हर साल भाद्रपद महीने की संक्रांति पर भगवान विश्वकर्मा की पूजा बड़े धूमधाम से की जाती है। इस बार विश्वकर्मा पूजा 17 सितंबर 2025 को मनाई जाएगी क्योंकि 16 सितंबर की रात 1:47 बजे सूर्यदेव कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। इस दिन लोग अपने घर, फैक्ट्री, औजार, वाहन और मशीनों की विधिवत पूजा करते हैं।
भगवान विश्वकर्मा को देवताओं का शिल्पकार माना जाता है। उन्होंने ही त्रेतायुग में रामसेतु, द्वापर में द्वारका नगरी और इंद्रदेव का वज्र बनाया था। यही कारण है कि कलियुग में मशीनों, औजारों और वाहनों की सुरक्षा के लिए उनकी पूजा का विशेष महत्व है।
विश्वकर्मा पूजा का महत्व
• भगवान विश्वकर्मा को कलपुर्जों और मशीनरी के देवता माना जाता है।
• इनकी पूजा से वाहन और मशीनें बिना रुकावट और खराबी के अच्छे से काम करती हैं।
• शिल्पकारों, इंजीनियरों, मिस्त्रियों, मैकेनिकों और बढ़इयों को अपने काम में दक्षता और सफलता मिलती है।
• यह दिन खासतौर पर औद्योगिक क्षेत्र, कारखानों, दुकानों और ऑटोमोबाइल से जुड़े लोगों के लिए शुभ माना जाता है।
✅ विश्वकर्मा पूजा 2025 की सही विधि
1. पूजा स्थल और औजारों को अच्छी तरह साफ करें।
2. लकड़ी की चौकी पर लाल या पीले कपड़े का आसन बिछाकर भगवान विश्वकर्मा की तस्वीर स्थापित करें।
3. औजारों, मशीनों और वाहनों को स्वच्छ कर वहीं रखें।
4. भगवान को अक्षत, फूल, धूप, दीप, पंचमेवा, फल और मिठाई अर्पित करें।
5. औजारों और वाहनों पर स्वास्तिक का चिह्न बनाकर तिलक करें।
6. आरती करें और सभी लोगों में प्रसाद बांटें।
🛑 विश्वकर्मा पूजा पर क्या न करें?
• पूजा के दिन औजारों और मशीनों का प्रयोग न करें, उन्हें विश्राम दें।
• औजारों को बिना धोए पूजा स्थल पर न रखें।
• पूजा के दिन मिस्त्रियों, मजदूरों और शिल्पकारों का अपमान न करें।
• वाहन की पूजा करने के बाद उसे स्टार्ट करना न भूलें।
• इस दिन सूर्यदेव की पूजा और अन्न-वस्त्र का दान भी अवश्य करें।
📌 Vishwakarma Puja 2025 : पूजन सामग्री
• भगवान विश्वकर्मा की तस्वीर
• अक्षत, कुमकुम, गुलाल, सुपारी, फूल
• रक्षासूत्र, फल, मिठाई, पंचमेवा
• धूप, दीपक, दही, गंगाजल, कलश
• लकड़ी की चौकी, लाल/पीला वस्त्र
• पंचामृत, इलायची
🔑 मुख्य बिंदु
• 📅 तिथि: 17 सितंबर 2025
• ⏰ समय: 16 सितंबर की रात 1:47 बजे (सूर्य के कन्या राशि में प्रवेश पर)
• 🙏 महत्व: मशीनरी, वाहन और औजारों की सुरक्षा के लिए
• 🛠️ पूजा सामग्री: तस्वीर, फल, मिठाई, फूल, औजार
• 🚫 निषेध: औजारों का प्रयोग न करें, शिल्पकारों का अनादर न करें
इस प्रकार, विश्वकर्मा पूजा केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि आधुनिक जीवन की तकनीकी और औद्योगिक समृद्धि का प्रतीक भी है।