सीएम नीतीश कुमार ने जनता से की “एक और मौका” देने की अपील
Bihar Election 2025:
जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव 2025 नजदीक आ रहे हैं, बिहार में सियासी माहौल लगातार गर्म होता जा रहा है।
इसी बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक भावनात्मक वीडियो संदेश जारी कर जनता से “एक और मौका” देने की अपील की है।
वीडियो में उन्होंने कहा —
“अब बिहारी कहलाना अपमान नहीं, बल्कि सम्मान की पहचान है।”
यह संदेश बिहार की अस्मिता (Identity) और आत्मसम्मान (Self-Respect) को केंद्र में रखकर जारी किया गया है।
नीतीश का यह बयान सीधे बिहारी गर्व और आत्मगौरव की भावना को छूता है, जो इस चुनावी दौर में एक सशक्त भावनात्मक अपील मानी जा रही है।

“2005 से पहले बिहार अंधेरे में था, हमने बदली उसकी पहचान”
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने संदेश में अपने लंबे शासनकाल का जिक्र करते हुए कहा कि 2005 से पहले बिहार पिछड़ेपन, अपराध और भ्रष्टाचार के अंधेरे में था।
उन्होंने दावा किया कि एनडीए सरकार ने राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और बिजली के क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाया, जिससे बिहार की तस्वीर और पहचान दोनों बदल गई।
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नीतीश कुमार ने कहा,
“पहले बिहारी कहलाना अपमान समझा जाता था, आज गर्व की बात है। हमने साबित किया कि बिहार मेहनती, ईमानदार और प्रगतिशील लोगों का प्रदेश है।”
उनका यह बयान न केवल राजनीतिक संदेश है, बल्कि बिहार के सामाजिक आत्मविश्वास को भी मजबूत करने की कोशिश करता है।
विकास की अधूरी कहानी और एनडीए से ‘एक और मौका’ की मांग
अपने संदेश में नीतीश कुमार ने जनता से सीधे कहा कि बिहार का विकास अभी अधूरा है और इसे पूरा करने के लिए एनडीए को एक और मौका मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा —
“एनडीए को एक और मौका दीजिए ताकि हम बिहार को देश के टॉप राज्यों में शामिल कर सकें।”
नीतीश का यह बयान स्पष्ट रूप से विकास की निरंतरता और राजनीतिक स्थिरता पर केंद्रित है।
उन्होंने याद दिलाया कि उनके शासन में बिजली, सड़क और कानून व्यवस्था की स्थिति पहले से बेहतर हुई है और बिहार अब “अंधेरे से उजाले” की दिशा में बढ़ चुका है।
महिलाओं को सशक्त बनाना — नीतीश सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि
नीतीश कुमार ने अपने वीडियो संदेश में महिलाओं की प्रगति को अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि बताया।
उन्होंने कहा कि अब महिलाएं आत्मनिर्भर हैं, शिक्षित हैं और समाज में नेतृत्व की भूमिका निभा रही हैं।
उन्होंने कहा —
“पहले महिलाओं को राजनीति और समाज में अवसर नहीं मिलते थे। आज हर पंचायत में उनकी भागीदारी है और वे खुद निर्णय ले रही हैं।”
सीएम ने लड़कियों की शिक्षा के लिए साइकिल योजना और छात्रवृत्ति योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इन योजनाओं ने लाखों परिवारों की सोच बदल दी।
उन्होंने कहा —
“हमने बेटियों के लिए वो राह खोली जिससे वे अब किसी सहारे की मोहताज़ नहीं रहीं।”
“हमने पूरे बिहार के परिवार की चिंता की, न कि सिर्फ अपने परिवार की”
वीडियो के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विपक्ष पर सीधा हमला भी बोला।
उन्होंने कहा कि
“पहले की सरकारें सिर्फ अपने परिवार के हित में काम करती थीं, हमने पूरे बिहार के परिवार की चिंता की।”
उनका यह बयान साफ तौर पर राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और लालू परिवार पर राजनीतिक निशाना है।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने जाति और वर्ग की राजनीति से ऊपर उठकर विकास किया और हर वर्ग को समान अवसर देने की कोशिश की।
नीतीश ने जोड़ा,
“बिहार की सेवा करना ही मेरा परिवार है। किसान हों, मजदूर हों या नौजवान — हमने सबके लिए काम किया है।”
शिक्षा, स्वास्थ्य और आत्मगौरव — नीतीश कुमार की चुनावी पिच
नीतीश कुमार ने अपने संदेश में कहा कि उनकी सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में जो सुधार किए, उसी का नतीजा है कि आज बिहार आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि गांव-गांव तक स्कूल और अस्पतालों का विस्तार हुआ है, उच्च शिक्षा के लिए नए कॉलेज खुले हैं और रोजगार की संभावनाएं बढ़ी हैं।
उन्होंने बताया कि ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या बढ़ाई गई और टेलीमेडिसिन सेवा ने गरीब परिवारों को राहत दी है।
उनका कहना है —
“हमने गरीबी घटाई और विकास की नींव मजबूत की है।”
वीडियो के अंत में उन्होंने एक बार फिर जनता से अपील की —
“एनडीए को दोबारा मौका दीजिए ताकि बिहार के विकास की गति और तेज हो सके। हमने पहले भी कहा था और आज भी कहते हैं — बिहार को टॉप-पर लाना हमारा लक्ष्य है।”
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“बिहारी कहलाना अब गर्व की बात है” — अस्मिता पर केंद्रित भावनात्मक अपील
नीतीश कुमार का यह वीडियो संदेश बिहार की अस्मिता, आत्मगौरव और सम्मान पर केंद्रित रहा।
उन्होंने कहा —
“हमने साबित किया कि अगर ईमानदारी और इच्छा शक्ति हो, तो बिहार जैसा राज्य भी बदल सकता है। आज बिहारी कहलाने में शर्म नहीं, गर्व है।”
यह संदेश जनता के दिल को छूने वाला है और आने वाले चुनावों में ‘बिहारी गौरव’ का मुद्दा केंद्र में ला सकता है।
जदयू और भाजपा दोनों ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर तेजी से साझा किया है, जिससे साफ है कि पार्टी इस भावनात्मक अपील को चुनावी प्रचार का मुख्य आधार बना रही है।
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