पटना के सदाकत आश्रम में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने महिलाओं के बीच एक विशेष कार्यक्रम ‘शक्ति अधिकार महिला संवाद’ को संबोधित किया। यह संवाद सिर्फ एक राजनीतिक कार्यक्रम नहीं था, बल्कि महिलाओं की वास्तविक समस्याओं, उनके संघर्ष और उनके हक की बात करने का एक मंच भी साबित हुआ। प्रियंका गांधी ने इस मौके पर महिलाओं को चेताया कि चुनाव से ठीक पहले पैसे की पेशकश महज़ एक छलावा है, जो उनकी ताकत को खरीदने का प्रयास है।
पैसे की पेशकश पर सवाल
प्रियंका गांधी ने अपने भाषण में बिहार सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि महिलाओं को 10,000 रुपए देने की घोषणा सिर्फ वोट पाने का तरीका है, न कि उनके जीवन को सशक्त बनाने का प्रयास। उन्होंने साफ कहा कि यदि सरकार सचमुच महिलाओं की चिंता करती, तो उनकी सुरक्षा, रोजगार और सम्मान सुनिश्चित करती, लेकिन चुनावी मौसम में पैसों का लालच देकर असली मुद्दों से ध्यान भटकाया जा रहा है।
महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान पर चिंता
प्रियंका ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आज महिलाएं यात्रा करते समय असुरक्षित महसूस करती हैं। महिलाओं के खिलाफ अपराधों में लगातार इजाफा हुआ है, लेकिन सरकार ने उन्हें सुरक्षित माहौल देने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उन्होंने कहा – “जब चुनाव से ठीक पहले आपको पैसे की पेशकश की जा रही है, तो समझ जाइए कि उनकी मंशा साफ नहीं है।”
महिलाओं के संघर्ष को सुना, समस्याओं को समझा
कार्यक्रम में लगभग 2000 महिलाएं शामिल हुईं, जिनमें घरेलू कामकाजी महिलाएं, मनरेगा मजदूर, जीविका दीदी, आंगनबाड़ी वर्कर, आशा कार्यकर्ता, वकील और डॉक्टर जैसी प्रोफेशनल महिलाएं भी मौजूद रहीं। एक-एक कर महिलाओं ने प्रियंका गांधी से अपनी समस्याएं साझा कीं – चाहे वह रोजगार की कमी हो, मजदूरी का भुगतान न होना, स्वास्थ्य सेवाओं की दिक्कत या घर और बाहर दोनों जगह की जिम्मेदारियों का बोझ।
प्रियंका गांधी ने ध्यानपूर्वक उनकी बातें सुनीं और आश्वासन दिया कि अगर इंडिया गठबंधन की सरकार बनी, तो इन समस्याओं का व्यापक समाधान किया जाएगा।
संवाद में आत्मविश्वास का संदेश
प्रियंका गांधी ने कहा कि राजनीतिक दल महिलाओं की शक्ति को भलीभांति समझते हैं, इसलिए वे चुनाव के समय उन्हें लालच देते हैं। लेकिन असली ताकत महिलाओं के अपने निर्णय में है। उन्होंने कहा – “आप अपनी शक्ति को नहीं पहचानतीं, जबकि पार्टियां आपकी शक्ति को समझती हैं। यही वजह है कि चुनाव से पहले आपको पैसे दिए जाते हैं।”
उन्होंने महिलाओं से आग्रह किया कि वे अपने सम्मान और अधिकार के लिए खड़ी हों। प्रियंका ने यह भी याद दिलाया कि रोजगार की कमी के कारण आज भी बड़ी संख्या में पुरुष राज्य से बाहर पलायन करते हैं और महिलाएं गांव में रहकर परिवार और काम दोनों संभालती हैं।
‘हम होंगे कामयाब’ की गूंज और उत्साह
संवाद कार्यक्रम का एक भावनात्मक पहलू भी रहा। प्रियंका गांधी ने महिलाओं के साथ मिलकर ‘हम होंगे कामयाब’ गीत गाया। यह गीत महिलाओं में आत्मविश्वास और एकता का प्रतीक बन गया। कार्यक्रम के अंत में मंच पर मौजूद महिलाओं ने प्रियंका गांधी के साथ सेल्फी भी ली, जिससे माहौल और अधिक उत्साहपूर्ण हो गया।
कांग्रेस की रणनीति और बिहार की राजनीति
प्रियंका गांधी का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियां ज़ोरों पर हैं। माना जा रहा है कि इस संवाद से कांग्रेस को महिला मतदाताओं के बीच मजबूती मिलेगी। कांग्रेस के सोशल मीडिया अकाउंट से भी कहा गया कि यह कार्यक्रम महिलाओं की समस्याओं को सुनने और उनके लिए ठोस समाधान की दिशा में एक कदम है।

पटना में संवाद कार्यक्रम के बाद प्रियंका गांधी की अगली रैली मोतिहारी में है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उनके इस दौरे से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश आएगा और महिला मतदाताओं को साधने की नई रणनीति को बल मिलेगा।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने पटना में महिलाओं को संदेश दिया कि वे अपनी ताकत पहचानें और किसी भी लालच में आए बिना अपने अधिकार और सम्मान के लिए खड़ी हों। ‘शक्ति अधिकार महिला संवाद’ सिर्फ एक राजनीतिक कार्यक्रम नहीं बल्कि महिलाओं को जागरूक और सशक्त करने की कोशिश भी था।