Bihar assembly session: बिहार की सियासत का नया दौर आज यानी सोमवार से शुरू होने जा रहा है, जब नवगठित सरकार के बीच 18वीं विधानसभा का पहला सत्र अपना परदा उठाएगा। आज से शुरू हो रहा यह सत्र सिर्फ एक औपचारिक शुरुआत नहीं है, बल्कि आने वाले महीनों में राजनीतिक समीकरणों के बदलने, रणनीतियों के तेज होने और सत्ता–विपक्ष के बीच तीखे संवादों का मंच बनने वाला है।
- Bihar Assembly Session: शपथ ग्रहण के साथ सत्र की औपचारिक शुरुआत
- Bihar Assembly Session: दो दिसंबर को स्पीकर चुनाव, बढ़ेगा सियासी तापमान
- Bihar Assembly Session: राज्यपाल का अभिभाषण और द्वितीय अनुपूरक बजट
- Bihar Assembly Session: धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस होगी सबसे तीखी
- Bihar Assembly Session: पाँच दिसंबर को बजट पर चर्चा और मतदान
- Bihar Assembly Session: सरकार–विपक्ष दोनों पूरी तैयारी में
- Bihar Assembly Session: नई सरकार की पहली बड़ी परीक्षा
पाँच दिनों तक चलने वाला यह सत्र इस बार कई मायनों में खास है। नई सरकार पहली बार सदन में उतरेगी, जबकि विपक्ष भी पूरी तैयारी के साथ आने वाला है। शुरुआत से लेकर समापन तक हर दिन राजनीतिक गतिविधियों से भरपूर होगा, और इसी सत्र से नई सरकार की कार्यशैली का पहला संकेत मिलेगा।
Bihar Assembly Session: शपथ ग्रहण के साथ सत्र की औपचारिक शुरुआत
सत्र के पहले दिन का सबसे महत्त्वपूर्ण क्षण होगा नवनिर्वाचित 243 विधायकों का शपथ ग्रहण। प्रोटेम स्पीकर नरेंद्र नारायण यादव इस पूरी प्रक्रिया को सम्पन्न कराएंगे।
जैसे ही शपथ ग्रहण शुरू होगा, विधानमंडल भवन के भीतर और बाहर राजनीतिक माहौल और भी सक्रिय हो जाएगा। बिहार की जनता की नजरें आज इस बात पर भी टिकी हैं कि कौन विधायक किस अंदाज़ में शपथ लेता है और किस तरह से सदन की शुरुआत होती है।
इसी दिन एक और महत्वपूर्ण चरण शुरू होगा—
नए विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) के लिए नामांकन।
यह नामांकन सत्र को राजनीतिक रूप से और भी दिलचस्प बना देगा।
Bihar Assembly Session: दो दिसंबर को स्पीकर चुनाव, बढ़ेगा सियासी तापमान

सत्र के दूसरे दिन यानी 2 दिसंबर को नए स्पीकर का चुनाव होगा।
यह दिन बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि:
• इससे सदन की आगामी पाँच वर्ष की दिशा तय होगी।
• सत्ता पक्ष अपनी मजबूती दिखाना चाहेगा।
• विपक्ष अपनी संख्या और रणनीति प्रदर्शित करने की कोशिश करेगा।
स्पीकर पद का चुनाव ही वह मोड़ है जहाँ सरकार और विपक्ष दोनों की वास्तविक ताकत का अंदाज़ लगाया जा सकेगा।
विधान परिषद का सत्र हालांकि केवल तीन दिनों का होगा, लेकिन वहाँ भी राजनीतिक गर्माहट कम नहीं होगी। नई सरकार के लिए हर सदन में अपनी पकड़ स्थापित करना ज़रूरी है, जबकि विपक्ष हर मौके पर सवाल उठाने की तैयारी में है।
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Bihar Assembly Session: राज्यपाल का अभिभाषण और द्वितीय अनुपूरक बजट
3 दिसंबर को राज्यपाल दोनों सदनों को संयुक्त रूप से संबोधित करेंगे।
इस दौरान:
• अभिभाषण के साथ सरकार की प्राथमिकताएँ सामने आएंगी।
• सरकार द्वारा जारी अध्यादेश सदन में प्रस्तुत किए जाएंगे।
• द्वितीय अनुपूरक बजट भी पेश किया जाएगा।
यह दिन औपचारिक होगा लेकिन राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, क्योंकि सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले अध्यादेश और बजट विपक्ष के लिए सवाल उठाने का नया आधार बनेंगे।
Bihar Assembly Session: धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस होगी सबसे तीखी
4 दिसंबर का दिन सत्र का सबसे गर्म और चर्चित दिन होने वाला है।
इस दिन राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होगी।
यह बहस कई वजहों से खास होगी:
• विपक्ष पूरी तैयारी के साथ सरकार को हर मुद्दे पर घेरने की कोशिश करेगा।
• सत्ता पक्ष मजबूती से अपने तर्क और योजनाओं को रखेगा।
• सदन में हिंदी–उर्दू दोनों भाषाओं के साथ तीखी बयानबाज़ी देखने को मिलेगी।
नई सरकार और विपक्ष के बीच यह पहला बड़ा खुला मुकाबला होगा, जिसे पूरा बिहार ध्यान से देखेगा।
Bihar Assembly Session: पाँच दिसंबर को बजट पर चर्चा और मतदान
सत्र के अंतिम दिन यानी 5 दिसंबर को:
• बजट पर चर्चा,
• मतदान,
• और विनियोग विधेयकों की मंज़ूरी दी जाएगी।
यह सत्र का औपचारिक अंत होगा, लेकिन इसकी राजनीतिक गूंज आने वाले महीनों में सुनाई देगी। यह तय करेगा कि नई सरकार सदन में कितनी मजबूत है और विपक्ष कितना सक्रिय।
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Bihar Assembly Session: सरकार–विपक्ष दोनों पूरी तैयारी में
संसदीय कार्यमंत्री विजय कुमार चौधरी ने स्पष्ट कहा है कि सरकार हर सवाल का जवाब देने को तैयार है।
उधर भाजपा–जदयू और एनडीए गठबंधन के अन्य दल भी सोमवार को विधायक दल की बैठक में अपनी रणनीति तय कर रहे हैं।
स्पष्ट है कि दोनों पक्षों की तैयारी पूरी है और सदन में कड़ा मुकाबला देखने को मिलेगा।
Bihar Assembly Session: नई सरकार की पहली बड़ी परीक्षा
कुल मिलाकर, यह पाँच दिवसीय सत्र नई सरकार की पहली और सबसे महत्त्वपूर्ण अग्निपरीक्षा है।
यह वही मंच है, जहाँ:
• सरकार अपनी नीति, दृष्टि और तैयारी दिखाएगी।
• विपक्ष अपनी भूमिका और ताकत का प्रदर्शन करेगा।
• आने वाले राजनीतिक महीनों की दिशा तय होगी।
बिहार की जनता की नजरें पूरे सत्र पर बनी रहेंगी क्योंकि यह सत्र तय करेगा कि नई सरकार किस तरह शासन की शुरुआत करती है और विपक्ष क्या लाइन अपनाता है।
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