मराठा आंदोलन के बीच महाराष्ट्र सरकार का बड़ा फैसला, मनोज जरांगे पाटिल के सभी मांग को सरकार ने स्वीकारा, मुंबई खाली करने की घोषणा

By Aslam Abbas 116 Views Add a Comment
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मराठा आरक्षण आंदोलन के बीच महाराष्ट्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। महाराष्ट्र सरकार ने आंदोलनकारी नेता मनोज जरांगे पाटिल की प्रमुख मांग को स्वीकार करते हुए हैदराबाद गजट को लागू करने पर सहमति जताई है। इसके मुताबिक गजट में मराठा समुदाय को कुनबी किसान जाति से संबंधित बताया गया है, जो ओबीसी आरक्षण के अंतर्गत आता है। इसके साथ ही सरकार ने आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर दर्ज सभी मामलों को वापस लेने का भी निर्णय लिया है।

इसके बाद मंत्रियों के साथ बैठक के बाद अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए मनोज जरांगे पाटिल ने कहा कि हम आपकी ताकत से जीते हैं। आज मुझे गरीबों की ताकत का एहसास हुआ। मुंबई के आजाद मैदान में कैबिनेट उप-समिति की बैठक में मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल, माणिकराव कोकाटे और शिवेंद्र राजे भोसले ने श्री पाटिल से मुलाकात की। यह सरकार और आंदोलन नेतृत्व के बीच पहली औपचारिक बातचीत थी। बैठक के बाद पाटिल ने घोषणा की कि सरकार के प्रस्ताव जारी होते ही उनके समर्थक रात 9 बजे तक मुंबई खाली कर देंगे।

बता दें कि मनोज जरांगे पाटिल 29 अगस्त से भूख हड़ताल पर हैं और मराठवाड़ा, पश्चिमी महाराष्ट्र के मराठा समुदाय के लिए शिक्षा और नौकरियों में आरक्षण की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हैदराबाद गजट ऐतिहासिक प्रमाण है, जिससे मराठा समुदाय की पहचान को पुनर्स्थापित किया जा सकता है।

हालांकि, आंदोलन के कारण मुंबई में जनजीवन प्रभावित हुआ, जिस पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया। अदालत ने चेतावनी दी कि अगर दोपहर 3 बजे तक आज़ाद मैदान खाली नहीं हुआ, तो अवमानना की कार्रवाई की जाएगी। अदालत ने आंदोलनकारियों को उल्लंघनकर्ता बताते हुए कहा कि उन्हें तुरंत हटना चाहिए। मनोज जरांगे पाटिल के वकील सतीश मानशिंदे ने अदालत में असुविधा के लिए माफ़ी मांगी, लेकिन अदालत ने राज्य सरकार की भूमिका पर भी सवाल उठाए और कहा कि स्थिति को इस स्तर तक नहीं पहुंचना चाहिए था।

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