NDA के कार्यकर्ता सम्मेलन में शामिल हुए मनीष वर्मा, बोले-बिहार में नीतीश कुमार की आंधी चल रही..RJD को खूब सुनाया

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जदयू (JDU) के राष्ट्रीय महासचिव मनीष वर्मा सोमवार को मधुबनी पहुंचे। जहां वो लौकहा विधानसभा क्षेत्र के लौकही में एनडीए (NDA) गठबंधन द्वारा आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में शामिल हुए। जहाँ कार्यकर्ताओं ने मनीष वर्मा का भव्य स्वागत किया। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में तमाम NDA घटक दलों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता शामिल हुए।

इस कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मनीष वर्मा ने कहा कि एनडीए में पांचों दल एक साथ मिलकर चुनाव में उतर रहे हैं। जब पांचों उंगलियां मिल जाती हैं तो मुट्ठी के प्रहार से विपक्ष चित हो जाता है। इस एकता से प्रदेश में एनडीए की आंधी चल रही है। ‘अब हवाएं ही करेंगी रोशनी का फैसला, जिस दिए में तेल होगा, वही दिया जल पाएगा’

उन्होंने कहा कि इसी लौकही के ऐतिहासिक धरती पर चुनावी सभा में जनता की मांग पर नीतीश जी ने अटल जी को मैथिली को संवैधानिक भाषा का दर्जा देने की मांग की थी। नीतीश जी के आग्रह पर अटल बिहारी वाजपेयी की एनडीए सरकार ने 2003 में उनकी मांग को पूरा किया था।

आज बिहार और खास कर मिथिला तेज गति से आगे बढ़ रहा है। अब तक नीतीश सरकार ने 20 सालों में हज़ारों, सैकड़ों योजनाएं जनता के लाभ के लिए लागू की हैं लेकिन जब राजद के पति-पत्नी की सरकार थी, उन्होंने बिहारी अस्मिता को बदनाम करने का काम किया था। बिहारियों को वह गौरव दिलाने का काम एनडीए गठबंधन ने अपने कंधे पर उठाया है, जो कभी अखंड भारत पर शासन करता था। उसी बिहार की बदौलत भारत को विश्व गुरु कहा गया।

नीतीश कुमार ने जब गद्दी संभाली तो सारे अपराधी या तो गिरफ्तार किए गए या उन्हें राज्य छोड़ने पर मजबूर कर दिया गया। तब जाकर बिहार में शांति हुई। विकास की मूल अवधारणा शांति है। जिस तरह मध्य बिहार नक्सलवाद की आग में जल रहा था, सैकड़ों हत्याएं हो रही थीं, उसी बिहार में सभी जातियों में समन्वय स्थापित कर शांति बहाल की गई।

नीतीश जी के नेतृत्व में सरकार द्वारा बिहार में सड़कें और बिजली सुधारी गईं। लेकिन विकास की इस परिकल्पना को आगे बढ़ाने के लिए मानव संसाधन तैयार करने के उद्देश्य से शिक्षा की व्यवस्था भी की गई। आज बिहार के हर जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज खुल गया है। राज्य के बच्चे यहां के इंजीनियरिंग कॉलेज में मात्र 10 रुपए शुल्क में पढ़ाई कर रहे हैं। शिक्षा विभाग का बजट 77 हज़ार करोड़ रुपए हो गया है।

उन्होंने तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि आपके सामने एक ऐसा व्यक्ति है जो बिहार के लिए दिन-रात बिहार के विकास के लिए काम कर रहा है, और दूसरा वो जिसके माता-पिता ने बिहार को गड्ढे में डाल दिया था। जिससे बिहार बाक़ी राज्यों के तुलना में काफ़ी पिछड़ गया। बीते 20 सालों में बिहार बहुत बदला है, लेकिन यदि आप एक चूक करेंगे तो हमारे बच्चों के भविष्य पर ग्रहण लग जाएगा। बातें करने वाले बहुत हैं, आप काम देखिए और उसके आधार पर अपना नेता चुनिए।

बिजली आधुनिक अर्थव्यवस्था की आधारभूत संरचना है। आज बिजली और सड़क बनने से जगह-जगह उद्योग लगे हैं। अगला 5 साल का कार्यकाल बिहार के औद्योगीकरण के लिए होगा। नीतीश जी जो कहते हैं, वह करते हैं। आप 20 सालों का रिकॉर्ड उठा कर देख लीजिए।

प्रशांत किशोर पर उन्होंने कहा कि “एक कनफुकवा है, जो गांधी का पोस्टर लगाकर ख़ुद को महा ज्ञानी समझता है, दिनभर सबको चैलेंज करता है। गांधी जी का पोस्टर लगाकर शराब बेचने की घोषणा करने वाला ये लोग कैसी राजनीति कर रहे हैं? कितना पैसा लिए हो शराब कंपनियों से? क्या उसी पैसे से कैंपेन चला रहे हो? क्या भाड़े के लोग लाकर लोकतंत्र का हरण करना चाहते हो? तुम प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री बनाओगे? तुम्हारी हैसियत क्या है?

इस कार्यकर्ता सम्मेलन में मद्य निषेध मंत्री रत्नेश सदा, नगर विकास मंत्री जीवेश मिश्रा, शिवहर के सांसद लवली आनंद, महाराजगंज के सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, पूर्व राज्यसभा सांसद कहकशां परवीन, महिला आयोग की अध्यक्ष अप्सरा मिश्रा, जदयू महिला प्रकोष्ठ की प्रदेश अध्यक्ष भारती मेहता, रालोमो नेत्री स्मृति कुमुद, लोजपा नेता श्यामसुंदर पासवान, जदयू जिलाध्यक्ष फूले भंडारी और भाजपा जिलाध्यक्ष बच्चा कामत शामिल हुए।

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