मोकामा NDA कार्यकर्त्ता सम्मेलन में अनंत सिंह का दबदबा, मंच से ललन सिंह ने कर दिया टिकट फाइनल!

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मोकामा, पटना : मोकामा में आयोजित NDA कार्यकर्ता सम्मेलन में पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह केंद्र बिंदु बने, जबकि जदयू के नीरज कुमार और भाजपा की सोनम देवी मंच और पोस्टर-बैनर से गायब रहे। केंद्रीय मंत्री ललन सिंह, अशोक चौधरी, भाजपा के वरिष्ठ नेता शाहनवाज हुसैन, और अन्य नेता मौजूद रहे। राजनीतिक विश्लेषक इसे NDA में समीकरण बदलने और अनंत सिंह को मोकामा सीट पर प्राथमिकता देने का संकेत मान रहे हैं। भाजपा भी अब अनंत सिंह की ओर झुकाव बना रही है, जिससे आगामी चुनाव में सीट पर मुकाबला और तेज होने की संभावना है।*

मंगलवार को मोकामा में आयोजित एनडीए कार्यकर्ता सम्मेलन ने बिहार की राजनीतिक हलचल को एक बार फिर से तेज कर दिया। इस सम्मेलन में पूर्व बाहुबली विधायक अनंत सिंह ने पूरी तरह से ध्यान केंद्रित कर लिया, जबकि जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार और भाजपा की सोनम देवी का नाम और तस्वीर मंच या पोस्टर-बैनर में दिखाई नहीं दिया।

मौके पर केंद्रीय मंत्री ललन सिंह, नीतीश सरकार के मंत्री अशोक चौधरी, भाजपा के वरिष्ठ नेता शाहनवाज हुसैन, हम के प्रवक्ता श्याम सुंदर शरण और जदयू नेता छोटू सिंह मंचासीन रहे। लेकिन अनंत सिंह के इर्द-गिर्द ही पूरा आयोजन केंद्रित था। राजनीतिक विश्लेषक इसे एनडीए में अंदरूनी संघर्ष और समीकरणों में बदलाव के संकेत के रूप में देख रहे हैं।

नीतीश कुमार के करीबी और मोकामा के पुराने नेता नीरज कुमार का पोस्टर-बैनर से गायब होना और मंच पर अनुपस्थित रहना पार्टी के भीतर उठापटक का विषय बना हुआ है। नीरज कुमार ने पहले भी अनंत सिंह को लेकर सवाल उठाए थे, विशेषकर उनके बार-बार दल बदलने और आपराधिक छवि वाले नेताओं को टिकट देने के फैसले पर।

हालांकि, इन तमाम सवालों के बावजूद केंद्रीय मंत्री ललन सिंह की मौजूदगी में अनंत सिंह NDA कार्यकर्ता सम्मेलन के मुख्य चेहरे बने रहे। यह संकेत है कि चुनावी रणनीति के लिहाज से पार्टी ने मोकामा सीट पर अनंत सिंह को प्राथमिकता दी है।

वर्ष 2022 के मोकामा उपचुनाव में अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी ने राजद के टिकट पर चुनाव लड़ा था, जबकि पहले अनंत सिंह खुद राजद के टिकट पर 2020 में चुनाव जीत चुके थे। इस दौरान भाजपा ने भी मोकामा में पहली बार 1995 के बाद प्रत्याशी उतारा था। भाजपा को मजबूत उम्मीदवार खड़ा करने के लिए बाहुबली ललन सिंह की शरण में जाना पड़ा, और उनकी पत्नी सोनम देवी कमल छाप पर चुनाव लड़ी।

राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि पिछले ढाई वर्षों से मोकामा में भाजपा की गतिविधियां ललन सिंह के नेतृत्व में रही हैं, लेकिन अब चुनाव से पहले भाजपा भी अनंत सिंह की ओर झुकाव बना रही है। यह बदलाव आगामी चुनाव के समीकरणों को पूरी तरह बदल सकता है।

इस सम्मेलन ने मोकामा की राजनीति में अनंत सिंह के बढ़ते प्रभाव और NDA की रणनीति को स्पष्ट कर दिया है। आगामी चुनाव में इस सीट पर हलचल और मुकाबला और तेज होने की संभावना है।

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