बरसात के बाद बदलते मौसम ही बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। खास करके वायरल फीवर के मामले तेजी से सामने आने लगते हैं। अचानक मौसम बदलने, बारिश और उमस भरे माहौल की वजह से शरीर की इम्यून सिस्टम क्षमता कमजोर हो जाती है और लोग तेजी से संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं। इसीलिए मौसमी बीमारियों से बचने के लिए सतर्क रहना बेहद जरूरी है।
वायरल फीवर एक आम मौसमी बीमारी है जो वायरस के कारण फैलती है। मौसम बदलते ही शरीर को नए वातावरण में ढलने में वक्त लगता है। इस दौरान अगर लोग साफ-सफाई और खानपान पर ध्यान न दें तो वायरस तेजी से फैलता है। यही कारण है कि इन दिनों बुखार, खांसी, जुकाम, सिरदर्द और थकान जैसी समस्याएं आम हो गई हैं।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वे फ्लू और वायरल फीवर को समझने, उनकी प्रकृति जानने और बचाव के विज्ञान-आधारित उपायों पर विस्तार से चर्चा हो रही है। वे पर्याप्त हाइड्रेशन, आराम, संतुलित आहार, टीकाकरण और मास्क-हैनड-हाइजीन की चर्चा हो रही है।
अगर बुखार 3-4 दिन से ज्यादा बना रहे, तापमान काफी ज्यादा हो, सांस लेने में कठिनाई, तेज सिरदर्द या उल्टी जैसी समस्याएं हों तो तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना चाहिए। वायरल फीवर से बचना मुश्किल नहीं है, बस सतर्क रहना जरूरी है। साफ-सफाई, पौष्टिक आहार और पर्याप्त आराम के जरिए आप इस मौसमी बीमारी से खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित रख सकते हैं।
इस मौसम में घरेलू नुस्खे अपनाएं, अदरक, तुलसी, हल्दी और शहद इंफेक्शन से लड़ने में सहायक हो सकते हैं। टीकाकरण करवाएं, फ्लू जैसी मौसमी बीमारियों से बचने के लिए समय पर टीकाकरण कराना भी अहम है।
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