गोपालगंज: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के प्रचार के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गोपालगंज में एक जनसभा को संबोधित किया। रैली में उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियों का बखान करते हुए विपक्षी दलों, खासकर लालू परिवार पर तीखा हमला बोला। नीतीश कुमार ने कहा कि “2005 से पहले बिहार की हालत इतनी खराब थी कि लोग शाम को घर से निकलने में डरते थे, लेकिन अब बिहार ने विकास की नई ऊँचाइयों को छू लिया है।”
उन्होंने जनता के सामने पिछले 20 वर्षों के कामकाज की रिपोर्ट कार्ड पेश करते हुए बताया कि उनकी सरकार ने राज्य को भय, भ्रष्टाचार और पिछड़ेपन से बाहर निकाला है। नीतीश कुमार के भाषण में भावनात्मक अपील भी थी और आत्मविश्वास की झलक भी।
नीतीश कुमार ने गिनाईं सरकार की 5 बड़ी उपलब्धियां

मुख्यमंत्री ने अपने भाषण में बताया कि बिहार में शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पेंशन और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में ऐतिहासिक काम हुआ है।
1. शिक्षा के क्षेत्र में 5 लाख से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति
नीतीश कुमार ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में अब तक 5 लाख से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति की गई है। उन्होंने इसे राज्य के भविष्य की नींव बताया। सीएम के अनुसार, स्कूलों में नामांकन की दर बढ़ी है और dropout कम हुआ है।
2. स्वास्थ्य के क्षेत्र में नए मेडिकल कॉलेज
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार उनकी प्राथमिकता रही है। बिहार में कई नए मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं ताकि हर जिले को बेहतर इलाज की सुविधा मिल सके।
3. 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली की सुविधा
जनसभा में उन्होंने घोषणा की कि आम जनता को राहत देने के लिए 125 यूनिट तक बिजली मुफ्त दी जा रही है। उनका कहना था कि बिजली की उपलब्धता में अब बिहार देश के अग्रणी राज्यों में है।
4. वृद्धा पेंशन में बढ़ोतरी
वृद्धों के सम्मान के लिए सरकार ने पेंशन राशि में बढ़ोतरी की है। उन्होंने कहा कि राज्य के हर वरिष्ठ नागरिक को सामाजिक सुरक्षा देना उनकी सरकार की जिम्मेदारी है।
5. महिला सशक्तिकरण और रोजगार
सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि बिहार पुलिस में महिलाओं की संख्या आज देश में सबसे अधिक है। उन्होंने गर्व के साथ कहा, “बिहार पुलिस में जितनी महिलाएं हैं, उतनी किसी भी राज्य में नहीं।” महिलाओं को रोजगार देने के लिए सरकार लगातार नीतिगत फैसले ले रही है।
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साम्प्रदायिक सौहार्द पर नीतीश कुमार का जोर
अपने भाषण के दौरान नीतीश कुमार ने कहा कि उनकी सरकार ने हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के लिए समान रूप से काम किया है। उन्होंने बताया कि मुस्लिम समुदाय के लिए कब्रिस्तान की घेराबंदी करवाई गई, वहीं हिंदू समुदाय के लिए मंदिरों की चाहरदीवारी बनवाई गई।
नीतीश कुमार ने कहा कि पहले बिहार की राजनीति धर्म और जाति के नाम पर बंटी हुई थी, लेकिन अब राज्य की जनता विकास के मुद्दों पर एकजुट है। उनके इस बयान पर मंच पर मौजूद कार्यकर्ताओं ने जोरदार तालियां बजाईं।
पीएम नरेंद्र मोदी की सराहना, NDA एकजुट
अपने भाषण के अंत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि बिहार के विकास में प्रधानमंत्री की ओर से पूरा सहयोग मिल रहा है। यह बयान उनकी एनडीए साझेदारी को मजबूत करने वाला माना जा रहा है।
नीतीश ने कहा, “हम सब मिलकर बिहार को और आगे ले जाएंगे। प्रधानमंत्री जी का भी पूरा समर्थन हमें मिल रहा है, इसलिए अब राज्य में विकास की रफ्तार और तेज होगी।”
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विकास बनाम परिवारवाद की जंग
गोपालगंज की यह रैली नीतीश कुमार की चुनावी रणनीति का अहम हिस्सा मानी जा रही है। उनके भाषण में दो स्पष्ट संदेश थे —
एक, विकास और सुशासन की कहानी, और दूसरा, परिवारवाद के खिलाफ सख्त रुख।
जनसभा के अंत में उन्होंने जनता से कहा कि आने वाले चुनाव में “विकास” को वोट दें, न कि “परिवार की राजनीति” को।
गोपालगंज की यह सभा न सिर्फ राजनीतिक माहौल को गर्म कर गई, बल्कि इसने नीतीश कुमार की पुरानी राजनीतिक शैली—‘काम बोले तो बात बने’—को फिर से जीवित कर दिया।
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