बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में मिली करारी हार के बाद राजद नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अब पूरी तरह ऐक्शन मोड में दिखाई दे रहे हैं। राजद इस चुनाव में मात्र 25 सीटों तक सिमट गई और पार्टी अब अपनी हार के कारणों की गहराई से पड़ताल कर रही है। इस बीच, चुनावी प्रचार के दौरान वायरल हुए कुछ भोजपुरी, मैथिली और मगही गानों को तेजस्वी यादव ने सीधे तौर पर पार्टी की हार का बड़ा कारण बताते हुए करीब एक दर्जन से अधिक गायक-संगीतकारों को कानूनी नोटिस भेज दिया है।
- RJD की करारी हार और भड़काऊ गानों का असर
- “मारब सिक्सर के 6, गोली छाती में…” – वह गाना जिसने मचा दी राजनीतिक भूचाल
- तेजस्वी यादव का बड़ा एक्शन — 32 लोगों को भेजे नोटिस
- RJD की चिंता: गानों ने बिगाड़ दिया चुनावी नैरेटिव?
- नीरज कुमार का पलटवार — “राजद कार्यकर्ता खुद बजाते थे ये गाने”
- अपमानजनक गानों पर RJD की सख्ती—क्यों बढ़ा गुस्सा?
- क्या गानों ने चुनावी परिणामों को सच में प्रभावित किया?
तेजस्वी का यह कदम चुनाव बाद की राजनीति में सबसे सख्त और पावरफुल प्रतिक्रिया मानी जा रही है, जिसने पूरे बिहार के राजनीतिक माहौल में तीखी बहस छेड़ दी है।
RJD की करारी हार और भड़काऊ गानों का असर

राजद नेतृत्व का मानना है कि चुनाव प्रचार के दौरान वायरल हुए कुछ अपत्तिजनक और उत्तेजक भोजपुरी गाने पार्टी की हार के प्रमुख कारणों में शामिल रहे। इन गानों का इस्तेमाल सत्ता पक्ष ने चुनावी मंचों से बार-बार किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अपने भाषणों में इन गानों का उल्लेख करते हुए राजद पर निशाना साधा, जिससे माहौल और अधिक गरमाया।
कुछ गानों में:
• हिंसक संवाद
• उकसाने वाली भाषा
• जंगलराज का संकेत
• तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद यादव का नाम
स्पष्ट रूप से उपयोग किया गया था, जिसने चुनावी नैरेटिव को RJD के खिलाफ मोड़ दिया।
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“मारब सिक्सर के 6, गोली छाती में…” – वह गाना जिसने मचा दी राजनीतिक भूचाल
चुनाव प्रचार के बीच जिस गाने ने सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरीं, वह था—
“मारब सिक्सर के 6, गोली छाती में…”
यही लाइन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में उठाई और इसे “जंगलराज की वापसी” से जोड़ते हुए राजद पर जोरदार हमला बोला।
इसके अलावा एक अन्य गाने की पंक्ति:
“आएगी भइया की सरकार, बनेंगे रंगदारा”
का भी उल्लेख प्रधानमंत्री ने बड़े मंच से किया, जिससे चुनावी बहस और तीखी होती चली गई।
इन गानों को सोशल मीडिया पर भारी संख्या में प्रसारित किया गया—और राजद का दावा है कि इन्हीं ने पार्टी की छवि को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाया।
तेजस्वी यादव का बड़ा एक्शन — 32 लोगों को भेजे नोटिस
हार के तुरंत बाद तेजस्वी यादव ने करीब एक दर्जन भोजपुरी गायकों समेत कुल 32 लोगों को कानूनी नोटिस भेजा है। इनमें:
• भोजपुरी गायक
• मैथिली कलाकार
• मगही सिंगर
• बिहार के बाहर के कलाकार
भी शामिल बताए गए हैं।
तेजस्वी का आरोप है कि:
• उनके नाम का अनधिकृत उपयोग किया गया
• राजद पार्टी के नाम का बिना अनुमति प्रमोशन हुआ
• सोशल मीडिया पर उत्तेजक वीडियो और गाने फैलाए गए
• पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने की साजिश की गई
इन सब पर उन्होंने कलाकारों से जवाब मांगा है कि उनके खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए।
RJD की चिंता: गानों ने बिगाड़ दिया चुनावी नैरेटिव?
राजद का स्पष्ट कहना है कि इन गानों ने:
• पार्टी का नैरेटिव बिगाड़ा
• चुनावी बहस को गलत दिशा दी
• युवा मतदाताओं पर मानसिक प्रभाव डाला
• जंगलराज जैसी पुरानी छवि को फिर से उभारा
यह असर सीधे पार्टी की सीटों पर दिखाई पड़ा, क्योंकि राजद 25 सीटों पर सिमट गई।
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नीरज कुमार का पलटवार — “राजद कार्यकर्ता खुद बजाते थे ये गाने”
तेजस्वी के नोटिस भेजने के फैसले के बाद जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा:
• कानूनी नोटिस भेजना तेजस्वी का अधिकार है
• लेकिन चुनावी यात्राओं में राजद कार्यकर्ता खुद यह गाने बजाते हुए दिखे
• यदि तेजस्वी सचमुच पारदर्शिता चाहते हैं तो उन्हें अपने कार्यकर्ताओं को भी नोटिस भेजना चाहिए
• वरना यह कदम केवल राजनीतिक दोहरापन माना जाएगा
नीरज कुमार की यह टिप्पणी पूरे विवाद को एक नया मोड़ दे चुकी है।
अपमानजनक गानों पर RJD की सख्ती—क्यों बढ़ा गुस्सा?
आपके दिए हुए विवरण के अनुसार, राजद का आरोप है कि:
• जानबूझकर पार्टी के खिलाफ नकारात्मक नैरेटिव बनाया गया
• सोशल मीडिया को हथियार बनाकर माहौल खराब किया गया
• लालू प्रसाद, तेजस्वी यादव और पार्टी झंडे तक को अपमानजनक तरीके से गानों में इस्तेमाल किया गया
कुछ गाने न सिर्फ़ बिहार, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा में आए।
तेजस्वी यादव ने इन्हीं कारणों को उद्धृत करते हुए नोटिस भेजने को “ज़रूरी और सख्त कदम” बताया है।
क्या गानों ने चुनावी परिणामों को सच में प्रभावित किया?
राजद नेतृत्व का दावा है कि:
• इन गानों में भड़काऊ माहौल तैयार किया
• जनता में भ्रम फैलाया गया
• विपक्ष ने इन्हें हथियार बनाकर RJD पर हमला किया
• इससे पार्टी का वोट बैंक प्रभावित हुआ
इसलिए तेजस्वी का मानना है कि हार की मुख्य जिम्मेदारी भी इसी अभियान पर जाती है।
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