सूर्यग्रहण और चंद्र ग्रहण खगोलीय घटनाएं के साथ लोगों की जिंदगी को भी काफी प्रभावित करता है। ज्योतिष शास्त्र में इन्हें विशेष महत्व दिया गया है। इस साल के सितंबर 2025 में यह दुर्लभ योग बन रहा है कि केवल 15 दिनों के भीतर दो ग्रहण होंगे। पहले 7 सितंबर को चंद्रग्रहण और उसके 15वें दिन 21 सितंबर को सूर्यग्रहण घटित होगा। एक ही महीने में इतने कम अंतराल में ग्रहण लगना ज्योतिष में बड़े बदलाव और संभावित चुनौतियों का संकेत माना जाता है।
साल 2025 यह अजीब संयोग लाया है कि दो ग्रहण इतने करीब हैं. इससे पहले, साल 2022 में 25 अक्टूबर को सूर्यग्रहण और 8 नवंबर को चंद्रग्रहण हुआ था। वहीं, साल 1979 में 22 अगस्त को सूर्यग्रहण और 6 सितंबर को चंद्रग्रहण हुआ था। इस वर्ष का योग उसी तरह बन रहा है।
भाद्रपद मास की पूर्णिमा तिथि, 7 सितंबर 2025 को साल का अंतिम पूर्ण चंद्रग्रहण होगा. यह ग्रहण भारत, एशिया, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया के कई हिस्सों में दिखाई देगा।
पूर्ण चंद्रग्रहण के समय धार्मिक और मानसिक प्रभाव अधिक माना जाता है. वैदिक धर्मशास्त्रों के अनुसार इस दौरान भोजन, जल, पूजा-पाठ और शुभ कार्यों पर रोक होती है. गर्भवती महिलाओं को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी जाती है। चंद्रग्रहण के 15 दिन बाद, 21 सितंबर को अश्विन मास की अमावस्या तिथि पर खंडग्रास सूर्यग्रहण घटित होगा. यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, लेकिन इसका ज्योतिषीय प्रभाव रहेगा।
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