पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले जनता दल यूनाइटेड (JDU) के अंदर उथल-पुथल तेज हो गई है। पार्टी ने गोपालपुर विधानसभा सीट से अपने मौजूदा विधायक गोपाल मंडल का टिकट काट दिया है। इस फैसले के बाद गोपाल मंडल के तेवर बागी हो गए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके सलाहकारों पर सीधा हमला बोला है।
गोपाल मंडल ने कहा कि “मैं बार-बार मुख्यमंत्री आवास गया, लेकिन मुझे एक महीने तक मिलने नहीं दिया गया। मजबूर होकर मैं पिस्टल लेकर धरने पर बैठ गया।”
टिकट कटते ही बदल गए तेवर — गोपाल मंडल की नाराजगी चरम पर
गोपाल मंडल ने स्पष्ट कहा कि अब वह निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा,
“मैं अब स्वतंत्र हूं, जनता मेरे साथ है। चाहे JDU ने RJD के बुलो मंडल को टिकट दिया हो, लेकिन मैं चुनाव जीतूंगा और नीतीश कुमार का समर्थन करूंगा।”
उनके इस बयान ने बिहार की सियासत में नई हलचल पैदा कर दी है।
गोपाल मंडल के अनुसार, JDU में टिकट वितरण जातीय और अंदरूनी राजनीति का शिकार हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि “मुख्यमंत्री के आसपास सिर्फ सवर्ण नेता हैं, कोई अतिपिछड़ा नहीं है।”
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गोपाल मंडल का बड़ा खुलासा — निशांत कुमार को लेकर पार्टी में बगावत की जड़

गोपाल मंडल ने एक बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि उन्होंने नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार को JDU की बागडोर सौंपने की बात कही थी।
उनका दावा है कि इस बयान के बाद सवर्ण नेताओं को आपत्ति हुई और वही उनकी टिकट कटने की असली वजह बनी।
उन्होंने कहा —
“मैंने कहा था कि निशांत कुमार को अगर JDU में नहीं लाया गया तो मुख्यमंत्री के बाद कोई लीडर नहीं बचेगा। पर सर्वण नेताओं को ये बात पसंद नहीं आई।”
गोपाल मंडल ने यह भी आरोप लगाया कि JDU के वरिष्ठ नेता संजय झा ने निशांत कुमार को राजनीति से दूर रखने की कोशिश की। उन्होंने कहा —
“मैंने कहा था कि निशांत कुमार हरनौत से चुनाव लड़ें, लेकिन संजय झा ने साफ कहा — ‘निशांत चुनाव नहीं लड़ेगा।’”
“पार्टी अब खत्म होने की कगार पर” — गोपाल मंडल का JDU पर करारा हमला

टिकट कटने के बाद गोपाल मंडल ने JDU के भविष्य पर भी सवाल उठाए।
उन्होंने कहा —
“अब JDU पार्टी खत्म हो जाएगी। जो हाल अभी है, उससे साफ है कि चुनाव के बाद पार्टी का नाम तक नहीं बचेगा।”
उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव से पहले ही JDU के कई नेताओं को पार्टी छोड़ने पर मजबूर किया जा रहा है।
गोपाल मंडल का यह बयान पार्टी के भीतर गहरी असंतोष की झलक देता है।
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नीतीश कुमार के लिए बड़ा सियासी संकट — NDA में बढ़ी बेचैनी
बिहार चुनाव 2025 में पहले से ही NDA गठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर तनाव था, अब JDU के अंदर से बगावत की आवाजें और तेज हो रही हैं।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह “JDU के अंदर नेतृत्व संकट का संकेत” है, जो आने वाले चुनाव में NDA की स्थिति को कमजोर कर सकता है।
गोपाल मंडल की रणनीति — जनता के बीच खुद को ‘त्यागी नेता’ के रूप में पेश करना
गोपाल मंडल अब खुद को जनता का सच्चा प्रतिनिधि बताने में जुट गए हैं। उन्होंने कहा —
“जनता मेरे साथ है। अगर पार्टी टिकट काटती है, तो क्या मैं राजनीति छोड़ दूं? मैं जनता के लिए लड़ूंगा।”
उनकी इस बगावती मुद्रा से यह स्पष्ट है कि वे निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
राजनीतिक पंडितों का कहना है कि उनका यह कदम गोपालपुर सीट पर मुकाबले को त्रिकोणीय बना देगा।
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