Bihar Election 2025: डबल वोटिंग विवाद से सियासत में बवाल
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में पहले चरण के मतदान के बाद अब राज्य की सियासत एक नए विवाद में उलझ गई है। इस बार चर्चा के केंद्र में कोई उम्मीदवार या नेता नहीं, बल्कि बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी की बेटी और सांसद शांभवी चौधरी हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो और फोटो ने पूरे राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है। इस वीडियो में शांभवी चौधरी के दोनों हाथों पर स्याही के निशान दिखाई दे रहे हैं, जिससे यह सवाल उठ रहा है कि क्या उन्होंने दो बार वोट डाला?
राजद (RJD) की प्रवक्ता कंचन यादव ने इस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए चुनाव आयोग से सीधा सवाल किया है कि “यह कैसे संभव है कि एक व्यक्ति दो बार वोट करे?” इस टिप्पणी के बाद से मामला तेजी से वायरल हो गया है और विपक्ष इसे सियासी हथियार के रूप में भुनाने की तैयारी में है।
RJD प्रवक्ता कंचन यादव का तंज: “यह तो अलग ही स्तर का फ़्रॉड है”
कंचन यादव ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर शांभवी चौधरी का वीडियो साझा करते हुए लिखा —
“यह तो एक अलग ही स्तर का फ़्रॉड चल रहा है। ये हैं लोजपा आर की सांसद शांभवी चौधरी। इनके दोनों हाथों पर स्याही लगी हुई है, मतलब इन्होंने दो बार वोट किया है। जब यह बात सामने आई तो इनके पिता अशोक चौधरी इन्हें आंखों के इशारे से संकेत कर रहे हैं। चुनाव आयोग, यह सब कैसे हो रहा है? इसकी जांच कौन करेगा?”

कंचन यादव के इस पोस्ट के बाद RJD और महागठबंधन के कई नेता इस मुद्दे पर मुखर हो गए हैं। उन्होंने इसे चुनाव प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठाने वाला मामला बताया है और चुनाव आयोग से तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
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विपक्ष ने साधा निशाना, बोले — “NDA कर रही है सिस्टम का दुरुपयोग”
इस विवाद के उभरते ही महागठबंधन के नेताओं ने एनडीए पर हमला बोलना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि अगर एक सांसद के परिवार से जुड़े व्यक्ति के खिलाफ ऐसी गंभीर शिकायतें आ रही हैं, तो यह चुनाव आयोग की निष्पक्षता और निगरानी तंत्र पर बड़ा सवाल है।
कई विपक्षी नेताओं ने इसे “डबल वोटिंग घोटाला” करार दिया और कहा कि यदि इस वीडियो की पुष्टि होती है, तो यह लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों के साथ धोखा और विश्वासघात है।
अशोक चौधरी और शांभवी चौधरी पर बढ़ता दबाव
वीडियो के वायरल होने के बाद मंत्री अशोक चौधरी और उनकी पुत्री शांभवी चौधरी दोनों पर दबाव बढ़ गया है। हालाँकि अब तक दोनों की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि यदि यह वीडियो असली साबित होता है, तो चुनाव आयोग के लिए यह गंभीर मामला बन सकता है।
RJD इस मुद्दे को चुनावी मंचों पर लेकर जाने की तैयारी में है और इसे NDA सरकार की ईमानदारी पर प्रश्नचिह्न के रूप में पेश करने की रणनीति बना रही है।
चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग तेज
राजद नेताओं के साथ-साथ अब आम मतदाता भी सोशल मीडिया पर चुनाव आयोग से तत्काल जांच की मांग कर रहे हैं। कई उपयोगकर्ताओं ने पोस्ट कर कहा कि यह सिर्फ किसी एक उम्मीदवार या दल का मुद्दा नहीं, बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया की पारदर्शिता का प्रश्न है।
अगर जांच में यह साबित होता है कि दोहरी वोटिंग हुई है, तो संबंधित व्यक्ति के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।
बिहार चुनाव 2025: पहले चरण के मतदान के बाद नया सियासी मोड़
बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण का मतदान हाल ही में संपन्न हुआ है, जिसमें रिकॉर्ड 65% वोटिंग दर्ज की गई थी। इसी बीच शांभवी चौधरी से जुड़ा यह विवाद सामने आना NDA के लिए चुनौतीपूर्ण मोड़ बन गया है।
पहले चरण में जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर झूठ फैलाने और युवाओं को भ्रमित करने का आरोप लगाया था, वहीं अब विपक्ष NDA के नेताओं पर “डबल वोट” जैसे चुनावी अपराध का ठीकरा फोड़ रहा है।
यह मामला न केवल चुनावी चर्चा का विषय बना है, बल्कि आने वाले चरणों के मतदान को भी प्रभावित कर सकता है।
जनता की नजर चुनाव आयोग की कार्रवाई पर
अब सबकी नजरें चुनाव आयोग पर टिकी हैं कि वह इस पूरे मामले में क्या कदम उठाता है। विपक्ष इसे “लोकतंत्र का अपमान” बता रहा है, जबकि NDA खेमे ने अब तक इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है।
अगर आयोग ने जांच के आदेश दिए, तो यह बिहार चुनाव की दिशा बदल सकता है। वहीं अगर आयोग ने इसे नजरअंदाज किया, तो विपक्ष इसे और आक्रामक ढंग से उठाने की तैयारी में है।
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“डबल वोट” विवाद से बढ़ी सियासी गर्मी
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में यह विवाद एक नया मोड़ लेकर आया है। एक तरफ सत्ता पक्ष पर ईमानदारी और पारदर्शिता बनाए रखने का दबाव है, वहीं दूसरी तरफ विपक्ष को आक्रामक मुद्दा मिल गया है।
RJD इसे जनता के बीच बड़े मुद्दे के रूप में उछाल सकती है, जबकि NDA इसे “भ्रामक प्रचार” बताकर खारिज करने की कोशिश करेगा।
बहरहाल, अब फैसला चुनाव आयोग के हाथ में है कि वह इस “डबल वोटिंग विवाद” की जांच किस स्तर तक करता है।
एक बात साफ है — बिहार की सियासत में यह मामला आने वाले दिनों में चुनावी तापमान को और बढ़ाने वाला साबित होगा।
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