जस्टिस नागरत्ना ने पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के सुप्रीम कोर्ट में प्रमोशन का किया विरोध, कॉलेजियम की सिफारिश को तो..

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जस्टिस बीवी नागरत्ना ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को लेकर कई तरह के सवाल उठाए हैं। उन्होंने पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस विपुल मनुभाई पंचोली को सर्वोच्च न्यायालय में प्रमोशन देने की सिफारिश की है। लेकिन, पता चला है कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला सर्वसम्मति से नहीं लिया जा सका। सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों के कॉलेजियम की एक सदस्य जस्टिस बीवी नागरत्ना ने इस फैसले से असहमति जताई थी। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस पंचोली के अलावा बॉम्बे हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस आलोक अराधे को भी सर्वोच्च न्यायालय में प्रमोशन देने की सिफारिश की है।

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सदस्य जस्टिस बीवी नागरत्ना ने पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस विपुल मनुभाई पंचोली को सुप्रीम कोर्ट में प्रमोशन दिए जाने के प्रस्ताव का विरोध किया था। जस्टिस नागरत्ना की आपत्ति जस्टिस पंचोली की वरिष्ठता और सु्प्रीम कोर्ट में क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व को लेकर थी। हाई कोर्ट के जजों की वरिष्ठता की रैंक में भारत के सभी हाई कोर्ट के जजों में जस्टिस विपुल मनुभाई पंचोली अभी 57वें स्थान पर हैं।

मौजूदा सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम में सीजेआई बीआर गवई के अलावा जस्टिस सूर्य कांत, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस नागरत्ना शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार आमतौर पर सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम प्रमोशन के लिए तीन चीजों को अहमियत देता रहा है- हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस और जजों की अखिल भारतीय स्तर पर ओवरऑल सीनियरिटी, सुप्रीम कोर्ट में क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व और जजों की ‘योग्यता और सत्यनिष्ठा’। पहले इन सिफारिशों के लिए इन चीजों में संतुलन रखने की कोशिश होती रही है।

खबर की माने तो जस्टिस नागरत्ना की आपत्ति गुजरात हाई कोर्ट से एक और जज के नाम की सिफारिश को लेकर भी थी, क्योंकि इसी हाई कोर्ट से तीन महीने के अंदर ही जस्टिस एनवी अंजारिया का भी सुप्रीम कोर्ट में प्रमोशन हो चुका है। जस्टिस पंचोली का नाम पहले मई में चर्चा के लिए आया था। तब कॉलेजियम के कम से कम दो सदस्यों ने उनकी वरिष्ठता को लेकर सवाल उठाया था। तब वरिष्ठता को देखते हुए जस्टिस अंजारिया को सुप्रीम कोर्ट का जज और जस्टिस पंचोली को पटना हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया था। लेकिन, इस बार जब फिर उनका नाम आया तो जस्टिस नागरत्ना ने गुजरात हाई कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट में ज्यादा प्रतिनिधित्व की ओर ध्यान खींचा।

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