बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की सरगर्मियों के बीच रविवार को पटना में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के घर के बाहर एक हाई-वोल्टेज ड्रामा देखने को मिला।
पार्टी के पूर्व उम्मीदवार मदन शाह अचानक लालू यादव के आवास के बाहर पहुंचे और फूट-फूटकर रोने लगे।
शाह ने RJD पर वादाखिलाफी, पक्षपात और पैसे के बदले टिकट देने का गंभीर आरोप लगाया।
मदन शाह का भावनात्मक विरोध — “पैसों के लिए बेचा गया टिकट”

पूर्व उम्मीदवार मदन शाह, जो पहले भी RJD से चुनाव लड़ चुके हैं, ने पार्टी नेतृत्व पर टिकट वितरण में अनियमितता का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा कि उन्हें खुद लालू यादव ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में टिकट देने का वादा किया था, लेकिन आखिरी वक्त पर टिकट किसी और को दे दिया गया।
PTI से बातचीत में मदन शाह ने भावुक होकर आरोप लगाया कि
“मुझसे RJD नेता संजय यादव ने टिकट के बदले 2.7 करोड़ रुपये की मांग की थी। जब मैंने यह रकम देने से मना किया, तो मेरा टिकट रद्द कर दिया गया और दूसरे उम्मीदवार को दे दिया गया।”
यह आरोप सुनकर मौके पर मौजूद लोगों में भारी हलचल मच गई।
मदन शाह लगातार रोते हुए कहते रहे कि उन्होंने “सालों तक पार्टी के लिए जी-जान से काम किया, लेकिन पैसे वालों को प्राथमिकता दी जा रही है।”
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मधुबन सीट को लेकर विवाद — डॉ. संतोष कुशवाहा को मिला टिकट
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मदन शाह मधुबन विधानसभा क्षेत्र से टिकट की मांग कर रहे थे।
यह सीट अंततः डॉ. संतोष कुशवाहा को दे दी गई।
शाह का आरोप है कि पार्टी ने वफादार कार्यकर्ताओं को नजरअंदाज कर दिया और “पैसों के दम पर उम्मीदवार तय किए”।
उनके मुताबिक,
“यह वही पार्टी है जिसके लिए मैंने वर्षों तक काम किया, लेकिन अब सबकुछ बदल गया है। आज पार्टी में वफादारी नहीं, पैसे की कीमत है।”
स्थिति बिगड़ने पर मौके पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने हस्तक्षेप किया और मदन शाह को वहां से हटाया।
काफी देर तक चले इस हंगामे के बाद माहौल सामान्य हुआ।
हालांकि, इस पूरे विवाद पर RJD की तरफ से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
चुनावी माहौल में RJD के लिए मुश्किल समय
यह विवाद उस वक्त सामने आया है जब बिहार में चुनावी माहौल बेहद गर्म है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 दो चरणों में —
• पहला चरण: 6 नवंबर
• दूसरा चरण: 11 नवंबर
होगा।
वहीं चुनाव परिणाम 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
ऐसे माहौल में पार्टी के भीतर इस तरह का टिकट विवाद RJD की छवि पर असर डाल सकता है।
विशेषकर तब, जब पार्टी पहले से ही सीट बंटवारे को लेकर महागठबंधन के भीतर मतभेदों से जूझ रही है।
महागठबंधन में मतभेद — JMM ने अलग राह चुनी, कांग्रेस से भी अनबन
RJD इस समय महागठबंधन के बड़े घटक दल के रूप में सामने है, लेकिन गठबंधन की स्थिति काफी अस्थिर दिखाई दे रही है।
RJD और कांग्रेस के बीच सीट शेयरिंग को लेकर अभी तक अंतिम सहमति नहीं बन पाई है, जिससे अंदरूनी तनाव बढ़ गया है।
इसी बीच, हेमंत सोरेन की पार्टी JMM ने भी अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है, जिससे महागठबंधन की एकजुटता पर सवाल खड़े हो गए हैं।
NDA गठबंधन में एकजुटता, कांग्रेस-RJD पर दबाव
इसके विपरीत, BJP के नेतृत्व वाला NDA गठबंधन फिलहाल पूरी तरह एकजुट नजर आ रहा है।
बीजेपी ने अपने सहयोगियों JD(U), LJP (रामविलास), RLM, और HAM के साथ सीटों का बंटवारा पहले ही पूरा कर लिया है।
यह संगठनात्मक स्थिरता और अनुशासन NDA को चुनावी दौड़ में एक मजबूत स्थिति देती है, जबकि RJD को अंदरूनी कलह से उबरने की जरूरत है।
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विवाद से बढ़ी RJD की चुनावी चुनौती
RJD के टिकट विवाद और मदन शाह का विरोध प्रदर्शन बिहार चुनाव 2025 के बीच पार्टी के लिए एक नकारात्मक संदेश माना जा रहा है।
जहां NDA एकजुट होकर मैदान में उतर रहा है, वहीं RJD को अपनी आंतरिक असंतोष और पारदर्शिता पर उठे सवालों से जूझना पड़ रहा है।
फिलहाल, सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या पार्टी इस विवाद को शांत कर सकेगी और अपने समर्थकों में भरोसा बहाल कर पाएगी — या यह विवाद चुनावी नतीजों पर गंभीर प्रभाव डालेगा।
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