कांग्रेस का ‘60 सीट मिशन’ – राहुल गांधी ने साफ कहा, अब नहीं होगी कोई कुर्बानी
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सियासी जंग अब और दिलचस्प हो गई है। एक ओर जहां NDA में सीट शेयरिंग को लेकर तनाव जारी है, वहीं दूसरी ओर महागठबंधन (RJD–Congress–Left) में भी गांठ खुलती नज़र आ रही है।
राहुल गांधी ने स्पष्ट शब्दों में कह दिया है कि कांग्रेस बिहार में अब अपनी सीटों की कुर्बानी नहीं देगी।
कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति (CEC) ने मंगलवार को दिल्ली में हुई बैठक में 25 नए उम्मीदवारों के नामों पर मुहर लगाई। इसके साथ ही कांग्रेस के कुल 60 उम्मीदवार फाइनल हो चुके हैं।
राहुल गांधी का यह रुख महागठबंधन के भीतर की सियासी खींचतान को उजागर करता है। यह संदेश साफ है कि कांग्रेस अब कमज़ोर साझेदार नहीं, बल्कि अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने की तैयारी में है।

महागठबंधन में ‘सीट पॉलिटिक्स’ – कांग्रेस नहीं झुकेगी, लालू तक पहुंचा कड़ा संदेश
सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी का संदेश लालू प्रसाद यादव और तेजस्वी यादव तक पहुंच चुका है कि कांग्रेस अब अपनी सीटें घटाने के मूड में नहीं है।
बैठक में यह भी तय हुआ कि पार्टी बिहार में कम से कम 60 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, यानी यह संख्या पहले से काफी अधिक है।
कांग्रेस नेताओं ने दावा किया है कि पार्टी सामाजिक समीकरण और क्षेत्रीय मजबूती के आधार पर अपनी रणनीति बना रही है।
बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने मीडिया से कहा —
“हमने अपनी सीटों का क्वालिटी और क्वांटिटी एनालिसिस किया है। जो सीटें हमारी थीं, उन पर अब स्थिति साफ हो गई है।”
उन्होंने आगे जोड़ा कि अब सब कुछ समीकृत योजना के तहत हो रहा है और उम्मीदवारों की अगली सूची जल्द जारी होगी।
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कांग्रेस के भीतर जोश, महागठबंधन में संशय
महागठबंधन के अन्य दलों में कांग्रेस के इस नए रुख को लेकर मिश्रित प्रतिक्रिया देखी जा रही है।
RJD के कुछ नेताओं का मानना है कि कांग्रेस अगर 60 सीटों पर लड़ती है, तो छोटे दलों को नुकसान होगा। वहीं कांग्रेस समर्थकों का कहना है कि पार्टी राजनीतिक आत्मसम्मान की लड़ाई लड़ रही है।
बिहार कांग्रेस विधायक दल के नेता शकील अहमद खान ने कहा कि—
“महागठबंधन में कोई मतभेद नहीं है। लेकिन हम अपने संगठन की ताकत के साथ चुनाव लड़ने को तैयार हैं।”
उन्होंने यह भी बताया कि पार्टी के सभी उम्मीदवारों की अंतिम सूची नामांकन से पहले जारी कर दी जाएगी।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस की यह आक्रामक रणनीति महागठबंधन के समीकरणों को नया मोड़ दे सकती है।
कांग्रेस की स्क्रीनिंग कमेटी ने संभाली कमान
कांग्रेस अध्यक्ष ने बिहार के लिए बनाई गई सब-कमेटी को पूरी ज़िम्मेदारी सौंपी है।
इस कमेटी में शामिल हैं —
• अजय माकन (स्क्रीनिंग कमेटी चेयरमैन)
• इमरान प्रतापगढ़ी (सदस्य)
• राजेश राम (प्रदेश अध्यक्ष)
• शकील अहमद खान (सीएलपी लीडर)
• कृष्णा अल्लावेरु (प्रभारी)
इन सभी के सहयोग से कांग्रेस ने अब तक 60 उम्मीदवारों के नाम फाइनल किए हैं। पार्टी ने संकेत दिया है कि बाकी सीटों पर भी जल्द निर्णय ले लिया जाएगा।
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बिहार में बदल रहा राजनीतिक मूड – कांग्रेस की ‘नई रणनीति’
राहुल गांधी के हालिया सख्त रुख से साफ है कि कांग्रेस इस बार बैकफुट पर नहीं, बल्कि आक्रामक मूड में है।
महागठबंधन के भीतर यह संदेश जा चुका है कि कांग्रेस अब “सहयोगी” नहीं, बल्कि निर्णायक भूमिका में आने की कोशिश कर रही है।
राजनीतिक पंडितों के मुताबिक, कांग्रेस का यह निर्णय महागठबंधन की एकता पर दबाव बढ़ा सकता है।
लेकिन दूसरी ओर यह पार्टी के ग्राउंड लेवल कार्यकर्ताओं में नया जोश भर सकता है — जो लंबे समय से सीट समझौते से असंतुष्ट थे।
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