बिहार विधानसभा चुनाव में में दिखा बुजुर्गों का उत्साह – 14000 से अधिक वोटर्स की उम्र है 100 वर्ष के पार!

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बिहार चुनाव 2025 में 14,000 से अधिक शतायु मतदाता और लाखों नए युवा मतदान कर लोकतंत्र का उत्सव मना रहे हैं।
Highlights
  • • 14,000 से अधिक शतायु मतदाता पहली बार मतदान करेंगे। • 14 लाख से अधिक नए मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। • 1.63 करोड़ युवा मतदाता चुनावी परिणाम में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं। • राज्य में कुल 90,712 मतदान केंद्र तैयार किए गए हैं। • दो चरणों में मतदान: 6 और 11 नवंबर; परिणाम 14 नवंबर को। • बुज़ुर्ग अनुभव और युवा ऊर्जा मिलकर बिहार के चुनाव में नया समीकरण बनाएंगे।

बिहार चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान — राज्य में लोकतंत्र का महापर्व शुरू

बिहार चुनाव 2025 की तारीखों के ऐलान के साथ ही राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है।
इस बार का चुनाव कई मायनों में ऐतिहासिक होने जा रहा है, क्योंकि पहली बार 100 साल से अधिक उम्र के 14,000 मतदाता मतदान करेंगे।

ये बुज़ुर्ग मतदाता सिर्फ प्रतीक नहीं, बल्कि अनुभव, समर्पण और जागरूकता के प्रतीक बन चुके हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस बार इनका वोट कई सीटों पर निर्णायक भूमिका निभा सकता है।

बिहार विधानसभा चुनाव में में दिखा बुजुर्गों का उत्साह - 14000 से अधिक वोटर्स की उम्र है 100 वर्ष के पार! 1

शतायु मतदाताओं का जोश — “उम्र सिर्फ संख्या है, हौसला अब भी जवान”

बिहार के विभिन्न जिलों में ऐसे कई मतदाता हैं जिन्होंने आज़ादी से लेकर अब तक हर चुनाव में भाग लिया है।
85 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं की संख्या 4,03,950 है, जबकि सेवा मतदाता 1,63,619 और ट्रांसजेंडर मतदाता 1,725 हैं।

ये आंकड़े बताते हैं कि बिहार का लोकतंत्र सिर्फ युवा नहीं, अनुभवी हाथों से भी संचालित है।
सदी पार कर चुके मतदाता इस बात के प्रतीक हैं कि लोकतंत्र में भागीदारी उम्र की सीमाओं से परे है।

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युवा मतदाता — नए बिहार की दिशा तय करने वाले

पहली बार वोट देने वाले 14 लाख से अधिक युवा

इस बार बिहार में 14,01,150 नए मतदाता अपना पहला वोट डालेंगे।
20 से 29 वर्ष के युवा मतदाताओं की संख्या 1.63 करोड़ से अधिक है, जबकि 18-19 वर्ष की महिला मतदाता 5.84 लाख हैं।

राजनीतिक दलों के लिए यह एक बड़ी चुनौती है कि वे इन युवाओं की उम्मीदों और प्राथमिकताओं को समझें।
युवा मतदाता नई सोच, डिजिटल जागरूकता और सोशल मीडिया के माध्यम से चुनावी माहौल को प्रभावित कर रहे हैं।

राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि बुज़ुर्गों का अनुभव और युवाओं की ऊर्जा मिलकर इस बार बिहार में एक नया जनादेश तैयार कर सकती है।

चुनाव आयोग की तैयारी — हर मतदाता तक पहुंचने की पहल

चुनाव आयोग ने इस बार मतदाताओं की सुविधा के लिए अभूतपूर्व तैयारी की है।
राज्य में कुल 90,712 मतदान केंद्र बनाए गए हैं — जिनमें 13,911 शहरी क्षेत्रों में और 76,801 ग्रामीण क्षेत्रों में होंगे।

प्रति केंद्र औसतन 818 मतदाता होंगे।
इसके अलावा 1,350 आदर्श मतदान केंद्र, 1,044 महिला प्रबंध केंद्र, 38 युवा केंद्र और 292 पीडब्ल्यूडी केंद्र बनाए गए हैं।

दियारा क्षेत्रों और नदी किनारे बसे इलाकों में मतदान दल को नाव और घोड़े के माध्यम से भेजने की विशेष व्यवस्था की गई है।
यह सुनिश्चित किया गया है कि बिहार का कोई भी मतदाता अपने अधिकार से वंचित न रह जाए।

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दो चरणों में मतदान, 14 नवंबर को नतीजे

पहला चरण – 6 नवंबर 2025
दूसरा चरण – 11 नवंबर 2025
मतगणना – 14 नवंबर 2025

इस बार का चुनाव सिर्फ सत्ता की जंग नहीं, बल्कि बिहार की नई राजनीतिक सोच का प्रतिबिंब बनने वाला है।
जहां एक ओर बुज़ुर्ग मतदाता लोकतंत्र की परंपरा को जीवित रखेंगे, वहीं युवा मतदाता नए बिहार की कहानी लिखेंगे।

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निष्कर्ष — लोकतंत्र की दो पीढ़ियां, एक सोच

बिहार चुनाव 2025 लोकतंत्र का अनोखा संगम है —
एक ओर हैं सदी पार कर चुके अनुभवी मतदाता,
तो दूसरी ओर हैं डिजिटल युग के युवा जो बदलाव की आवाज़ बने हैं।

इस बार का चुनाव सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि पीढ़ियों के बीच सेतु निर्माण का उत्सव है —
जहां अनुभव और ऊर्जा मिलकर बिहार की नई दिशा तय करेंगे।

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