राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के मुखिया पशुपति कुमार ने पारस ने पटना में एक प्रेस वार्ता की। इस मौके पर पशुपति पारस ने कहा कि अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होना है। चुनाव से पहले एनडीए ने हार मान लिया है। उन्होंने सवाल उठाया कि मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान 30 दिन में कैसे पूरा होगा?
पशुपति पारस ने कहा कि बाबा साहेब ने जो अधिकार दिया, उसे छीनने की कोशिश की जा रही है। दलित गरीबों का मताधिकार छीन लिया जाएगा। जो दस्तावेज मांगे जा रहे हैं वह गरीबों के पास होंगे ही नहीं। उन्होंने कहा कि वोटर वेरिफिकेशन ड्राइव नहीं होने देंगे। इसके लिए वे हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जाएंगे। गांव-गांव जाकर आंदोलन करेंगे।
पशुपति पारस ने कहा कि बिहार की कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अस्वस्थ हैं। ये चुनाव में बड़ा मुद्दा होने वाला है। उन्होंने कहा कि बिहार में हम 25 जिलों का दौरा कर चुके हैं। अन्य जिलों का भी दौरा करेंगे। बिहार भर में दलित महापंचायत करेंगे। उन्होंने कहा कि बिहार सहित देश में दो गठबंधन है। एनडीए और इंडिया गठबंधन। एनडीए हम छोड़ चुके हैं।
पशुपति पारस ने कहा कि तेजस्वी से फोन पर बात हुई है। इस सप्ताह लालू-तेजस्वी के साथ बैठक करेंगे। जो भी होगा बिहार के हित के लिए होगा। उन्होंने कहा कि मेरी कोई शर्त नहीं। लालू परिवार से 1977 का रिश्ता है। महागठबंधन में सीटों को लेकर बातचीत करेंगे।
पशुपति पारस ने कहा कि हमारा एक ही सपना है सत्ता परिवर्तन हो। जब हम महागठबंधन में शामिल हो जायेंगे। उसके बाद जो बैठकें होंगी उसमें हम लोग जाएंगे। इस मौके पर बिहार आरएलजेपी के अध्यक्ष प्रिंस राज पासवान ने कहा कि एनडीए के पास चेहरा नहीं है। चेहरा को लेकर कन्फ्यूजन है। सहयोगी दल आपस में लड़ रहे हैं। यह सरकार अब जाने वाली है।
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