लैंड फ़ॉर जॉब घोटाले से जुड़ा यह दिन न केवल लालू प्रसाद यादव के लिए बल्कि पूरे RJD परिवार और बिहार की राजनीति के लिए बेहद अहम बन गया है। दिल्ली के राउज़ एवेन्यू कोर्ट में आज आरोप तय किए जाने को लेकर संभावित फैसला आ सकता है। यही वजह है कि राजनीतिक हलकों से लेकर न्यायिक दुनिया तक इस सुनवाई ने जबरदस्त हलचल पैदा कर दी है। वर्षों से चले आ रहे इस केस की दिशा आज बदल सकती है और इसका असर भविष्य की सियासत तक फैलेगा।
- Lalu Prasad Yadav Case: कोर्ट में आज क्यों है निर्णायक दिन?
- Lalu Prasad Yadav Case: मृत आरोपियों ने क्यों उलझा दी प्रक्रिया?
- Lalu Prasad Yadav Case: दो चार्जशीट, 78 आरोपी और लंबा कानूनी सफर
- Lalu Prasad Yadav Case: तेजस्वी-राबड़ी की मुश्किलें क्यों बढ़ीं?
- Lalu Prasad Yadav Case: बिहार की सियासत में क्यों मची हलचल?
- सबकी नज़र राउज़ एवेन्यू कोर्ट पर
Lalu Prasad Yadav Case: कोर्ट में आज क्यों है निर्णायक दिन?
लैंड फ़ॉर जॉब मामला 2004–2009 के बीच लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान का है। सीबीआई का आरोप है कि इस अवधि में रेलवे के पश्चिम मध्य क्षेत्र, जबलपुर में ग्रुप-डी नौकरियों की भर्ती में अनियमितता हुई। दावा है कि जिन लोगों को नौकरी दी गई, उनके परिवारों ने लालू यादव या उनके परिजनों के नाम जमीनें ट्रांसफ़र कीं। सीबीआई इसे एक संगठित नेटवर्क का हिस्सा बताती है।
आज जो फैसला आ सकता है, वह आरोप तय करने की प्रक्रिया का निर्णायक चरण है। यानी कोर्ट यह तय करेगी कि इस मुकदमे में किन-किन आरोपियों पर कौन-कौन से आरोप तय होंगे।
Lalu Prasad Yadav Case: मृत आरोपियों ने क्यों उलझा दी प्रक्रिया?

इस केस का एक दिलचस्प मोड़ तब आया जब जांच के दौरान सामने आया कि कुछ आरोपी अब जीवित नहीं हैं। स्पेशल जज विशाल गोगने ने सीबीआई को आदेश दिया कि मृत आरोपियों की पूरी सूची और स्थिति कोर्ट में प्रस्तुत की जाए।
यही वजह रही कि कोर्ट ने अपना फैसला तीन बार टाल दिया—
• पहले 10 नवंबर,
• फिर 4 दिसंबर,
• और उससे पहले भी एक बार।
25 अगस्त को ही कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। ऐसे में आज की तारीख को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
यह भी पढ़े : https://livebihar.com/bihar-politics-rjd-leadership-crisis/
Lalu Prasad Yadav Case: दो चार्जशीट, 78 आरोपी और लंबा कानूनी सफर
सीबीआई ने इस मामले में दो चरणों में चार्जशीट दायर की—
• पहली चार्जशीट: 7 अक्टूबर 2022
• लालू यादव
• राबड़ी देवी
• मीसा भारती
• और अन्य कुल 16 आरोपी
• अंतिम चार्जशीट: 7 जून 2024
• कुल 78 आरोपी
• जिनमें 38 ऐसे लोग भी शामिल हैं जिन्हें कथित तौर पर रेलवे की नौकरी मिली थी।
सुप्रीम कोर्ट पहले ही ट्रायल रोकने से इनकार कर चुका है, इसलिए अब पूरा मामला निचली अदालत के फैसले पर निर्भर करता है।
Lalu Prasad Yadav Case: तेजस्वी-राबड़ी की मुश्किलें क्यों बढ़ीं?
यह केवल लालू यादव का केस नहीं है।
इसमें राबड़ी देवी और मीसा भारती सहित लालू परिवार के कई सदस्य नामजद हैं।
आज फैसला आता है तो—
• लालू फिर जेल जा सकते हैं
• या राहत भी मिल सकती है
• राबड़ी-तेजस्वी की कानूनी जटिलताएँ भी बढ़ सकती हैं
राजनीतिक तौर पर इस निर्णय का सीधा असर RJD के भविष्य और बिहार की राजनीति के समीकरणों पर पड़ सकता है।
Do Follow us. : https://www.facebook.com/share/1CWTaAHLaw/?mibextid=wwXIfr
Lalu Prasad Yadav Case: बिहार की सियासत में क्यों मची हलचल?
इस केस का फैसला सिर्फ कानूनी नहीं—
यह राजनीतिक भविष्य से भी जुड़ा है।
कारण:
• RJD पहले ही हार की समीक्षा बैठक में बगावत और संगठनात्मक कमजोरी से जूझ रही है।
• आज का फैसला पार्टी की साख, नेतृत्व और रणनीति—तीनों पर असर डाल सकता है।
• फैसले के बाद बिहार की राजनीति में नए समीकरण बनने की संभावना भी जताई जा रही है।
यानी आज का दिन सिर्फ कोर्ट रूम का नहीं…
यह बिहार की सियासी दिशा का भी दिन है।
सबकी नज़र राउज़ एवेन्यू कोर्ट पर
लैंड फ़ॉर जॉब केस वर्षों से राजनीतिक विवाद का केंद्र रहा है, और आज की सुनवाई उस दिशा में सबसे अहम मोड़ हो सकती है। फैसला चाहे जैसा हो—यह तय है कि इसका प्रभाव लालू परिवार की राजनीति, RJD की रणनीति और बिहार के राजनीतिक माहौल पर गहरा पड़ेगा।
Do Follow us. : https://www.youtube.com/results?search_query=livebihar

