Bihar Elections 2025 Digital War Room: हर बूथ पर ‘नज़र’, डिजिटल रणनीति से सियासी जंग में नया मोड़
Bihar Elections 2025: बिहार की चुनावी जंग अब सिर्फ सड़कों और सभाओं तक सीमित नहीं रह गई है। 2025 का यह चुनाव अब डिजिटल रणनीति, सोशल मीडिया मॉनिटरिंग और डेटा-ड्रिवन वार रूम की हाईटेक जंग में बदल चुका है। हर क्लिक, हर पोस्ट और हर बूथ पर नज़र रखी जा रही है — यह अब सिर्फ राजनीतिक मुकाबला नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी और रणनीति का संगम बन चुका है।
पहले चरण की वोटिंग के साथ बिहार में शुरू हुई हाईटेक सियासी जंग
Bihar Elections 2025 Digital War Room की शुरुआत पहले चरण की वोटिंग के साथ ही हो गई है। राज्यभर में 45,341 बूथों पर मतदान के दौरान अब सिर्फ वोटर की कतारें ही नहीं, बल्कि हर पार्टी की स्क्रीन पर ‘रियल टाइम अपडेट्स’ भी चल रही हैं।
जदयू, भाजपा, राजद, कांग्रेस और वाम दलों ने अपने वार रूम्स को पूरी तरह एक्टिव कर दिया है। सोशल मीडिया एक्सपर्ट्स, डिजिटल एनालिस्ट्स और बूथ-स्तरीय कोऑर्डिनेटर्स की टीमें हर पल स्थिति पर नज़र रख रही हैं।
जदयू का डिजिटल कंट्रोल रूम बना ‘आंख और कान’
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने इस बार Bihar Elections 2025 Digital War Room को और भी सशक्त बना दिया है।
लगभग 350 सोशल मीडिया एक्सपर्ट्स पूरे राज्य के 45,341 बूथों की निगरानी कर रहे हैं। दर्जनों मोबाइल, कंप्यूटर और बड़े LED स्क्रीन से लैस यह वार रूम अब पार्टी का “डिजिटल नर्व सेंटर” बन चुका है।
यहां से हर जिले की लाइव रिपोर्ट आती है और बूथ एजेंट्स के जरिये किसी भी गड़बड़ी या तकनीकी दिक्कत की जानकारी तुरंत हाइकमान तक पहुंचाई जाती है।
जदयू का यह कदम बिहार की राजनीति में तकनीकी जागरूकता का पावरफुल उदाहरण बन गया है।

राजद का ‘डबल वार रूम’: तेजस्वी यादव खुद कर रहे हैं मॉनिटरिंग
विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने भी Bihar Elections 2025 Digital War Room को पूरी ताकत से सक्रिय किया है।
पार्टी ने दो बड़े वार रूम बनाए हैं — एक प्रदेश मुख्यालय में और दूसरा नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के आवास पर।
राजद का वार रूम सुबह 4 बजे से ही सक्रिय हो गया था। यहां से मतदान की शुरुआत से लेकर ईवीएम जमा होने तक हर गतिविधि पर नज़र रखी जा रही है।
राज्यसभा सांसद संजय यादव और प्रो. मनोज झा के साथ तेजस्वी खुद मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
हर जिले के अफसरों के मोबाइल नंबर पार्टी के पास हैं, ताकि किसी गड़बड़ी या देरी की सूचना तुरंत निर्वाचन आयोग तक पहुंच सके।
राजद का यह कमांड सेंटर अब राजनीतिक रूप से सबसे सक्रिय वार रूम माना जा रहा है।
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वीआईपी और वाम दलों ने भी अपनाई नई टेक्नोलॉजी
विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ने भी Bihar Elections 2025 Digital War Room की रणनीति अपनाई है।
पहले चरण की 6 सीटों पर निगरानी के लिए एक विशेष वार रूम बनाया गया है, जिसमें 100 से अधिक कार्यकर्ता जुड़े हैं।
इनका उद्देश्य महिला मतदाताओं को सहायता देना और मतदाताओं को बूथ तक पहुंचाने में मदद करना है।
प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र को व्हाट्सएप ग्रुप्स से जोड़ा गया है ताकि रियल टाइम कम्युनिकेशन बना रहे।
वहीं, माकपा, भाकपा और भाकपा-माले जैसे वाम दलों ने भी 22 सीटों पर ऑनलाइन मॉनिटरिंग सिस्टम लागू किया है।
उनके वार रूम में युवा कार्यकर्ता तैनात हैं जो शिकायतों को तुरंत चुनाव आयोग तक पहुंचा रहे हैं।
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लोकतंत्र की डगर पर ‘टेक्नोलॉजी की ताकत’
पहली बार Bihar Elections 2025 में यह देखा जा रहा है कि पारंपरिक प्रचार के साथ-साथ डिजिटल वार रूम्स ने राजनीति का नया चेहरा पेश किया है।
जहां एक ओर ग्रामीण इलाकों में मतदान कर्मी गंगा पार कर लोकतंत्र की डगर तय कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर शहरों में डिजिटल एक्सपर्ट हर क्लिक पर नजर रख रहे हैं।
यह चुनाव अब सिर्फ नारे, नाराजगी और भीड़ का नहीं रहा — यह डेटा, निगरानी और नेटवर्किंग की जंग बन चुका है।
हर दल की कोशिश है कि वह इस हाईटेक रेस में पीछे न रह जाए।
बिहार की सियासत ने थामी डिजिटल रफ्तार
Bihar Elections 2025 Digital War Room अब सिर्फ टेक्नोलॉजी का प्रतीक नहीं बल्कि रणनीति का दिल और दिमाग बन गया है।
यह वह दौर है जब बिहार की राजनीति ने परंपरा के साथ तकनीक का हाथ थामा है।
हर बूथ, हर क्लिक और हर रिपोर्ट अब लोकतंत्र की कहानी कह रही है — यह है नए बिहार की डिजिटल सियासत की धड़कन।
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