Bihar Politics Upendra Kushwaha: बिहार की राजनीति में एक बार फिर उपेंद्र कुशवाहा सुर्खियों में हैं। आरएलएम सुप्रीमो ने अपने बेटे दीपक प्रकाश के मंत्री बनने के बाद उठ रहे सवालों के बीच एक ऐसा पोस्ट शेयर किया, जिसने पूरे सियासी माहौल को गर्म कर दिया। कुशवाहा ने एक्स हैंडल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की एक पुरानी बात को याद करते हुए लिखा— “कभी-कभी बड़ों के द्वारा कही गई बातों को याद करना चाहिए।” उनके इस बयान ने न सिर्फ नई चर्चा छेड़ दी, बल्कि विपक्ष पर सीधा और तीखा तंज भी कस दिया।
- Bihar Politics Upendra Kushwaha: नीतीश कुमार की पुरानी ‘मक्खी’ वाली सीख का जिक्र क्यों?
- Bihar Politics Upendra Kushwaha: बेटे दीपक प्रकाश पर सवाल क्यों उठे?
- Bihar Politics Upendra Kushwaha: इमोशनल पोस्ट से बदली सियासी हवा
- Bihar Politics Upendra Kushwaha: मंत्री बनने के बाद दीपक प्रकाश का पहला फोकस
- Bihar Politics Upendra Kushwaha: राजनीति में संदेश साफ, लक्ष्य और भी साफ
Bihar Politics Upendra Kushwaha: नीतीश कुमार की पुरानी ‘मक्खी’ वाली सीख का जिक्र क्यों?
अपने पोस्ट में उपेंद्र कुशवाहा ने एक पुरानी घटना का जिक्र किया, जिसमें नीतीश कुमार ने उनसे कहा था—
“खाना खाते वक्त मक्खियां भन-भनाएंगी, चिंता मत कीजिए। बाएं हाथ से भगाते रहिए, दाहिने से खाते रहिए.”

इस लाइन के पीछे का संकेत साफ था।
कुशवाहा का तंज विपक्ष की तरफ था, जो लगातार दीपक प्रकाश के मंत्री बनने पर सवाल दाग रहा है।
- बिना चुनाव लड़े मंत्री बनाए जाने पर विपक्ष ने कुशवाहा के बेटे दीपक प्रकाश को जमकर ट्रोल किया।
- इसके जवाब में कुशवाहा ने “मक्खी” उदाहरण के जरिये इशारों में कह दिया कि—
विपक्ष चाहे जितना बोले, काम रुकने वाला नहीं है।
इस पोस्ट को पढ़ते ही बिहार की राजनीति में नए मायने निकाले जाने लगे हैं।
कुशवाहा ने जिस तरह नीतीश को “बड़ा भाई” बताया, उसने भी राजनीतिक हलचल को एक नया मोड़ दिया है।
Bihar Politics Upendra Kushwaha: बेटे दीपक प्रकाश पर सवाल क्यों उठे?
दीपक प्रकाश इस वक्त बिहार के राजनीतिक चर्चाओं के केंद्र में हैं।
- वे पंचायत राज मंत्री बने हैं
- लेकिन उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा
- 2025 चुनाव में वे सासाराम सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी नारायण पासवान के काउंटिंग एजेंट थे
- नारायण पासवान को कुल 327 वोट मिले और उनकी जमानत जब्त हो गई
इसके बाद विपक्ष ने तंज कसना शुरू किया कि—
“जो चुनाव तक नहीं लड़ा, वह मंत्री कैसे बना?”
इन्हीं आलोचनाओं के बीच कुशवाहा का यह पोस्ट आया है, जो सीधे विपक्ष को जवाब देने जैसा था।
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Bihar Politics Upendra Kushwaha: इमोशनल पोस्ट से बदली सियासी हवा
इससे पहले भी जब विपक्ष ने दीपक प्रकाश के मंत्री बनने पर सवाल उठाए थे, तब कुशवाहा ने एक लंबा पोस्ट लिखकर सभी आरोपों का जवाब दिया था।
उन्होंने साफ कहा कि कभी-कभी बड़ों की कही बातों को याद करना चाहिए। इसका अर्थ यह निकाला जा रहा है कि कुशवाहा चाहते हैं कि विवादों से ऊपर उठकर काम किया जाए।
Bihar Politics Upendra Kushwaha: मंत्री बनने के बाद दीपक प्रकाश का पहला फोकस
पंचायत राज विभाग संभालने के बाद दीपक प्रकाश ने काम को लेकर स्पष्ट संकेत दिए हैं।
उन्होंने कहा—
- विभाग में विकास की अपार संभावनाएं हैं
- सभी वरिष्ठ अधिकारियों को सक्रिय मोड में रहना होगा
- तेज गति से काम को आगे बढ़ाया जाएगा
उनका यह बयान स्पष्ट दिखाता है कि वे विवादों से हटकर काम पर फोकस करना चाहते हैं।
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Bihar Politics Upendra Kushwaha: राजनीति में संदेश साफ, लक्ष्य और भी साफ
उपेंद्र कुशवाहा का यह पोस्ट कई राजनीतिक संदेश एक साथ देता है—
• पहला संदेश
विपक्ष से घबराने या विचलित होने की जरूरत नहीं।
• दूसरा संदेश
नीतीश कुमार से ‘पुराना रिश्ता’ अभी भी सम्मानजनक है।
• तीसरा संदेश
अपने बेटे दीपक प्रकाश पर उठ रहे सवालों पर वे पूर्ण रूप से खड़े हैं।
• चौथा संदेश
विकास और काम ही उनकी प्राथमिकता है—विवाद नहीं।
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