Karwa Chauth Solah Shringar Mahatva 2025: जानिए करवाचौथ के 16 श्रृंगार का महत्व और पूरी लिस्ट

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करवाचौथ पर किए जाने वाले सोलह श्रृंगार का धार्मिक और सौंदर्यात्मक महत्व
Highlights
  • • करवाचौथ 10 अक्टूबर 2025 (शुक्रवार) को मनाया जाएगा। • सोलह श्रृंगार का उल्लेख ऋग्वेद और पौराणिक ग्रंथों में मिलता है। • हर श्रृंगार का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व होता है। • सोलह श्रृंगार करने से करवा माता प्रसन्न होती हैं। • सभी श्रृंगार न कर पाने पर 6 प्रमुख श्रृंगार (सिंदूर, मंगलसूत्र, मेहंदी, बिंदी, चूड़ियां, बिछिया) अवश्य करें। • सोलह श्रृंगार करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य और वैवाहिक सुख का आशीर्वाद मिलता है। • करवाचौथ के श्रृंगार सौंदर्य के साथ-साथ सकारात्मक ऊर्जा का भी प्रतीक हैं।

करवाचौथ पर सोलह श्रृंगार का धार्मिक और सौंदर्यात्मक महत्व

करवाचौथ का दिन हर सुहागिन महिला के लिए बेहद खास होता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अखंड सौभाग्य की कामना करती हैं। मान्यता है कि करवाचौथ पर सोलह श्रृंगार करने से न केवल सौंदर्य बढ़ता है बल्कि भाग्य भी दमक उठता है।
ऋग्वेद और पौराणिक ग्रंथों में सोलह श्रृंगार को स्त्री के समर्पण, प्रेम और आस्था का प्रतीक बताया गया है। यह श्रृंगार सौंदर्य के साथ-साथ मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा को भी बढ़ाता है।

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सोलह श्रृंगार की पूरी लिस्ट और उनका महत्व

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हर श्रृंगार का एक अलग अर्थ और महत्व होता है —

  • सिंदूर – पति की लंबी आयु और अखंड सौभाग्य का प्रतीक।
  • मेहंदी – प्रेम और स्नेह का प्रतीक, जितना गहरा रंग उतना गहरा प्यार।
  • बिंदी – सौभाग्य और ऊर्जा का केंद्र, नवग्रहों को शांत करती है।
  • मंगलसूत्र – दांपत्य जीवन की एकता और अटूट बंधन का प्रतीक।
  • चूड़ियां – समृद्धि और वैवाहिक खुशहाली का प्रतीक।
  • मांगटीका – मस्तक पर सौंदर्य और आशीर्वाद का चिन्ह।
  • आलता – शुभता और आकर्षण का प्रतीक।
  • काजल – बुरी नजर से सुरक्षा का प्रतीक।
  • नथ – पारंपरिक शृंगार का एक अहम हिस्सा, स्त्री की गरिमा दर्शाता है।
  • पायल – मधुर ध्वनि से घर में सकारात्मकता लाती है।
  • बिछिया – सुहाग का प्रतीक, केवल विवाहित महिलाएं पहनती हैं।
  • झूमके – सुंदरता और आकर्षण बढ़ाते हैं।
  • साड़ी/नए वस्त्र – नई शुरुआत और पवित्रता का प्रतीक।
  • कमरबंद – सौंदर्य और गरिमा का प्रतीक।
  • बाजूबंद – पारंपरिक और आभूषणीय शक्ति का प्रतीक।
  • गजरा – खुशबू और प्रेम का प्रतीक, मन को प्रसन्न रखता है।

करवाचौथ पर 6 आवश्यक श्रृंगार जो जरूर करें

आज की व्यस्त दिनचर्या में सभी 16 श्रृंगार कर पाना संभव नहीं होता। ऐसे में इन 6 श्रृंगारों को धारण करना सबसे शुभ माना गया है:

  • सिंदूर
  • मंगलसूत्र
  • मेहंदी
  • चूड़ियां
  • बिंदी
  • बिछिया
  • इनका धारण करना ही करवाचौथ व्रत को पूर्ण और फलदायी बनाता है।

सोलह श्रृंगार सिर्फ सजावट नहीं, बल्कि श्रद्धा, सौभाग्य और प्रेम का प्रतीक हैं। करवाचौथ पर इन्हें धारण करने से करवा माता प्रसन्न होती हैं और व्रती महिला को अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद मिलता है।
हर श्रृंगार का उद्देश्य सिर्फ सुंदर दिखना नहीं, बल्कि जीवन में सकारात्मकता और शांति लाना भी है।

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