाकुर ने इस अवसर पर पहली उड़ान के यात्री को टिकट और बोर्डिंग पास सौंपकर सेवा की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि दरभंगा एयरपोर्ट लगातार नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में इसे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। नए टर्मिनल भवन, नाइट लैंडिंग सुविधा और CISF कैंप के लिए 100 एकड़ जमीन की व्यवस्था अंतिम चरण में है। यह एयरपोर्ट राजस्व और यात्री संख्या के मामले में भी शानदार प्रदर्शन कर रहा है।
मालूम हो कि दरभंगा एयरपोर्ट 8 नवंबर 2020 को उड़ान (UDAN) योजना के तहत शुरू हुआ था। अब यह उत्तर बिहार और मिथिलांचल का प्रमुख हवाई केंद्र बन चुका है। यहाँ से दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता और बेंगलुरु के लिए सीधी उड़ानें उपलब्ध हैं। मंगलवार को 14 उड़ानों का संचालन हुआ, जिनमें से अधिकांश समय पर या तय समय से पहले ही पहुँचीं। अकासा की दिल्ली-दरभंगा उड़ान (QP 1405) 15 मिनट पहले और इंडिगो की कोलकाता-दरभंगा उड़ान (6E7234) 28 मिनट पहले उतरी। केवल अकासा की मुंबई-दरभंगा उड़ान 4 मिनट देरी से पहुँची है। अकासा की नई सेवा से मिथिलांचल के साथ-साथ नेपाल के यात्रियों को भी लाभ होगा, खासकर त्योहारी सीजन में।
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