Anant Singh New Bunglow : पटना में नया सरकारी डुप्लेक्स मिला, लेकिन क्या शिफ्ट होंगे ‘छोटे सरकार’?
पटना की सियासी गलियों में इन दिनों सिर्फ एक ही नाम घूम रहा है—मोकामा के ताकतवर विधायक अनंत सिंह। उन्हीं अनंत सिंह को, जिन्हें लोग प्यार से “छोटे सरकार” कहते हैं। और चर्चा की वजह उनका बयान, तेवर या विवाद नहीं… बल्कि बिहार सरकार द्वारा आवंटित किया गया नया सरकारी डुप्लेक्स है।
- Anant Singh New Bunglow : पटना में नया सरकारी डुप्लेक्स मिला, लेकिन क्या शिफ्ट होंगे ‘छोटे सरकार’?
- Anant Singh New Bunglow : माल रोड का ‘मिनी महल’—जहाँ घोड़े, गाड़ियाँ और हज़ारों समर्थक समा जाते हैं
- Anant Singh New Bunglow : नया डुप्लेक्स—सरकारी है पर ‘छोटे सरकार’ की lifestyle फिट होगी?
- Anant Singh New Bunglow : राजनीति का ट्विस्ट—नया घर मिला, लेकिन ‘छोटे सरकार’ फिलहाल जेल में हैं
- Anant Singh New Bunglow: राजनीतिक दिलचस्पी बढ़ी—सरकार ने आवंटित किया, पर फैसला छोटे सरकार का
बिहार भवन निर्माण विभाग की ताज़ा सूची के मुताबिक, पटना के वीरचंद पटेल पथ स्थित डुप्लेक्स फ्लैट नंबर 8/11 अब आधिकारिक तौर पर अनंत सिंह के नाम पर आवंटित हो चुका है। फ्लैट के बाहर “मोकामा—178 विधानसभा” की चमचमाती तख्ती भी लगा दी गई है। लेकिन असली सवाल तख्ती से बड़ा है—
क्या अब छोटे सरकार अपना माल रोड वाला मिनी महल खाली करेंगे?
Anant Singh New Bunglow : माल रोड का ‘मिनी महल’—जहाँ घोड़े, गाड़ियाँ और हज़ारों समर्थक समा जाते हैं

माल रोड स्थित अनंत सिंह का पुराना बंगला किसी साधारण MLA क्वार्टर जैसा बिल्कुल भी नहीं है।
लोग इसे मज़ाक-मज़ाक में “मिनी महल” कहते हैं, और वजह भी साफ है—
– विशाल परिसर
– घोड़ों के लिए बना निजी अस्तबल
– लग्ज़री गाड़ियों की लंबी लाइन
– और चुनाव जीतने पर हज़ारों लोगों के भोज तक की क्षमता
यह बंगला अनंत सिंह की पर्सनैलिटी की तरह ही दमदार है—फैली हुई ज़मीन, शानदार इमारत और लंबे समय से उनकी राजनीतिक पहचान का मूल ठिकाना।
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Anant Singh New Bunglow : नया डुप्लेक्स—सरकारी है पर ‘छोटे सरकार’ की lifestyle फिट होगी?
अब बात नए सरकारी आवास की।
डुप्लेक्स साफ-सुथरा है, आधुनिक है और बिल्कुल सरकारी प्रोटोकॉल वाला।
लेकिन समस्या यह नहीं है कि घर छोटा है… समस्या यह है कि अनंत सिंह बड़े हैं।
नए डुप्लेक्स की सीमाएँ:
– सिर्फ एक कार पार्किंग स्पेस
– घोड़ों या गायों के लिए कोई जगह नहीं
– परिसर छोटा
– खुले मैदान जैसी जगह नहीं
– सुरक्षा व्यवस्था के हिसाब से भी कम अनुकूल
यानी, घोड़े कहाँ रहेंगे? गाड़ियाँ कहाँ खड़ी होंगी? समर्थक कहाँ बैठेंगे?
सवाल एक नहीं, कई हैं।
इसीलिए पटना में राजनीतिक फुसफुसाहटें तेज़ हैं—
क्या अनंत सिंह इस डुप्लेक्स में शिफ्ट होंगे या पुराने बंगले पर ही डटे रहेंगे?
Anant Singh New Bunglow : राजनीति का ट्विस्ट—नया घर मिला, लेकिन ‘छोटे सरकार’ फिलहाल जेल में हैं
दिलचस्प बात यह है कि अनंत सिंह इस समय जेल में बंद हैं।
अर्थात—सरकार ने घर दे दिया, लेकिन रहने वाला अभी बाहर नहीं है।
चाबी मिल चुकी है, फ्लैट तय हो चुका है, तख्ती भी लग चुकी है—
लेकिन रहने का समय कब आएगा, इसका जवाब किसी के पास नहीं।
इसी बीच राजनीतिक गलियारों में खुसर-पुसर यही है कि—
“घर छोटा है”,
“अनंत सिंह की lifestyle फिट नहीं होगी”,
“घोड़े कहाँ जाएंगे?”
“क्या सरकार जानबूझकर छोटा घर दे रही है?”
बहसें जारी हैं, व्याख्याएँ जारी हैं, और पटना की गलियों में सिर्फ एक ही प्रश्न गूंज रहा है—
क्या छोटे सरकार नए सरकारी मकान में शिफ्ट होंगे?
या माल रोड वाला मिनी महल ही उनका स्थायी सत्ता केंद्र रहेगा?
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Anant Singh New Bunglow: राजनीतिक दिलचस्पी बढ़ी—सरकार ने आवंटित किया, पर फैसला छोटे सरकार का
भवन निर्माण विभाग का आदेश स्पष्ट है—सभी विधायकों को नए सिरे से डुप्लेक्स आवंटित किए गए हैं।
यह फ्लैट पहले MLC सुनील सिंह को मिला हुआ था, और अब यह छोटा सरकार की लिस्ट में आ चुका है।
लेकिन सवाल सरकार का नहीं—निर्णय का है।
और पटना जानता है कि निर्णय वही करेगा, जिसके नाम के आगे पटना में लोग इज्जत से “छोटे सरकार” जोड़ते हैं।
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