आईडीबीआई बैंक के प्रस्तावित निजीकरण के विरोध में, ऑल इंडिया आई.डी.बी.आई. ऑफिसर्स एसोसिएशन (AIIDBIOA) ने आज एक राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया, जिसमें बिहार एवं झारखण्ड के कर्मचारियों ने भाग लिया। हड़ताल के दिन प्रदर्शन आई.डी.बी.आई. बैंक की फ्रेजर रोड शाखा के सामने सुबह शुरू हुआ जो कि दिन भर चलता रहा,
मुख्य मुद्दा और मांग
- भारत सरकार के द्वारा idbi बैंक में 51% हिसादरी सुनिश्चित करे।
- 2003-04 में तत्कालीन वित्तमंत्री जसवंत सिंह एवं माननीय संसद श्रीमती सुषमा स्वराज के द्वारा यह अश्वश्वान दिया गया था कि idbi बैंक में सरकार की हिस्सेदारी 51% से कम कभी भी नहीं होगी।
- IDBI बैंक में 5,000 वलकों और 2,000 सब-स्टाफ की भर्ती।
- IDBI बैंक में प्रचलित जहरीली कार्य संस्कृति को रोका जाए।
- अधिकारियों के लिए द्विपक्षीय स्थानांतरण नीति लागू करना।
- IDBI बैंक में शाखाओं के वर्गीकरण पर प्रधान कार्यालय परिपत्र जारी करना।
- अधिकारियों के लिए फर्नीचर सुविधा का प्रावधान।
- त्रैमासिक संरचित बैठकें (QSM) आयोजित करना।
- कामगार कर्मचारियों के लिए चिकित्सा सहायता कोष योजना को पुनः लागू करना।
- मैट्रिक पास क्लास IV के कर्मचारियों को सॉर्टिंग क्लर्क के पद पर पदोन्नति पर द्विपक्षीय समझौता लागू करना।
कर्मचारियों ने बैंक के निजीकरण के सरकार के फैसले के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त की और अपनी मांगों को सरकार और प्रबंधन तक पहुंचाने की अपील की। प्रदर्शन के दौरान, ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (AIBOA) के अध्यक्ष कॉमरेड आलम और महासचिव कॉमरेड डॉ. कुमार अरविंद ने कर्मचारियों को संबोधित किया।
इसके अलावा, AIIDBIOA की पटना अंचल के अध्यक्ष अंशु कुमार, सचिव रौशन कुमार सिंह और संयुक्त सचिव ज्ञान प्रकाश ने भी प्रदर्शनकारियों को संबोधित किया। इस अवसर पर ग्रामीण बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के महासचिव कॉमरेड नदीम अख्तर और इंडियन बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन के महासचिव कॉमरेड विवेक नारायण भी मौजूद थे।
इस प्रदर्शन में AIIDBIOA की पटना अंचल के कई अन्य सदस्यों ने भी हिस्सा लिया, जिनमें सौरभ सुमन, राहुल वर्मा, सत्या रानी, निशांत कुमार, अवधेश कुमार, संजीव कुमार, जय शंकर सिंह और ज्ञान वर्धन सहित अन्य लोग शामिल थे। प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने एकजुटता दिखाते हुए सरकार से निजीकरण का फैसला वापस लेने की मांग की।