महागठबंधन सीटों का बंटवारा: पशुपति पारस और वीआईपी ने बढ़ाई मुश्किलें

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महागठबंधन के सीट बंटवारे को लेकर पशुपति पारस और वीआईपी मुकेश सहनी की भूमिका
Highlights
  • • महागठबंधन अगले सप्ताह सीटों का बंटवारा घोषित कर सकता है। • पशुपति पारस ने चिराग पासवान के लिए भावुक बयान दिया, जिससे गठबंधन में संशय पैदा हुआ। • वीआईपी अध्यक्ष मुकेश सहनी 40 से कम सीटों पर समझौता न करने की स्थिति में हैं। • झारखंड मुक्ति मोर्चा ने केवल 4 सीटें मांगी, 3 का आश्वासन मिल चुका है। • महागठबंधन रणनीतिकार अब मामले को ज्यादा फंसाने का मूड नहीं रखते। • सभी दलों की सहमति और संतुलन बनाए रखना महागठबंधन के लिए चुनौती। • सीट बंटवारे की घोषणा मंगलवार तक संभव है। • राजनीतिक हलचल और विवाद के बावजूद गठबंधन अपनी रणनीति पर काम कर रहा है। • पार्टियों की मांग और प्रतिक्रिया अभी भी सीटों के बंटवारे को प्रभावित कर सकती है। • महागठबंधन की रणनीति में पशुपति पारस और वीआईपी की भूमिका सबसे अहम है।

महागठबंधन के लिए यह समय चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है। जब गठबंधन ताज पहनने के करीब पहुंचता है, साथी दल अक्सर ऐसी बातें करते हैं जिससे सब किए-कराए पर पानी फिर जाता है।
हाल ही में मिली जानकारी के अनुसार, महागठबंधन के रणनीतिकार सोमवार और मंगलवार तक महागठबंधन सीटों का बंटवारा घोषित करने की योजना बना रहे थे। लेकिन राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLSP) के अध्यक्ष पशुपति पारस ने कुछ ऐसा कह दिया कि मुश्किलें बढ़ गईं।

पशुपति पारस का बयान और महागठबंधन में पैदा हुआ संशय

महागठबंधन के सूत्रों के अनुसार, पशुपति पारस ने केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के लिए अपनी खुशी जताई। उन्होंने कहा,

“चिराग मुख्यमंत्री बनेंगे तो सबसे ज्यादा खुशी मुझे होगी। वो हमारे परिवार के सदस्य हैं, चिराग हमारा भतीजा है।”

इस बयान के बाद महागठबंधन के भीतर संशय पैदा हो गया। अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या पारस गठबंधन के निर्णय से संतुष्ट हैं या उनके मन में अलग सोच है।

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महागठबंधन में वीआईपी की भूमिका

पारस के अलावा वीआईपी अध्यक्ष मुकेश सहनी भी सीटों के बंटवारे को लेकर चुनौती बने हुए हैं।
मीडिया में उन्होंने कहा था कि 40 से कम सीटों पर समझौता नहीं किया जाएगा।
महागठबंधन के रणनीतिकार इस स्थिति से हैरान हैं। सहनी ने फिलहाल कोई बयान नहीं दिया है।

झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बनाई स्पष्ट स्थिति

महागठबंधन में सभी दल समान रूप से परेशानी नहीं पैदा कर रहे।
झारखंड मुक्ति मोर्चा ने स्पष्ट कर दिया कि उन्होंने केवल चार सीटें मांगी हैं और तीन का आश्वासन भी मिल गया है।
इससे गठबंधन की योजना पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ा।

महागठबंधन सीटों का बंटवारा कब होगा?

सूत्रों के अनुसार, महागठबंधन अगले सप्ताह संभवतः मंगलवार तक सीटों की हिस्सेदारी की घोषणा कर सकता है।
रणनीतिकार अब मामले को ज्यादा फंसाकर नहीं रखना चाहते। वे चाहते हैं कि सीट बंटवारा समय पर और व्यवस्थित ढंग से घोषित हो।

महागठबंधन सीटों का बंटवारा: पशुपति पारस और वीआईपी ने बढ़ाई मुश्किलें 1

गठबंधन की रणनीति और भविष्य की चुनौतियां

महागठबंधन के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह है कि सभी दल संतुष्ट रहें।
पारस और मुकेश सहनी की स्थिति इस समय विवाद का कारण बन रही है।
रणनीतिकार चाहते हैं कि सीटों का बंटवारा सभी दलों की सहमति से किया जाए।

निष्कर्ष

महागठबंधन के लिए सीट बंटवारे का मुद्दा अभी भी तनावपूर्ण बना हुआ है।
पारस और वीआईपी की भूमिका से स्पष्ट है कि गठबंधन को सभी दलों के संतुलन और राजनीतिक महत्वाकांक्षा का ध्यान रखना होगा।
महागठबंधन सीटों का बंटवारा अगले सप्ताह घोषित किया जाएगा।
इस प्रक्रिया में सभी दलों की राय शामिल होगी और गठबंधन के लिए स्पष्ट रणनीति बनाई जाएगी।

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