बिहार के बड़े कारोबारी गोपाल खेमका कत्ल मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। इस कत्ल का मास्टरमाइंड अशोक साव ने बेऊर जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर अजय वर्मा को सुपारी देकर हत्या की साजिश रची थी। मुख्य शूटर उमेश यादव की गिरफ्तारी हो चुकी है। साथ ही हथियार सप्लायर विकास उर्फ राजा का पुलिस एनकाउंटर दर दिया है। इसके बाद पुलिस ने मामले की तह तक पहुंचने का दावा किया है।
इस हत्याकांड में डीजीपी विनय कुमार पटना पुलिस मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले का खुलासा कर सकते हैं। पटना पुलिस सूत्रों की जानकारी के अनुसार, मास्टरमाइंड अशोक साव ने बेऊर जेल में बंद कुख्यात गैंगस्टर अजय वर्मा को 10 लाख रुपये की सुपारी देकर इस हत्या की साजिश रची थी।
पटना पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, अजय वर्मा ने अपने गुर्गों को गोपाल खेमका की हत्या का काम सौंपा गया था। इसके लिए 3.5 लाख रुपये मुख्य शूटर उमेश यादव तक पहुंचा था। उमेश यादव ने 4 जुलाई 2025 की रात गांधी मैदान थाना क्षेत्र में खेमका के अपार्टमेंट के बाहर गोली मारकर हत्या को अंजाम दिया जो सीसीटीवी में कैद हो गया। पटना पुलिस को हत्याकांड के बाद बेऊर जेल से अहम लीड मिली जिसके बाद छापेमारी में तीन मोबाइल, सिम कार्ड और संदिग्ध नंबरों की पर्ची बरामद हुई जिसके आधार पर उमेश यादव को मालसलामी इलाके से गिरफ्तार किया गया।
उमेश यादव ने पूछताछ में हथियार सप्लायर विकास उर्फ राजा का नाम उजागर किया जो उसका पुराना दोस्त था। राजा हथियार बनाने और बाहर से सप्लाई करने का काम करता था और वह कई बड़े आपराधिक मामलों में शामिल रहा था। जांच में पता चला कि उमेश 24 जून को दिल्ली से लौटने के बाद अजय वर्मा से मिला था। पुलिस को शक है कि हत्या के पीछे जमीन विवाद या कारोबारी रंजिश हो सकती है। उमेश यादव की निशानदेही पर हत्या में इस्तेमाल पिस्तौल, स्कूटी और 3 लाख रुपये नकद बरामद किए गए है।
बिहार में कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाने वाले इस मामले में पुलिस का यह खुलासा बड़ा राजनीतिक और आपराधिक प्रभाव डाल सकता है। गोपाल खेमका हत्याकांड ने बेऊर जेल से आपराधिक साजिश और कारोबारी रंजिश की गहरी परतें खोल दी हैं। पुलिस की कार्रवाई और आज के खुलासे से बिहार में खलबली मच सकती है।
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