बिहार विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक सरगर्मी चरम पर है। एक ओर जनसुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर लगातार बिहार सरकार और खासकर उपमुख्यमंत्री पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर अब केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने भी इस पूरे विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
SIR रिपोर्ट को लेकर चिराग का बयान
चिराग पासवान ने कहा कि स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) की फाइनल रिपोर्ट आने के बाद ही यह तय होगा कि कौन कितनी राजनीति कर रहा है। उन्होंने विपक्ष द्वारा केंद्र सरकार और राज्य सरकार पर लगाए जा रहे आरोपों को राजनीतिक हथकंडा बताया। चिराग का कहना था कि बिहार की जनता सब समझती है और सच सामने आने में देर नहीं लगेगी।
पीके के आरोप और चिराग की प्रतिक्रिया
प्रशांत किशोर ने हाल ही में उपमुख्यमंत्री पर गंभीर आरोप लगाते हुए उनकी गिरफ्तारी की मांग की थी। इस पर चिराग पासवान ने कहा कि पीके जो मुद्दे उठा रहे हैं, वे जांच का विषय हैं। अगर आरोप सही हैं, तो निश्चित रूप से जांच होनी चाहिए और जिन पर आरोप लगाए गए हैं, उन्हें जवाब देना भी चाहिए। चिराग ने साफ कहा—
“आरोप लगाने वाले आरोप लगाएंगे, जवाब देने वाले जवाब देंगे और दूध का दूध, पानी का पानी हो जाएगा।”
जातिवाद पर सख्त रुख
तेजस्वी यादव द्वारा अति पिछड़ों को अपना वोट बैंक बताने पर चिराग पासवान ने जातिवाद की राजनीति पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में जाति के नाम पर वोट मांगना बेहद गलत है। यह मानसिकता केवल नेता प्रतिपक्ष की हो सकती है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि जाति के आधार पर वोट बैंक की राजनीति बिहार को पीछे खींच रही है और इस सोच को बदलना जरूरी है। चिराग ने राजद पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका M-Y समीकरण केवल जातिवाद पर आधारित है, लेकिन बिहार को आगे बढ़ाना है तो जातिवाद से ऊपर उठना होगा।
बिहार सरकार की योजनाओं पर विपक्ष को घेरा
विपक्ष द्वारा बिहार सरकार पर धन की कमी और योजनाओं के धरातल पर न उतरने के आरोपों पर चिराग पासवान ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि विपक्ष सरकार की योजनाओं से घबराया हुआ है।
चिराग के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिलाओं को सशक्त बनाने और परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कई काम किए हैं।
“महिलाओं को सिर्फ पैसे बांटने से नहीं, बल्कि योजनाओं को जमीन पर उतारने से सशक्त किया जाता है। अगर विपक्ष इतना ही गंभीर था, तो अपने 15 सालों में येकाम क्यों नहीं कर पाया?” – चिराग पासवान
भ्रष्टाचार के आरोप और चिराग की दलील
प्रशांत किशोर और अन्य विपक्षी नेताओं द्वारा उपमुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर चिराग ने उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में भी एक मंत्री पर गंभीर आरोप लगे थे, लेकिन सत्ता में आने के बाद जांच आगे नहीं बढ़ी।
उन्होंने दोहराया कि यह मामला जांच का विषय है और जिन पर आरोप लगाए गए हैं, वे पूरी तरह सक्षम हैं, अपना पक्ष रखेंगे और सच्चाई सामने आ जाएगी।
चुनाव से पहले बढ़ती सियासी तकरार
स्पष्ट है कि जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव करीब आ रहा है, राजनीतिक बयानबाजी तेज होती जा रही है। पीके के आरोप, विपक्ष के हमले और सत्तापक्ष के बचाव ने माहौल को गरमा दिया है।
चिराग पासवान का यह बयान न केवल पीके के आरोपों पर प्रतिक्रिया है, बल्कि जातिवाद की राजनीति पर सीधा वार भी है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि आरोप-प्रत्यारोप की यह राजनीति किस मोड़ पर जाती है और बिहार की जनता किस पर भरोसा जताती है।