कांग्रेस की रणनीति में हार..उपराष्ट्रपति चुनाव में लगा जोरदार झटका, जानिए..

By Aslam Abbas 104 Views Add a Comment
4 Min Read

भारत के उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन की जीत के बाद कई तरह की चर्चाएं शुरु हो गई है। मतदान से पहले कांग्रेस और उसके विपक्षी साथियों ने नैतिक जीत जैसी बातें कही थी, लेकिन जब परिणाम आया और शुरु से लेकर आखिर तक के चुनावी प्रक्रिया का विश्लेषण हुआ तो मालूम पड़ा कि कांग्रेस और उसकी अगुवाई वाले गठबंधन की रणनीतिक हार हो गई।

दरअसल कांग्रेस ने पहले आधिकारिक रूप से एलान किया कि विपक्ष के सारे 315 वोट उसके खाते में गए हैं। लेकिन, जब मतों की गिनती हुई तो विपक्ष के प्रत्याशी बी सुदर्शन रेड्डी को महज 300 वोट ही मिले। इसका मतलब ये हुआ कि 15 सांसदों ने क्रॉस वोटिंग की। माना जा रहा है कि सत्ताधारी खेमा आम आदमी पार्टी (AAP) और शिवसेना (यूबीटी) में सेंध लगाने में सफल रहा है।

कांग्रेस और इंडिया ब्लॉक की रणनीति तब फेल हो गई, जब वाईएसआर कांग्रेस पार्टी जैसे दल ने एनडीए प्रत्याशी सीपी राधाकृष्णन को सपोर्ट कर दिया और बीजेडी, अकाली दल और भारत राष्ट्र समिति (BRS) जैसी पार्टियों ने मतदान से अलग रहकर परोक्ष रूप से बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए का सहयोग कर दिया। कांग्रेस और उसके सहयोगी लंबे-चौड़े दावे ही करते रह गए, लेकिन उनकी रणनीति पूरी तरह से फेल हो गई।

एनडीए ने सीपी राधाकृष्णन के लिए विपक्षी दलों से भी सहयोग मांगा था। तमिलनाडु में अगले साल विधानसभा चुनाव है और ऐसे में अगर राधाकृष्णन की जीत सुनिश्चित मानकर कांग्रेस और डीएमके जैसी पार्टियां उनका समर्थन करती तो उसे कम से कम यह गौरव करने का मौका मिलता कि उन्होंने एक तमिल को देश के दूसरे सर्वोच्च पद पर बैठने में बेझिझक सहयोग किया है। लेकिन, विपक्ष ने यह एक अच्छा अवसर गंवा दिया।

बी सुदर्शन रेड्डी की उम्मीदवारी से कांग्रेस को उम्मीद थी कि वह एनडीए में सेंध लगाने में सफल रहेगी। उनके तेलुगू रूट की वजह से कांग्रेस को लग रहा था कि टीडीपी और जनसेना पार्टी के लिए उनका विरोध करना मुश्किल हो जाएगा। खासकर टीडीपी तो केंद्र सरकार में दूसरी सबसे बड़ी किरदार भी है। लेकिन, टीडीपी, जनसेना पार्टी तो अपनी राह से नहीं ही भटकी, उलटे जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआरसीपी ने सीपी राधाकृष्णन को सपोर्ट करके उसकी राजनीति की हवा निकाल दी। रही सही कसर बीआरएस ने पूरी कर दी, जिसने मतदान से दूर रहने का फैसला किया।

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी सुदर्शन रेड्डी को उम्मीदवार बनाकर कांग्रेस को लगा कि वह ‘संविधान बचाओ’वाले अपने कथित नैरेटिव की धार तेज करेगी। लेकिन, बीजेपी ने सलवा जुलूम पर उनके फैसले को उछालकर नक्सली हिंसा पीड़ितों के बीच विपक्ष की मिट्टी पलीद कर दी। सुदर्शन ने बाकी कमी चारा घोटाले में सजायाफ्ता आरजेडी नेता लालू यादव के साथ फोटो खिंचवाकर पूरी कर दी। कई पूर्व जजों ने 940 करोड़ रुपये के घोटाले के दोषी के साथ सुप्रीम कोर्ट के जज के पद पर रहे व्यक्ति की इस तरह की मुलाकात पर घोर आपत्ति जाहिर की है।

ये भी पढ़ें…जापान के प्रधानमंत्री को PM मोदी ने दिया खास गिफ्ट, आंध्र प्रदेश और कश्मीर से कनेक्शन, जानिए..

Share This Article