बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में छपरा सीट से हार के बाद भोजपुरी सुपरस्टार और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता खेसारी लाल यादव एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार वजह है उनका एक भावुक और विवादास्पद बयान, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। खेसारी ने साफ कहा है कि वह राजनीति में आना नहीं चाहते थे, लेकिन परिस्थितियां ऐसी बनीं कि उन्हें चुनाव लड़ना पड़ा। इस बयान ने न सिर्फ उनके समर्थकों को भावुक कर दिया है, बल्कि बिहार की राजनीति में भी नई बहस छेड़ दी है।
Khesari Yadav: छपरा सीट पर क्यों था पूरे देश की नजर
जब आरजेडी ने छपरा विधानसभा सीट से खेसारी लाल यादव को उम्मीदवार घोषित किया, तब यह सीट अचानक बिहार की सबसे चर्चित सीटों में शामिल हो गई। भोजपुरी सिनेमा के बड़े स्टार होने के कारण खेसारी की लोकप्रियता का असर चुनावी माहौल पर साफ दिख रहा था। उनके नामांकन के बाद सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक यह चर्चा तेज हो गई थी कि क्या एक फिल्म स्टार राजनीति में बड़ा उलटफेर कर पाएगा।
चुनाव प्रचार के दौरान खेसारी लाल यादव ने छपरा में कई जनसभाएं कीं। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव भी उनके समर्थन में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे। इससे यह संदेश गया कि महागठबंधन इस सीट को लेकर पूरी तरह गंभीर है।
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Khesari Yadav: चुनावी नतीजा और खेसारी की हार
चुनाव परिणाम आए तो तस्वीर बदल चुकी थी। छपरा सीट से एनडीए उम्मीदवार छोटी कुमारी ने खेसारी लाल यादव को करीब 8000 वोटों से हरा दिया। यह हार खेसारी के समर्थकों के लिए बड़ा झटका थी, क्योंकि चुनाव से पहले मुकाबला बेहद कांटे का माना जा रहा था।
खेसारी लाल यादव की हार के बाद यह सवाल उठने लगा कि क्या स्टारडम चुनाव जीतने के लिए काफी नहीं होता, या फिर जमीनी राजनीति की समझ ज्यादा जरूरी होती है।
Khesari Yadav: “राजनीति मेरे बस की बात नहीं” – वायरल बयान
चुनाव हारने के बाद खेसारी लाल यादव का एक वीडियो सामने आया, जो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में खेसारी कहते हैं—
“मुझे राजनीति करनी नहीं आती। मैं राजनीति में आना ही नहीं चाहता था, लेकिन परिस्थितियां ऐसी बनीं कि मुझे चुनाव लड़ना पड़ा।”
उन्होंने आगे कहा कि इस चुनाव ने उन्हें यह भी सिखाया कि कौन उनका सच्चा अपना है और कौन सिर्फ मौके का साथी। यह बयान उनके समर्थकों को भावुक कर गया, जबकि राजनीतिक विश्लेषकों ने इसे हार के बाद की हताशा से जोड़कर देखा।
ईवीएम पर उठे सवाल
वायरल बयान में खेसारी लाल यादव ने ईवीएम को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा—
“आदमी से कोई भी जीत सकता है, लेकिन मशीन से नहीं।”
उनके इस बयान के बाद सियासी हलकों में बहस तेज हो गई है। हालांकि, चुनाव आयोग या प्रशासन की ओर से ईवीएम को लेकर किसी गड़बड़ी की पुष्टि नहीं की गई है। विपक्षी दलों के नेताओं का कहना है कि हार के बाद इस तरह के बयान राजनीतिक निराशा का नतीजा होते हैं।
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Khesari Yadav: राजनीति बनाम स्टारडम: खेसारी की चुनौती
खेसारी लाल यादव की राजनीति में एंट्री को लेकर पहले से ही सवाल उठते रहे हैं। एक तरफ भोजपुरी सिनेमा में उनकी जबरदस्त फैन फॉलोइंग है, तो दूसरी तरफ राजनीति एक अलग ही तरह की जमीन मांगती है। छपरा सीट से मिली हार ने यह साफ कर दिया है कि लोकप्रियता और चुनावी जीत के बीच बड़ा अंतर हो सकता है।
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि अगर खेसारी भविष्य में राजनीति में सक्रिय रहना चाहते हैं, तो उन्हें जमीनी मुद्दों और संगठनात्मक राजनीति पर ज्यादा काम करना होगा।
Khesari Yadav: आगे क्या करेंगे खेसारी लाल यादव?
फिलहाल खेसारी लाल यादव ने राजनीति से दूरी बनाने के संकेत दिए हैं। उनके बयान से ऐसा लगता है कि वह फिर से अपने फिल्मी करियर पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं। हालांकि, आरजेडी के भीतर अब भी यह चर्चा है कि पार्टी भविष्य में उन्हें किसी अन्य भूमिका में ला सकती है।
छपरा से हार के बावजूद खेसारी लाल यादव का बयान यह साबित करता है कि वह अभी भी जनता के बीच चर्चा का केंद्र बने हुए हैं।
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