बिहार में पिछले कुछ दिन से मॉनसून की हो रही बारिश ने सैलाब जैसी हालात पैदा कर दी है। गंगा के आस-पास के इलाके में सैलाब का डर भयांक हो गया है। भागलपुर, कहलगांव और सुल्तानगंज के इलाकों में हालात भयावह हो चुके हैं। पानी लगातार बढ़ रहा है और ग्रामीणों का अपने मवेशियों के साथ ऊंची जगहों की ओर पलायन शुरू हो चुका है। इसके साथ ही बांधों पर दबाव, टूटी संरचनाएं और प्रशासन की बेचैनी साफ ईशार कर रहा है कि कभी भी बाढ़ विकराल रुप ले सकता है।
भागलपुर जिले में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ते हुए खतरे के निशान को पार कर चुका है, जिससे दियारा क्षेत्र में दहशत का माहौल बन गया है। प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है, लेकिन ज़मीनी हालात पहले ही खराब है। कई जगह बांध पर गंगा का दबाव बढ़ गया है। वहीं, सबौर के चांयचक क्षेत्र में कटाव की रफ्तार तेज़ हो गई है, जिससे सैकड़ों ग्रामीणों की जमीन और घर खतरे में हैं।
हालांकि गंगा घाटों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। श्रावणी मेला के चलते कांवरियों की भारी भीड़ सुल्तानगंज में जुटी है, जिससे प्रशासन की चुनौती और बढ़ गई है। सभी घाटों पर एसडीआरएफ की टीमें और गोताखोर तैनात किए गए हैं। श्रद्धालुओं से लगातार अपील की जा रही है कि वे बैरिकेडिंग के भीतर ही स्नान करें और सावधानी बरतें।
बिहार के जल संसाधन अभियंताओं का मानना है कि उत्तराखंड, यूपी और बिहार में लगातार हो रही बारिश के चलते गंगा में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। अगर यही रफ्तार जारी रही, तो भागलपुर और आसपास के इलाकों में बड़ी तबाही से इनकार नहीं किया जा सकता। फिलहाल प्रशासनिक तैयारियां जारी हैं, लेकिन सवाल यह है कि क्या अलर्ट और टीमों की तैनाती इस बार गंगा के रौद्र रूप को रोक पाएगी?
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