गयाजी, संवाददाता
बिहार में मतदाता पुनरीक्षण को लेकर महागठबंधन ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार और इलेक्शन कमीशन की मिलीभगत से बिहार में गरीब, मजदूर, दलित, महादलित समाज के लोगों को मतदाता सूची से बाहर करने की साजिश रची जा रही है। डबल इंजन की सरकार बनवाने के लिए करीब 3 करोड़ मतदाताओं का नाम काटने की तैयारी है। जिसे महागठबंधन के लोग होने नहीं देंगे।
जहानाबाद के सांसद सुरेंद्र यादव ने कहा कि गरीबों का वोट छीनने की कोशिश लोकतंत्र के खिलाफ सीधे तौर पर साजिश है। महागठबंधन इसे जमीन पर फेल करेगा। मनमानी नहीं चलने देंगे। साथ ही में उन्होंने मीडिया से कहा कि महागठबंधन की बातों को आपने नहीं रखा तो जो हाल बिहार का होगा, उसकी जिम्मेदारी से मीडिया भी नहीं बच पाएगी।
पूर्व मंत्री अवधेश सिंह ने कहा कि बिहार की सड़कों से लेकर रेलवे ट्रैक तक 9 जुलाई को जनता की आवाज गूंजेगी। जीटी रोड, पटना-गया रोड और रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया जाएगा, ताकि गरीबों की आवाज सत्ता और इलेक्शन कमीशन तक पहुंचे। उन्होंने मीडिया से कहा कि इस आंदोलन को नजरअंदाज मत करिएगा। सच को छिपाइएगा नहीं।
महागठबंधन के नेताओं का तर्क है कि 90% दलित-गरीब परिवारों के पास घर में दस्तावेज सुरक्षित नहीं रहते। ऐसे में अगर बीएलओ इलेक्शन कमीशन की गाइड लाइंस के तहत दस्तावेज मांगेंगे तो ये लोग क्या दिखाएंगे। नेताओं ने कहा कि सरकार और आयोग को गरीब-गुरबों की हकीकत मालूम है। इसी कमजोरी का फायदा उठाकर मतदाता पुनरीक्षण के नाम पर वोट छीनने की कोशिश हो रही है। पूर्व डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव ने मतदाता पुनरीक्षण की खामियों को एक-एक कर उजागर करते हुए कहा कि इतनी जल्दी इस प्रक्रिया को पूरा करना संभव नहीं है।
सड़क से रेल तक आज रहेगा चक्का जाम, सियासत वोटर लिस्ट की मतदाता पुनरीक्षण को लेकर महागठबंधन का विरोध
