बिहार चुनाव 2025: एनडीए की एकतरफा जीत पर महागठबंधन में मचा भूचाल
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने एक ओर एनडीए खेमे में जश्न का माहौल बना दिया है, वहीं दूसरी ओर महागठबंधन के भीतर आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है। महागठबंधन की भारी हार ने उसके नेताओं को सकते में डाल दिया है। चुनाव प्रचार के दौरान जुटी भारी भीड़ के बावजूद इतना चौंकाने वाला (sentiment word) परिणाम सामने आना कई बड़े सवाल खड़े करता है। बिहार कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह ने भी खुले शब्दों में अपनी हैरानी जताई और कहा कि वे समझ नहीं पा रहे कि जमीन पर दिख रही लोकप्रियता के बावजूद नतीजों में ऐसा अंतर कैसे आया।
महागठबंधन की हार पर कांग्रेस नेता अखिलेश सिंह की तीखी प्रतिक्रिया
अखिलेश सिंह का कहना है कि सभाओं में रिकॉर्ड भीड़ उमड़ रही थी, और माहौल उनके पक्ष में बनता दिख रहा था। ऐसे में एनडीए की इतनी एकतरफा (sentiment) जीत और महागठबंधन की करारी हार ने उन्हें चकित किया है। उन्होंने कहा:
“हमारी हर रैली में भारी भीड़ आ रही थी… अब नतीजा आया है तो बैठकर समझना जरूरी है कि ऐसा हुआ कैसे।”
अखिलेश सिंह का बयान बताता है कि महागठबंधन के भीतर रणनीतिक स्तर पर कहीं न कहीं गंभीर चूक हुई है।
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कांग्रेस प्रभारी और RJD प्रभारी पर सीधा हमला—‘जवाब इन्हें देना चाहिए’

अखिलेश सिंह ने हार की जिम्मेदारी से खुद को अलग करते हुए इसकी सीधी जिम्मेदारी कांग्रेस प्रभारी कृष्णा अल्लवारू, और RJD प्रभारी संजय यादव पर डाल दी।
उन्होंने कहा:
“पूरी चुनावी प्लानिंग प्रभारी लोग ही करते हैं। ऐसा रिज़ल्ट आया है तो जवाब भी वही देंगे… मैं कैसे दे सकता हूँ?”
महागठबंधन की अंदरूनी राजनीति में इस बयान का बहुत बड़ा असर पड़ेगा क्योंकि यह पहली बार है जब किसी वरिष्ठ नेता ने चुनावी रणनीति तैयार करने वालों पर इतनी खुली टिप्पणी की है।
अखिलेश सिंह ने खोला नया मोर्चा—SIR पर साजिश का आरोप (H2)
महागठबंधन की हार के बाद तेजस्वी यादव के करीबी माने जाने वाले राजनीतिक समूह पर भी सवाल उठ रहे हैं। अखिलेश सिंह ने अपने एक बयान में साफ कहा कि “SIR ने बिहार में खेल किया”—यह वाक्य राजनीतिक हलकों में तेजी से चर्चा का विषय बन गया है।
उन्होंने लिखा:
“बिहार में जो खेल SIR ने किया है, वह अब बंगाल, तमिलनाडु, यूपी समेत किसी राज्य में नहीं हो पाएगा… क्योंकि इसकी साजिश का भंडाफोड़ हो चुका है।”
यह बयान स्पष्ट करता है कि महागठबंधन के भीतर गंभीर अविश्वास की स्थिति है और चुनाव के बाद यह फूट और बड़ी हो सकती है।
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‘PPTV = PDA प्रहरी’ मॉडल से बीजेपी के मंसूबे नाकाम करने का दावा
अखिलेश सिंह ने एक और दिलचस्प टर्म उठाया—PPTV। उन्होंने कहा कि जैसे CCTV निगरानी करता है, उसी तरह PDA प्रहरी “पीडीए प्रोटेक्शन फोर्स” अब हर राजनीतिक चाल पर नजर रखेगा और बीजेपी की रणनीतियों को नाकाम करेगा।
उन्होंने लिखा:
“CCTV की तरह हमारा PPTV मतलब PDA प्रहरी चौकन्ना रहेगा… भाजपा दल नहीं छल है।”
यह बयान भावनात्मक भी है और महागठबंधन समर्थकों को जोड़ने की कोशिश भी।
महागठबंधन की हार: आगे क्या?
• महागठबंधन के अंदर सामंजस्य की कमी खुलकर सामने आ गई है।
• कांग्रेस और RJD के बीच बढ़ती दूरी आने वाले समय में और गंभीर हो सकती है।
• पार्टी के रणनीतिक चेहरों पर सवाल उठ रहे हैं।
• 2025 की हार महागठबंधन के लिए चेतावनी है कि 2029 की तैयारी बिना एकजुट हुए संभव नहीं।
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