बिहार में दुर्गा पूजा का रंग अब मौसम की करवट से फीका पड़ सकता है। एक तरफ़ पूरा प्रदेश माता रानी की भव्य आराधना और पंडालों की जगमगाती रोशनी में डूबा है, वहीं दूसरी तरफ़ आसमान में घिरते बादल नई चिंता खड़ी कर रहे हैं। मौसम विभाग ने राज्य के 20 जिलों के लिए बारिश का अलर्ट जारी किया है। ख़ासकर महाअष्टमी के दिन (30 सितंबर) बिहार के कई इलाकों में तेज़ से मूसलाधार बारिश की संभावना जताई गई है।
मानसून की वापसी और बदलता मौसम
मौसम विभाग के अनुसार, सितंबर के आख़िरी दिनों में मानसून एक बार फिर सक्रिय हो रहा है। इस वजह से राज्य के कई हिस्सों में हल्की से भारी बारिश का सिलसिला शुरू हो सकता है। दुर्गा पूजा के दौरान यह बदलाव लोगों की खुशियों में खलल डाल सकता है, क्योंकि मूसलाधार बारिश से जहां सड़कों पर जलजमाव की स्थिति बनेगी, वहीं पूजा पंडालों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर भी असर पड़ सकता है।
किन जिलों पर है सबसे बड़ा असर?
मौसम विभाग ने साफ़ किया है कि सीमांचल और उत्तर बिहार में बारिश का असर सबसे ज़्यादा देखने को मिलेगा।
• भारी से अति भारी बारिश की संभावना: किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, सुपौल और सहरसा।
• झमाझम बारिश और वज्रपात का खतरा: मधेपुरा, दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, शिवहर, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण और मुजफ्फरपुर।
इन जिलों के लोगों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। खासकर ग्रामीण इलाकों में वज्रपात (बिजली गिरने) का खतरा बना रहेगा, इसलिए खेतों या खुले मैदानों में जाने से परहेज़ करना होगा।
मौसम विभाग का अलर्ट
राज्य के 20 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। इसका मतलब है कि लोगों को मौसम के बदलते मिजाज़ को लेकर सावधान रहना होगा। बारिश और बिजली गिरने की घटनाओं को देखते हुए प्रशासन भी सतर्क हो गया है। लोगों से अपील की जा रही है कि वे अनावश्यक यात्रा से बचें और सुरक्षित स्थानों पर ही रहें।
दुर्गा पूजा पर असर
दुर्गा पूजा बिहार के सबसे बड़े धार्मिक और सांस्कृतिक पर्वों में से एक है। हर साल लाखों श्रद्धालु मंदिरों और पंडालों में जाकर देवी दुर्गा की पूजा-अर्चना करते हैं। लेकिन अगर बारिश तेज़ हो गई तो पंडालों में जलजमाव, बिजली व्यवस्था पर असर और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के रद्द होने जैसी स्थिति बन सकती है। महाअष्टमी और नवमी जैसे शुभ दिनों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है, ऐसे में बारिश से श्रद्धालुओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
आगे का पूर्वानुमान
अक्टूबर की शुरुआत तक बारिश का सिलसिला जारी रहने की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक, 1 अक्टूबर तक बिहार के कई हिस्सों में लगातार हल्की से मध्यम और कहीं-कहीं भारी बारिश होती रहेगी। इसका असर कृषि पर भी दिख सकता है। धान और मक्का जैसी फसलों को इससे लाभ तो हो सकता है, लेकिन यदि बारिश अत्यधिक हुई तो जलजमाव से फसलें भी प्रभावित हो सकती हैं।
लोगों को क्या करना चाहिए?
• बिजली गिरने की आशंका होने पर खुले मैदान, खेत, पेड़ या बिजली के खंभों के पास न जाएं।
• बच्चों और बुज़ुर्गों को सुरक्षित स्थान पर रखें।
• अनावश्यक यात्रा और भीड़-भाड़ से बचें।
• मोबाइल पर आने वाले मौसम विभाग के अलर्ट पर ध्यान दें।
नवरात्र की भक्ति में मौसम का इम्तिहान
दुर्गा पूजा भक्ति, उल्लास और रंगों का पर्व है। लेकिन इस बार बिहार में श्रद्धालुओं को मौसम के इम्तिहान से भी गुज़रना होगा। बदलते मौसम के बीच सावधानी और सतर्कता ही लोगों की सुरक्षा का मंत्र है। पूजा की रोशनी और भक्ति के स्वर बारिश की बूंदों में भीगेंगे ज़रूर, लेकिन विश्वास और उमंग की चमक को कोई कम नहीं कर सकता।