Bihar Election 2025: नीतीश को बड़ा झटका — संतोष कुशवाहा आज थामेंगे तेजस्वी का हाथ, लेशी सिंह के खिलाफ उतरेंगे मैदान में

आपकी आवाज़, आपके मुद्दे

4 Min Read
पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा RJD शामिल होकर नीतीश कुमार के लिए बने सियासी चुनौती, लेशी सिंह के खिलाफ लड़ेंगे चुनाव।
Highlights
  • • Bihar Election 2025 से पहले JDU को बड़ा झटका, संतोष कुशवाहा ने छोड़ी पार्टी। • पूर्व सांसद संतोष कुशवाहा RJD शामिल होकर तेजस्वी यादव के साथ मंच साझा करेंगे। • दोपहर 2 बजे पटना में सदस्यता ग्रहण कार्यक्रम आयोजित होगा। • लेशी सिंह के खिलाफ धमदाहा सीट से उतर सकते हैं कुशवाहा। • JDU में उपेक्षा और टिकट बंटवारे में अनदेखी से नाराज चल रहे थे। • सीमांचल की राजनीति में RJD को नई मजबूती और JDU को बड़ा नुकसान। • राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, यह कदम महागठबंधन को बढ़त दिला सकता है।

बिहार चुनाव 2025 की राजनीति में आज एक शॉकिंग मोड़ आया है, जिसने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की रणनीति को भारी झटका दे दिया है। पूर्णिया के पूर्व सांसद और JDU के सीनियर नेता संतोष कुशवाहा आज दोपहर 2 बजे अपने समर्थकों के साथ JDU की सदस्यता छोड़कर तेजस्वी यादव की पार्टी RJD का दामन थामेंगे। सूत्रों की मानें तो कुशवाहा लेशी सिंह के खिलाफ धमदाहा विधानसभा क्षेत्र से इसी पार्टी के प्लेटफार्म पर चुनाव लड़ सकते हैं।

घटना की पृष्ठभूमि

Bihar Election 2025: नीतीश को बड़ा झटका — संतोष कुशवाहा आज थामेंगे तेजस्वी का हाथ, लेशी सिंह के खिलाफ उतरेंगे मैदान में 1

राजनीतिक गलियारों में लंबे समय से चल रही खबरे अब सच्चाई बनती दिख रही हैं। संतोष कुशवाहा बताया जा रहा है कि उन्होंने JDU नेतृत्व से नाराज़गी झेली — विशेषकर पार्टी संगठन में अपना प्रभाव कम होते देख। उपेक्षा, टिकट बंटवारे में अनदेखी की शिकायत और अंदरूनी दबावों ने उन्हें इस कदम की ओर मोड़ा है। (सूत्र: ABP Live रिपोर्ट) 
उनका RJD में शामिल होना सीमांचल क्षेत्र में JDU की इमेज और शक्ति को गहरा धक्का दे सकता है। 

राजनीतिक महत्व और रणनीति

यह कदम न सिर्फ JDU के लिए करारा संकेत है, बल्कि महा‌गठबंधन को सीमांचल में एक मजबूत बढ़त दिला सकता है।
• कुशवाहा की पुणलीया/Seemanchal में पैठ है और उनकी मौजूदगी RJD को क्षेत्रीय वैधता दे सकती है।
• यदि वे धमदाहा से लेशी सिंह के खिलाफ मैदान में उतरते हैं, तो यह सीट मुकाबले की चुनौतीपूर्ण लड़ाई बन सकती है।
• तेजस्वी यादव खुद इस कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं और पार्टी सदस्यता दिला सकते हैं, जिससे इस कदम का राजनीतिक प्रतीकात्मक महत्व बढ़ जाता है।

यह भी पढ़े : https://livebihar.com/ashok-mahto-rabri-awas-entry-denied-election-2025/

सीमांचल पर असर और भविष्य की लड़ाई

सीमांचल की राजनीति जटिल है — जाति, क्षेत्रीय तनाव, और व्यक्तित्व कहीं ज्यादा असर करते हैं।
• कुशवाहा के RJD में शामिल होने से JDU की वोट बैंक टूटने की आशंका।
• यह कदम अन्य नाराज़ नेताओं को भी पाला बदलने प्रेरित कर सकता है।
• यदि महागठबंधन सीट बंटवारे में सामंजस्य साध सके, तो यह झटका नीतीश और NDA दोनों के लिए चुनौती बढ़ा सकता है।

H3: संतोष कुशवाहा की करियर झलक


• कुशवाहा 2014 व 2019 में JDU से सांसद रहे हैं।
• इससे पहले 2010 में वे बीजेपी विधायक थे, और बाद में उन्होंने JDU का दामन थामा।
• इस राजनीतिक सफर ने उन्हें सीमांचल में एक संभ्रांत नेता बनाया है, जिसकी हिस्सेदारी अब बड़ी लड़ाई का केंद्र बन सकती है।

लेशी सिंह व धमदाहा सीट की लड़ाई

लेशी सिंह, वर्तमान में धमदाहा से JDU की विधायक, इस चुनावी लड़ाई में सहज नहीं होंगी।
• यदि संतोष कुशवाहा RJD से चुनाव लड़ते हैं, तो इस सीट पर ज़बरदस्त मुकाबला होगा।
• JDU नेतृत्व आज स्थिति को संभालने, टिकट समीकरणों को दोबारा देखने पर मजबूर हो सकता है।

Do Follow us. : https://www.facebook.com/share/1CWTaAHLaw/?mibextid=wwXIfr

भावना, शक्ति और आंकड़े

इस राजनीतिक मोड़ ने नकारात्मक झटका की जगह छोड़ दी है — JDU में बेचैनी, नाराजगी और उथल-पुथल साफ झलकती है। वहीं, RJD अपनी रणनीतिक चाल से आक्रामक दिख रही है।
यह कहानी सिर्फ एक नेता का पाला बदलना नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्रीय समीकरणों का पुनर्संतुलन हो सकती है।

Do Follow us. : https://www.youtube.com/results?search_query=livebihar

Share This Article