भारतीय नौसेना 2030 तक अपने समूचे बेड़े को पूरी तरह से ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइलों से लैस करने जा रही है। ऐसा होने पर समुद्र में भारत की मारक क्षमता में अप्रत्याशित वृद्धि हो जाएगी। किसी भी वक्त भारतीय नौसेना एक साथ 300 से ज्यादा ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल दाग कर दुश्मनों के ठिकानों को तबाह करने में सक्षम होगी। ऑपरेशन सिंदूर में ब्रह्मोस ने अपनी मारक क्षमता और ताकत का जो परिचय दे दिया है, उससे यह भारतीय सशस्त्र सेना के लिए सबसे घातक हथियारों में से एक के रूप में उभरा है।
ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइलों की सफलता को देखते हुए ही भारतीय नौसेना ने अपने नए स्टील्थ फ्रिगेट को भी स्वदेशी ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइलों से लैस किया है। भारतीय नौसेना के पास अब 14 गाइडेड मिसाइल स्टील्थ फ्रिगेट हो चुके हैं और इनमें से प्रत्येक में 8 वर्टिकल लॉन्च ब्रह्मोस एंटी-शिप मिसाइलें तैनात हैं। इसके अलावा नेवी के पास अभी 6 तलवार क्लास युद्धपोत हैं, जिनमें से 4 में पहले से ही ब्रह्मोस मिसाइल तैनात किए जा चुके हैं और बाकी दो को भी अपग्रेड करने का काम चल रहा है।
रूस आईएनएस तुषिल और आईएनएस तमाल भारत को सौंप चुका है, बाकी और दो भी जल्द नौसेना के बेड़े में शामिल होने वाले हैं। इस तरह से साल 2030 के अंत तक भारतीय नौसेना के पास ब्रह्मोस मिसाइलों से लैस 20 स्टील्थ फ्रिगेट होंगे। इसके अलावा 7 नीलगिरी क्लास, 3 शिवालिक क्लास और 10 तलवार क्लास युद्धपोत होंगे, और वो भी ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइलों से लैस होंगे।
भारतीय नौसेना के पास 13 विध्वंसक ( destroyer ) भी देश की सेवा में तैनात हैं। नए विध्वंसकों में तो एक साथ 16 ब्रह्मोस वर्टिकल लॉन्च तैनात किए जा सकते हैं, जबकि पुराने में से प्रत्येक में 8 की क्षमता है। इन 13 में से 4 विशाखापत्तनम श्रेणी, 3 कोलकाता श्रेणी, 3 दिल्ली श्रेणी और 3 राजपूत श्रेणी के विध्वंसक हैं। अगर इन सबकी मारक क्षमता को एक साथ मिला दें तो 2030 तक भारतीय नौसेना एक साथ 300 ब्रह्मोस मिसाइल दाग कर दुश्मन के ठिकानों का नामोनिशान मिटा सकती है।
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