बिहार की राजनीति इन दिनों आरोप-प्रत्यारोप के दौर से गुजर रही है। जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर (PK) ने ग्रामीण विकास मंत्री अशोक चौधरी पर बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और 200 करोड़ की बेनामी संपत्ति खरीदने का आरोप लगाया। इन आरोपों के बाद पटना की राजनीति में घमासान मच गया।
लेकिन इस पूरे विवाद में सबसे अहम है मंत्री अशोक चौधरी का बयान, जिन्होंने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है और इसे राजनीतिक षड्यंत्र करार दिया।
अशोक चौधरी की सफाई
मंत्री अशोक चौधरी ने प्रशांत किशोर के आरोपों पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा:
• “PK हिट एंड रन गेम खेल रहे हैं। मेरे खिलाफ करोड़ों के लेन-देन और जमीन खरीदने का आरोप लगाया है, लेकिन कोई सबूत पेश नहीं किया। अगर उनके पास सबूत है तो कोर्ट में जाएं, मीडिया के जरिए बहस करने का कोई मतलब नहीं है।”
• “मैं कानूनी प्रक्रिया के तहत ही जवाब दूंगा और सबूत की मांग कर रहा हूं। केवल आरोप लगाने से सच्चाई नहीं बदलती।”
• “मैं भी बहुत कुछ बोल सकता हूं, लेकिन मैं स्तर गिराना नहीं चाहता। प्रशांत किशोर राजनीति में खुद को स्थापित करने के लिए सिर्फ शोर मचा रहे हैं।”
PK का आरोप
प्रशांत किशोर ने दावा किया था कि:
• बीते दो सालों में अशोक चौधरी और उनके परिवार ने 200 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति खरीदी।
• जमीन की खरीद-फरोख्त में परिवार के नाम और ट्रस्ट का इस्तेमाल हुआ।
• पटना समेत कई जगहों पर करोड़ों की जमीन खरीदी गई।
कांग्रेस और RJD पर भी वार
अशोक चौधरी ने सिर्फ PK पर ही नहीं, बल्कि विपक्ष और कांग्रेस पर भी निशाना साधा।
• कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की पटना बैठक पर उन्होंने कहा:
“84 साल तक कांग्रेस ने इस तरह की बैठक नहीं की। अब चुनाव के वक्त अचानक बैठक कर रही है। असल मकसद RJD पर दबाव बनाना और ज्यादा सीटें लेना है।”
• समस्तीपुर में वायरल हुए वीडियो पर, जिसमें पीएम मोदी की मां को गाली दी गई, अशोक चौधरी ने तेजस्वी यादव पर भी सवाल उठाए।
“अगर यह काम बीजेपी ने करवाया है, जैसा विपक्ष कह रहा है, तो विपक्ष के लोग उन्हें पकड़कर सामने क्यों नहीं ला रहे हैं? तेजस्वी को चाहिए कि अपने कार्यकर्ताओं को रोकें।”
आगे का रास्ता
विशेषज्ञों का मानना है कि नीतीश कुमार का ट्रैक रिकॉर्ड साफ-सुथरा रहा है। वे पहले भी कई मंत्रियों से इस्तीफा ले चुके हैं। 2017 में उन्होंने तेजस्वी यादव पर आरोपों के बाद गठबंधन तक तोड़ दिया था। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या अशोक चौधरी सिर्फ बयान देकर मामला संभाल पाएंगे या उन्हें और ठोस सबूत देने होंगे।
👉 कुल मिलाकर, अशोक चौधरी ने साफ शब्दों में PK को चुनौती दी है कि सबूत कोर्ट में दें, वहीं बिहार की राजनीति इस टकराव से और गरमा गई है।