बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में दिखा लोकतंत्र का उत्साह
Bihar Vidhansabha Chunav 2025 का दूसरा चरण अब पूरी तरह से शुरू हो चुका है। सुबह-सुबह ही मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की लंबी कतारें लोकतंत्र के इस पर्व को एक उत्सव का रूप दे रही हैं। इस चरण में 20 जिलों की 122 विधानसभा सीटों पर वोटिंग जारी है। इनमें 101 सीटें सामान्य, 19 अनुसूचित जाति (SC) और 2 अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षित हैं।
मतदान केंद्रों पर सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है, ताकि मतदाता बिना किसी भय या दबाव के अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें।
आंकड़ों में दूसरा चरण: 3 करोड़ 70 लाख से अधिक मतदाता करेंगे मतदान
चुनाव आयोग के अनुसार, इस चरण में 3 करोड़ 70 लाख से अधिक मतदाता अपने जनप्रतिनिधियों का चयन करेंगे। इनमें से 1 करोड़ 95 लाख 44 हजार 041 पुरुष और 1 करोड़ 74 लाख 68 हजार 572 महिला मतदाता शामिल हैं। महिलाओं की बढ़ती भागीदारी यह संकेत दे रही है कि बिहार में महिला वोट बैंक की अहमियत अब पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गई है।
राज्य भर में 45,399 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें 11 सहायक बूथ भी शामिल हैं। इन केंद्रों पर व्यवस्था को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है।
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इन 20 जिलों में हो रही वोटिंग

दूसरे चरण का चुनाव बिहार के 20 प्रमुख जिलों में आयोजित किया जा रहा है। इनमें गया, कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद, अरवल, जहानाबाद, नवादा, भागलपुर, बांका, जमुई, सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, सुपौल, पूर्णिया, अररिया, कटिहार, किशनगंज, पूर्वी और पश्चिमी चंपारण शामिल हैं।
इन जिलों में अलग-अलग राजनीतिक समीकरण देखने को मिल रहे हैं। कई सीटों पर त्रिकोणीय मुकाबला है, तो कुछ पर सीधा टक्कर सत्ता और विपक्ष के बीच है।
सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम, भारत-नेपाल सीमा पूरी तरह सील
दूसरे चरण के मतदान को शांतिपूर्ण बनाने के लिए सुरक्षा एजेंसियों ने कमर कस ली है। भारत-नेपाल सीमा को पूरी तरह से सील कर दिया गया है ताकि किसी भी बाहरी हस्तक्षेप या अवैध गतिविधि को रोका जा सके।
सीमा सुरक्षा बल (SSB) को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सीमा पर हर वाहन और व्यक्ति की सख्त जांच की जा रही है। इसके अलावा, सभी जिलों में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है ताकि मतदान केंद्रों पर किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या हिंसा की संभावना को समाप्त किया जा सके।
1302 उम्मीदवार मैदान में, कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर
इस चरण में कुल 1302 उम्मीदवार मैदान में हैं। इनमें कई दिग्गज नेताओं और तीन बड़े राजनीतिक दलों के प्रदेश अध्यक्षों की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह चरण न केवल उम्मीदवारों बल्कि बड़े राजनीतिक गठबंधनों के लिए भी निर्णायक साबित हो सकता है।
जहां एनडीए इस चरण में अपने प्रदर्शन को और मजबूत करने की कोशिश में है, वहीं महागठबंधन इस दौर में अपनी पकड़ मजबूत करने की रणनीति अपना रहा है।
महिलाओं की बढ़ती भागीदारी से चुनाव में नया रुझान
इस चरण में भी महिलाओं की उपस्थिति मतदान केंद्रों पर स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही है। पहले चरण में भी महिला मतदाताओं ने पुरुषों से ज्यादा वोटिंग की थी, और अब दूसरे चरण में भी वही उत्साह देखने को मिल रहा है।
बिहार में नीतीश सरकार द्वारा महिला कल्याण योजनाओं, जैसे आर्थिक सहायता और पेंशन योजनाओं के कारण महिलाओं में राजनीतिक जागरूकता बढ़ी है। यही वजह है कि मतदान केंद्रों पर महिलाओं की लंबी कतारें लोकतंत्र की सबसे सशक्त तस्वीर पेश कर रही हैं।
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लोकतंत्र का पर्व और जनता का जोश
बिहार के ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में लोकतंत्र का जोश चरम पर है। मतदान केंद्रों के बाहर युवा, बुजुर्ग और महिलाएं बड़ी संख्या में कतारबद्ध हैं।
कई जगहों पर सुबह 7 बजे से ही मतदान केंद्रों पर लोगों की भीड़ लगनी शुरू हो गई थी। मतदाताओं में बदलाव की उम्मीद, बेहतर प्रशासन और विकास की चाह स्पष्ट रूप से झलक रही है।
14 नवंबर को आएंगे नतीजे
दूसरे चरण के मतदान के बाद अब नजरें 14 नवंबर 2025 पर टिकी हैं, जब बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित किए जाएंगे।
राजनीतिक दलों के लिए यह चरण बेहद अहम माना जा रहा है क्योंकि इसका असर आगामी चरणों के वोटिंग पैटर्न और राजनीतिक रुझान पर भी पड़ेगा।
बिहार के इस ऐतिहासिक चुनाव में जनता एक बार फिर अपने भविष्य की दिशा तय कर रही है — और हर वोट इस दिशा को निर्णायक रूप से प्रभावित करेगा।
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