Patna: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने अपनी दमदार राजनीतिक मौजूदगी दर्ज करा दी है। एनडीए की ओर से उन्हें 29 सीटें दी गई हैं, जिन पर उन्होंने जातीय और सामाजिक संतुलन का अद्भुत उदाहरण पेश करते हुए अपनी पहली और दूसरी सूची जारी कर दी है।
पहली सूची में 14 उम्मीदवारों के नाम थे, जबकि दूसरी सूची में 15 नए चेहरों को शामिल किया गया है। इस तरह अब तक पार्टी ने कुल 29 प्रत्याशियों की घोषणा की है, जिनमें महिला, युवा और अनुभवी सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया गया है।
चिराग पासवान की उम्मीदवार सूची – हर वर्ग को मिला प्रतिनिधित्व


चिराग पासवान की इस सूची की सबसे बड़ी खासियत इसकी सामाजिक विविधता और संतुलन है।
उन्होंने 29 उम्मीदवारों में से –
• 6 महिलाएं,
• 13 युवा,
• 10 अनुभवी नेता शामिल किए हैं।
जातीय समीकरण की बात करें तो चिराग पासवान ने सभी समुदायों को बराबर प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की है। उनकी सूची में शामिल हैं –
• 5 राजपूत,
• 5 यादव,
• 4 पासवान,
• 4 भूमिहार,
• और एक-एक उम्मीदवार ब्राह्मण, तेली (वैश्य), पासी, सूढ़ी (वैश्य), रौनियार, कानू, रजवार, धोबी, कुशवाहा, रविदास और मुस्लिम समाज से।
इस तरह एलजेपी (रामविलास) ने बिहार की जातीय और सामाजिक राजनीति में एक नया संतुलन पेश किया है, जो एनडीए के अंदर उसकी अहमियत को और मजबूत करता है।
NDA की पूरी 243 सीटों पर तस्वीर साफ
अब एनडीए गठबंधन की ओर से बिहार की सभी 243 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा हो चुकी है।
सबसे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की थी, जिसके बाद जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने अपनी सूची जारी की।
इसके बाद हम (Hindustani Awam Morcha) के प्रमुख जीतन राम मांझी और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी अपने उम्मीदवार घोषित किए।
अब चिराग पासवान की सूची के साथ एनडीए ने अपने सभी मोर्चे को पूरा कर लिया है।
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NDA के अंदर चिराग की भूमिका और रणनीतिक संदेश
चिराग पासवान की यह सूची सिर्फ उम्मीदवारों की घोषणा नहीं, बल्कि एक राजनीतिक संदेश भी है।
उन्होंने साफ किया है कि एलजेपी (रामविलास) सिर्फ एक दल नहीं बल्कि हर वर्ग को जोड़ने वाली युवा शक्ति की आवाज़ है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चिराग की यह रणनीति NDA के जातीय समीकरणों को और मजबूत करने वाली साबित होगी। खासकर युवा और महिला वोटरों के बीच यह संदेश जाएगा कि एनडीए नई पीढ़ी को मौका देने वाला गठबंधन है।
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चिराग पासवान की नई राजनीतिक छवि – ‘बदलाव के युवा नेता’
पिछले कुछ सालों में चिराग पासवान ने खुद को एक मजबूत और स्वतंत्र नेता के रूप में पेश किया है।
उन्होंने हमेशा कहा है कि बिहार की राजनीति अब “पुराने समीकरणों” से नहीं, बल्कि “नए विज़न” से तय होगी।
इस बार उनकी सूची में दिख रहा युवा चेहरों का प्रभुत्व इसी विज़न का परिणाम है।
चिराग पासवान ने अपने पिता स्व. रामविलास पासवान की विरासत को आगे बढ़ाते हुए जातीय सीमाओं से ऊपर उठकर विकास और प्रतिनिधित्व की राजनीति का रास्ता अपनाया है।
विरोधियों पर निशाना, युवाओं को संदेश
चिराग पासवान ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा के दौरान विपक्ष पर तीखा हमला भी बोला।
उन्होंने कहा कि “बिहार की जनता अब झूठे वादों से ऊब चुकी है। एनडीए के पास विकास का ठोस एजेंडा है।”
उन्होंने यह भी कहा कि “हमारी पार्टी हर वर्ग के सपनों की पार्टी है — जहाँ महिला सशक्तिकरण, युवाओं का नेतृत्व और दलित सम्मान साथ चलता है।”
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