महंगाई के बीच राहत की खबर, चुनावी मौसम में जनता को सुकून
Bihar Election 2025 के बीच जहां राजनीतिक दलों के बीच वादों की बौछार जारी है, वहीं आम जनता के लिए नवंबर की शुरुआत एक राहत भरी खबर लेकर आई है। महंगाई के बोझ तले दबे उपभोक्ताओं को अब कुछ राहत महसूस होगी, क्योंकि तेल कंपनियों ने कॉमर्शियल एलपीजी सिलेंडर के दाम घटा दिए हैं। यह कदम ऐसे समय में आया है जब रसोई खर्च बढ़ने से आम नागरिक परेशान था।
तेल कंपनियों की ओर से जारी नए रेट्स के मुताबिक, 1 नवंबर से कॉमर्शियल सिलेंडर के दामों में 5 से 6.5 रुपये तक की कमी की गई है। हालांकि, घरेलू एलपीजी सिलेंडर (14.2 किलो) के दामों में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
कॉमर्शियल सिलेंडर हुआ सस्ता, छोटे कारोबारियों को सीधी राहत

नई दरों में 5 से 6.5 रुपये की कमी
नवंबर की इस कटौती ने होटल, रेस्टोरेंट और छोटे व्यापारियों के चेहरे पर मुस्कान ला दी है। तेल कंपनियों ने 19 किलो वाले कॉमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमत में गिरावट की है, जिससे छोटे व्यवसायियों को सीधा फायदा मिलेगा।
नई दरें इस प्रकार हैं —
• दिल्ली: ₹1590.50 (पहले ₹1595.50)
• कोलकाता: ₹1694 (पहले ₹1700.50)
• मुंबई: ₹1542 (पहले ₹1547)
• चेन्नई: ₹1750 (पहले ₹1754.50)
औसतन 5 से 6.5 रुपये प्रति सिलेंडर की राहत उपभोक्ताओं को मिली है। यह लगातार तीसरा महीना है जब तेल कंपनियों ने कॉमर्शियल सिलेंडर के दाम घटाए हैं।
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1 साल में ₹210 की राहत, घटे दामों से बढ़ी उम्मीद
पिछले वर्ष की तुलना में गिरावट का ग्राफ
1 नवंबर 2024 को दिल्ली में 19 किलो का कॉमर्शियल सिलेंडर ₹1802 का था, जो अब ₹1590.50 रह गया है। यानी, सालभर में लगभग ₹210 की राहत मिली है।
तेल विपणन कंपनियों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में एलपीजी की कीमतों में गिरावट और डॉलर दर में स्थिरता के चलते यह राहत संभव हुई है।
घरेलू एलपीजी सिलेंडर के दाम स्थिर, बिहार में अब भी महंगा
प्रमुख शहरों में घरेलू रेट
• दिल्ली: ₹853
• मुंबई: ₹852.50
• लखनऊ: ₹890.50
• पटना: ₹951
• कारगिल: ₹985.50
• पुलवामा: ₹969
बिहार की राजधानी पटना में उपभोक्ताओं को दिल्ली-मुंबई की तुलना में अधिक कीमत चुकानी पड़ रही है, जिसका प्रमुख कारण राज्यवार वैट दर और परिवहन लागत है।
क्यों अलग-अलग हैं शहरों में एलपीजी के दाम?
वैट, टैक्स और दूरी का असर
एलपीजी की कीमतों में शहरवार अंतर के पीछे कई आर्थिक और भौगोलिक कारण हैं।
• हर राज्य में VAT दर अलग-अलग है।
• रिफाइनरी से दूरी बढ़ने पर परिवहन लागत बढ़ती है।
• डीलर मार्जिन और भंडारण लागत भी अंतिम कीमत को प्रभावित करते हैं।
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बिहार में 1.35 करोड़ उपभोक्ताओं पर असर
उज्ज्वला योजना के लाभार्थियों को सीधी राहत
पेट्रोलियम मंत्रालय के अनुसार, बिहार में 1.35 करोड़ एलपीजी उपभोक्ता हैं, जिनमें से 1.12 करोड़ उज्ज्वला योजना के तहत हैं।
हर मूल्य परिवर्तन का असर सीधे ग्रामीण उपभोक्ताओं की रसोई और अर्थव्यवस्था पर पड़ता है।
नवंबर की शुरुआत में सुकून की लहर
Bihar Election 2025 के दौरान जब महंगाई एक प्रमुख राजनीतिक मुद्दा है, तेल कंपनियों की यह दर घटोतरी जनता के लिए सकारात्मक संकेत है।
यह कदम न केवल छोटे व्यवसायों के लिए राहत लेकर आया है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि महंगाई के दबाव में थोड़ी नरमी आई है।
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