Bihar Election 2025: एनडीए सीट बंटवारे के बाद कुशवाहा और मांझी की नाराजगी, गठबंधन में उठा तूफान

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Bihar Election 2025 में एनडीए में सीट बंटवारे के बाद उपेंद्र कुशवाहा और जीतन राम मांझी ने नाराजगी जताई।
Highlights
  • • एनडीए सीट बंटवारा तो हुआ, लेकिन गठबंधन में नाराजगी बरकरार • उपेंद्र कुशवाहा ने सोशल मीडिया पर गुस्सा जताया • जीतन राम मांझी ने सीट कम मिलने पर चिंता जताई • आरएलएम और हम पार्टी को 6-6 सीटें मिलीं, मांझी ने चार पर उम्मीदवार घोषित • बीजेपी अब सहयोगी दलों को मनाने की कोशिश कर रही है • सीट बंटवारे के बाद गठबंधन में हलचल और राजनीतिक तूफान की आशंका

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए एनडीए ने सीट बंटवारे का ऐलान कर दिया है।
हालांकि, इस गठबंधन में हर चीज़ पर फिलहाल संतोषजनक माहौल नहीं बन पाया है।
विशेष रूप से आरएलएम के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा और हम पार्टी के मुखिया जीतन राम मांझी लगातार नाराजगी जता रहे हैं।
इससे गठबंधन में राजनीतिक तूफान की आशंका जताई जा रही है।

उपेंद्र कुशवाहा की लगातार नाराजगी, सोशल मीडिया पर पोस्ट

Bihar Election 2025: एनडीए सीट बंटवारे के बाद कुशवाहा और मांझी की नाराजगी, गठबंधन में उठा तूफान 1

कुशवाहा लगातार सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए अपनी नाराजगी जता रहे हैं।
कल उन्होंने समर्थकों से माफी मांगी, और आज भी उन्होंने X प्लेटफॉर्म पर नया पोस्ट किया।
पोस्ट में उन्होंने लिखा:

“आज बादलों ने फिर साजिश की, जहां मेरा घर था वहीं बारिश की। अगर फलक को जिद है बिजलियां गिराने की, तो हमें भी जिद है वहीं पर आशियां बसाने की।”

विशेषज्ञों का मानना है कि यह पोस्ट सीधे एनडीए के भीतर सीट बंटवारे को लेकर असंतोष की ओर इशारा करता है।
उनकी पार्टी को 6 सीटें मिली हैं, लेकिन कई महत्वपूर्ण सीटें उनके दावे के बावजूद नहीं मिलीं।

जीतन राम मांझी भी नाराज, गठबंधन पर असर की आशंका

दूसरी ओर, हम पार्टी के मुखिया जीतन राम मांझी ने भी सीट बंटवारे पर नाराजगी जताई।
उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी का आकलन कम किया गया है, जिससे एनडीए की छवि पर असर पड़ सकता है।
हालांकि मांझी की पार्टी को भी 6 सीटें दी गई हैं और उन्होंने चार सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है।
लेकिन यदि उनका गुस्सा और असंतोष जारी रहा, तो गठबंधन में दरार पैदा हो सकती है।

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सीट बंटवारे का राजनीतिक निहितार्थ

एनडीए ने बीजेपी और सहयोगी दलों के बीच सीट बंटवारा पूरा कर लिया है।
लेकिन कुशवाहा और मांझी की नाराजगी से यह स्पष्ट है कि संपूर्ण संतोषजनक समझौता नहीं हुआ।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता अब सहयोगियों को मनाने का काम कर रहे हैं, ताकि चुनाव से पहले कोई राजनीतिक संकट न खड़ा हो।

विशेषज्ञों का मानना है कि सीट बंटवारे के बाद बीजेपी किसी भी मुसीबत को मोल नहीं लेना चाहती।
पूर्व में भी जब उपेंद्र कुशवाहा, मांझी और चिराग पासवान नाराज थे, तो बीजेपी ने अपने बड़े नेताओं को मध्यस्थता में लगाया था।

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एनडीए की रणनीति और भविष्य की राह

बीजेपी अब इस स्थिति में है कि सहयोगी दलों को संतुष्ट करे और गठबंधन के भीतर तनाव को कम करे।
चूंकि चुनाव का पहला चरण 6 नवंबर और दूसरा चरण 11 नवंबर को है,
इसलिए समय की कमी के कारण अब सीटों की बढ़ोतरी या फेरबदल संभव नहीं।
फिलहाल, गठबंधन की राजनीतिक मजबूती बनाए रखना बीजेपी की प्राथमिकता है।

विश्लेषक मानते हैं कि कुशवाहा और मांझी की नाराजगी अगर बनी रही,
तो यह एनडीए के लिए चुनावी चुनौती बन सकती है और महागठबंधन को अवसर दे सकती है।

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