बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राजधानी पटना का गांधी मैदान एक बार फिर इतिहास और संस्कृति का संगम बनने जा रहा है। विजयादशमी के अवसर पर होने वाला दशहरा महोत्सव और रावण वध का आयोजन इस बार भी खास होगा। हर साल की तरह इस बार भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रावण वध की परंपरा निभाएंगे। खास बात यह है कि यह उनका लगातार 19वां साल होगा जब वे जनता के बीच तीर चलाकर रावण का वध करेंगे।
नीतीश कुमार की परंपरा: 2005 से हर साल रावण वध
2005 में पहली बार मुख्यमंत्री बनने के बाद से नीतीश कुमार ने गांधी मैदान में दशहरा आयोजन को अपनी परंपरा बना लिया। धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व से परे यह आयोजन जनता से जुड़ाव और नेतृत्व की छवि को मजबूत करता है। पिछले साल 2024 में भी उन्होंने तीर चलाकर रावण दहन किया था और इस बार भी वही परंपरा जारी रहेगी।
इस बार का आयोजन होगा और भी खास
आयोजकों ने इस साल दशहरा महोत्सव को और भव्य बनाने की तैयारी की है।
• रावण का पुतला इस बार वॉटरप्रूफ तकनीक से तैयार किया गया है। उस पर विशेष क्लियर वार्निश चढ़ाया गया है ताकि बारिश का असर न हो।
• रावण दहन को हाईटेक बनाने के लिए इसमें रिमोट कंट्रोल सिस्टम लगाया गया है। एक क्लिक पर पुतले में आग लग जाएगी और आसमान आतिशबाजी और रंगीन रोशनी से जगमगा उठेगा।
• पुतले के कान और कंधों से निकलने वाला रंगीन धुआं इस आयोजन की सबसे बड़ी खासियत होगी, जो दर्शकों को एक नया और रोमांचक अनुभव देगा।
लाखों की भीड़, सुरक्षा के कड़े इंतजाम
गांधी मैदान का दशहरा आयोजन हर साल लाखों की भीड़ को आकर्षित करता है। इस बार भीड़ और अधिक बड़ी होने की उम्मीद है, क्योंकि यह सिर्फ धार्मिक आयोजन ही नहीं बल्कि चुनावी माहौल का भी प्रतीक बन गया है।
इसी को देखते हुए पटना पुलिस और जिला प्रशासन ने सुरक्षा को लेकर फुलप्रूफ प्लान बनाया है:
• मैदान और आसपास के इलाकों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
• भीड़ पर नजर रखने के लिए ड्रोन कैमरों की मदद ली जाएगी।
• बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है, जिसमें महिला पुलिसकर्मियों की भी ड्यूटी लगाई गई है।
• ट्रैफिक पुलिस ने जाम से बचने के लिए वैकल्पिक रूट प्लान जारी किया है।
धार्मिक आयोजन से राजनीतिक संकेत
इस बार का दशहरा आयोजन केवल आस्था और परंपरा का प्रतीक नहीं है, बल्कि चुनावी दृष्टिकोण से भी बेहद खास है। चुनाव आयोग पहले ही संकेत दे चुका है कि दशहरा के बाद बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तिथियों का ऐलान किया जाएगा।
ऐसे में गांधी मैदान का यह आयोजन चुनावी समर की शुरुआत का संकेत माना जा रहा है। नीतीश कुमार के लिए यह अवसर न सिर्फ जनता से जुड़ाव का, बल्कि अपने नेतृत्व और परंपराओं को दिखाने का भी होगा।
चुनावी रणनीति की शुरुआत
दशहरा के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पार्टी कार्यालय में बैठकर चुनावी रणनीति पर मंथन करेंगे। वे संभावित प्रत्याशियों से मुलाकात करेंगे और कार्यकर्ताओं को जीत की तैयारी में जुटाएंगे। पार्टी ने कार्यकर्ताओं को सरकार की उपलब्धियां घर-घर तक पहुंचाने का टारगेट दिया है।
पटना का गांधी मैदान दशहरा 2025 केवल धार्मिक आयोजन का मंच नहीं बल्कि बिहार की सांस्कृतिक और राजनीतिक धड़कन बनने जा रहा है। रावण वध की परंपरा निभाते हुए नीतीश कुमार न सिर्फ आस्था को मजबूत करेंगे बल्कि चुनावी संदेश भी देंगे। विजयादशमी के साथ ही बिहार में चुनावी महासमर की उलटी गिनती शुरू हो जाएगी।