Land For Job Case : लालू परिवार को मिला अहम कोर्ट फ़ैसला-7 दिन की बड़ी राहत

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राउज़ एवेन्यू अदालत में Land For Job Case की सुनवाई

Land For Job Case: लालू परिवार को मिली राहत पर बढ़ा सियासी ताप

Land For Job Case की चर्चा एक बार फिर तेज हो गई है, क्योंकि दिल्ली की राउज़ एवेन्यू अदालत ने इस बहुचर्चित घोटाले में लालू परिवार को पाँच दिनों की अतिरिक्त राहत दे दी है। सीबीआई द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों के बीच अदालत ने चार्ज फ्रेमिंग की प्रक्रिया को फिर आगे बढ़ाते हुए अगली सुनवाई 15 दिसंबर तय कर दी है। इस फैसले के बाद जहाँ लालू परिवार को फिलहाल राहत मिली है, वहीं राजनीतिक गलियारों में हलचल और तेज हो गई है। Land For Job Case लगातार सुर्खियों में रहा है और हर तारीख के साथ इस पर पूरे देश की नजर टिकी रहती है।

Land For Job Case: अदालत में क्या हुआ?

दिल्ली की राउज़ एवेन्यू अदालत में शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान सीबीआई ने अदालत को अवगत कराया कि मामले में 103 आरोपी हैं, जिनमें से चार की मृत्यु हो चुकी है। एजेंसी ने स्पष्ट कहा कि सभी आरोपियों से संबंधित दस्तावेज़ों की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है, इसलिए इस चरण में चार्ज फ्रेम करना संभव नहीं है।
विशेष सीबीआई जज विशाल गोगने ने तर्कों को सुनने के बाद चार्ज तय करने का आदेश टाल दिया। इससे पहले 8 दिसंबर की सुनवाई में भी सीबीआई ने अतिरिक्त समय की माँग की थी ताकि सभी आरोपियों की स्थिति और दस्तावेज़ों की पुष्टि की जा सके।

अदालत ने सीबीआई को पहले ही निर्देश दिया था कि वह सभी आरोपियों से संबंधित अपडेटेड स्टेटस रिपोर्ट जमा करे, ताकि यह आकलन किया जा सके कि आरोप तय करने के लिए पर्याप्त आधार मौजूद है या नहीं।

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Land For Job Case: घोटाले का पूरा विवाद क्या है?

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Land For Job Case में कोर आरोप यह है कि 2004 से 2009 के बीच लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते हुए रेलवे के पश्चिम मध्य क्षेत्र, जबलपुर में ग्रुप-डी की अवैध नियुक्तियाँ की गईं।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, नौकरी पाने वाले कई उम्मीदवारों ने नौकरी मिलने के बदले लालू परिवार और सहयोगियों के नाम पर जमीनें उपहार के रूप में हस्तांतरित कर दीं। यही कथित “जमीन के बदले नौकरी घोटाला” उस समय का सबसे बड़ा राजनीतिक विवाद बन गया।

सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव सहित कई लोगों के खिलाफ विस्तृत चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें कई धाराओं के तहत गंभीर आरोप शामिल हैं।

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Land For Job Case: लगातार टल रही सुनवाई से बढ़ी अनिश्चितता

Land For Job Case की लगातार टलती सुनवाई इसे और जटिल बनाती जा रही है। पिछले कुछ महीनों से अदालत कई बार तारीख बढ़ा चुकी है, जिससे कानूनी प्रक्रिया लंबी होती जा रही है।
15 दिसंबर को होने वाली अगली सुनवाई को इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि अदालत यह तय करेगी कि क्या चार्ज फ्रेमिंग की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी या नहीं।

राजनीतिक दृष्टि से यह मामला बेहद संवेदनशील है और बिहार की राजनीति में इसका प्रभाव लगातार देखा जा रहा है। राजद इसे राजनीति से प्रेरित केस बताता रहा है, जबकि विरोधी दल पारदर्शी जांच की माँग करते रहे हैं।

Land For Job Case: क्या अगली सुनवाई में तय होंगे आरोप?

अब नजरें 15 दिसंबर की सुनवाई पर हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस बार दस्तावेज़ी प्रक्रिया पूरी हो जाती है तो अदालत चार्ज फ्रेमिंग की तरफ बढ़ सकती है। लेकिन अगर एक बार फिर कोई कमी या लंबित दस्तावेज़ सामने आते हैं तो सुनवाई आगे खिसकने की संभावना भी बनी हुई है।

फिलहाल, लालू परिवार के लिए यह राहत अस्थायी है, लेकिन इस केस पर पूरे देश की नजर रहने वाली है कि आगे कानूनी प्रक्रिया किस दिशा में जाती है।

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