बिहार में मतदान का पर्व शुरू, सुबह 9 बजे तक 13.13% वोटिंग दर्ज
Bihar Vidhansabha Chunav 2025: बिहार में आज गुरुवार को लोकतंत्र का सबसे बड़ा पर्व पूरे जोशो-खरोश के साथ शुरू हो गया है। पहले चरण में 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों पर मतदान जारी है। सुबह 7 बजे शुरू हुए मतदान में लोगों ने उत्साहपूर्वक हिस्सा लिया और शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक सुबह 9 बजे तक 13.13 फीसदी मतदान दर्ज किया गया है।
राज्यभर के मतदान केंद्रों पर सुबह से ही मतदाताओं की लंबी कतारें देखी जा रही हैं। कहीं युवा वोट डालने के लिए उत्साहित दिखे तो कहीं बुजुर्गों ने लोकतंत्र के इस उत्सव में अपनी भागीदारी निभाई। इस बार का चुनाव सिर्फ नेताओं का नहीं बल्कि जनता की भागीदारी का भी बड़ा इम्तिहान बन गया है।
गोपालगंज में सबसे ज्यादा, छपरा में धीमी वोटिंग की रफ्तार

मतदान के शुरुआती दो घंटों में जहां राज्य में औसतन 13.13% मतदान हुआ, वहीं कुछ जिलों ने सबका ध्यान खींच लिया। गोपालगंज में सुबह 9 बजे तक 36 फीसदी मतदान दर्ज हुआ, जो राज्य में सबसे अधिक है। वहीं छपरा में मात्र 12 फीसदी मतदान हुआ है, जो अन्य जिलों की तुलना में काफी कम है।
गोपालगंज के मतदाताओं का जोश देखने लायक था। सुबह-सुबह लोग अपने घरों से निकलकर मतदान केंद्रों की ओर बढ़े। वहीं छपरा में कुछ बूथों पर मतदाताओं की धीमी रफ्तार देखी गई, हालांकि आयोग के अधिकारियों का कहना है कि दोपहर तक मतदान प्रतिशत में वृद्धि देखने को मिलेगी।
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निर्वाचन आयोग के सख्त इंतजाम और जागरूकता अभियान
Bihar Vidhansabha Chunav 2025 को लेकर निर्वाचन आयोग ने इस बार कई नए उपाय अपनाए हैं ताकि मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी हो सके। पूरे राज्य में ‘मतदान आपका अधिकार’ जैसे जागरूकता अभियानों को ज़मीनी स्तर तक ले जाया गया है।
वोटरों को प्रेरित करने के लिए जिलास्तर पर रैलियां, नुक्कड़ नाटक और जनसंपर्क अभियान चलाए गए। आयोग का उद्देश्य स्पष्ट है—इस बार मतदान में रिकॉर्ड तोड़ भागीदारी दर्ज कराना। बूथों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं, पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती और CCTV मॉनिटरिंग के जरिए मतदान की हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।
121 सीटों पर दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर
पहले चरण की 121 विधानसभा सीटों पर आज वोटिंग हो रही है और इसके साथ ही कई दिग्गज नेताओं की किस्मत EVM की तिजोरी में बंद होने वाली है।
इस चरण में तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव, अनंत सिंह, मैथिली ठाकुर, सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा जैसे बड़े नामों की प्रतिष्ठा दांव पर है।
इतना ही नहीं, नीतीश कुमार सरकार के 16 मंत्रियों का राजनीतिक भविष्य भी इसी चरण के नतीजों पर निर्भर करेगा। बिहार की जनता आज यह तय कर रही है कि अगली सरकार किसकी होगी—राजद की अगुवाई वाला महागठबंधन या भाजपा-जदयू गठबंधन की एनडीए सरकार।
बिहार की जनता ने दिखाई लोकतंत्र के प्रति जागरूकता
बिहार के ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी केंद्रों तक लोगों में मतदान को लेकर जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। कई जगहों पर महिलाएं बच्चों के साथ मतदान केंद्र पहुंचीं तो कुछ युवा पहली बार वोट डालने पहुंचे।
सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक हर जगह एक ही चर्चा थी—“पहले मतदान, फिर जलपान।” इस नारे के साथ लोग घरों से निकलकर वोट डालने पहुंचे। यह चुनाव न सिर्फ नेताओं का बल्कि जनता के जागरूक होने का प्रतीक भी बन गया है।
क्या टूटेगा पिछली बार का रिकॉर्ड? निगाहें वोट प्रतिशत पर
बिहार निर्वाचन आयोग और राजनीतिक विश्लेषकों की निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि क्या इस बार का मतदान पिछले चुनावों का रिकॉर्ड तोड़ेगा या नहीं।
पिछले विधानसभा चुनाव में पहले चरण का वोट प्रतिशत लगभग 55% के आसपास रहा था। आयोग को उम्मीद है कि इस बार जनता के बढ़ते उत्साह और जागरूकता के चलते यह आंकड़ा और ऊपर जाएगा।
अगर ऐसा होता है, तो यह बिहार की राजनीति में एक नया अध्याय लिखेगा—जहां लोकतंत्र की सबसे बड़ी जीत जनता की सक्रिय भागीदारी से होगी।
नतीजों का इंतज़ार, सियासत में बढ़ी हलचल
पहले चरण के मतदान के बाद अब सभी की निगाहें नतीजों पर टिक गई हैं।
हर उम्मीदवार और पार्टी अपने-अपने समीकरणों का आंकलन कर रही है। सत्ता की कुर्सी तक पहुंचने की चाह रखने वाले उम्मीदवारों के लिए आज का दिन बेहद अहम है।
वोटिंग पूरी होने के बाद बिहार की सियासत में नई हलचल तेज हो जाएगी, और जो भी जीत हासिल करेगा, वह जनता के विश्वास का असली प्रतिनिधि कहलाएगा।
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लोकतंत्र का जश्न, बिहार के मतदाताओं की जीत
Bihar Vidhansabha Chunav 2025 का पहला चरण यह साबित कर रहा है कि बिहार अब राजनीतिक रूप से और अधिक जागरूक हो गया है। सुबह से उमड़ा मतदाताओं का सैलाब इस बात का संकेत है कि जनता अब अपने हक के लिए वोट डालना जानती है।
चाहे गोपालगंज की रिकॉर्ड वोटिंग हो या छपरा की धीमी शुरुआत, आज का दिन बिहार के लोकतंत्र के इतिहास में एक ‘हाई एनर्जी मोमेंट’ के रूप में दर्ज होगा।
अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि यह जोश और जागरूकता आने वाले चरणों में भी कायम रहती है या नहीं।
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