शिक्षा विभाग के ACS डॉ. एस. सिद्धार्थ को लेकर सस्पेंस पर हटा पर्दा, इस्तीफा पर आ गई सफाई..

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बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ के इस्तीफे की खबरें सामने आने के बाद कई तरह के चर्चाएं शुरु हो गई थी। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति  के तहत इस्तीफा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भेजा है। अब सीएम की मंजूरी के बाद इस पर अंतिम फैसला होना है। लेकिन सभी खबरों पर डॉ. एस. सिद्धार्थ ने विराम लगा दिया है।

दरअसल पूरा मामला जब तूल पकड़ने लगा और प्रशासनिक गलियारों में चर्चा तेज हुई कि एस सिद्धार्थ ने इस्तीफा दे दिया है, तो खुद डॉ. एस. सिद्धार्थ सामने आए और इस्तीफे की खबरों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि “मैंने इस्तीफा नहीं दिया है।

बता दें कुछ मीडिया संस्थानों के मुताबिक, सिद्धार्थ ने निजी कारणों का हवाला देते हुए VRS की पेशकश की है।यह भी कहा गया कि उन्होंने मुख्यमंत्री को सीधे पत्र लिखा है, और अभी तक इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ है।चूंकि वे इस साल नवंबर में रिटायर होने वाले हैं, ऐसे में अचानक इस्तीफा देना कई सवाल खड़े कर रहा है।

डॉ. एस. सिद्धार्थ की गिनती बिहार के सबसे कार्यकुशल और सख्त अफसरों में होती है। 1991 बैच के IAS अधिकारी रहे सिद्धार्थ की पहचान एक निष्पक्ष, सख्त और टेक-सैवी अफसर के रूप में है। उन्होंने छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने, शिक्षकों की हाजिरी सुनिश्चित करने जैसे अहम बिंदुओं पर ज़ोर दिया। वे अपने कार्यालय से वीडियो कॉल के ज़रिए स्कूलों की निगरानी करते थे। चाय की दुकानों पर आम लोगों से बातचीत और कभी-कभी मिठाई की दुकानों में खुद पकवान बनाते दिखना, उनके अनौपचारिक और जमीनी कार्यशैली की झलक देता है।

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